अधिगम का आकलन क्या है? (What is assessment of learning)
अधिगम का आकलन क्या है? – विद्यार्थी क्या जानते हैं और क्या उन्होंने पाठ्यक्रम के परिणाम को पूरा कर लिया है, या अपने व्यक्तिगत कार्यक्रमों के लक्ष्यों को या दक्षता को स्पष्ट करने के लिए और विद्यार्थियों के भावी कार्यक्रम की पुष्टि करने के लिए अभिकल्पित रणनीतियाँ प्राप्त कर ली हैं, को जानने के लिए अधिगम का आंकलन किया जाता है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की उपलब्धि के साक्ष्य अभिभावकों, अन्य शिक्षा प्रदान करने वालों, स्वयं विद्यार्थियों और कभी-कभी बाह्य समूहों (जैसे, नियोक्ताओं, अन्य शैक्षिक संस्थाओं) को प्रदान करने के लिए अभिकल्पित करना है।
अधिगम का आंकलन वह आंकलन है जो सार्वजनिक जाता है और जिसका परिणाम कथन या प्रतीकों में विद्यार्थी कितनी भली प्रकार सीख रहा है के सम्बन्ध में होता है। यह प्रायः विद्यार्थियों के भविष्य के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण निर्णयों में योगदान प्रदान करता है। अतः यह महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा अन्तर्निहित तर्क और अधिगम के आंकलन का माप विश्वसनीय और रक्षायुक्त होता है।
आकलन का उद्देश्य विशेष रूप से शिक्षण अवधि के अन्त में यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि शैक्षिक लक्ष्य किस सीमा तक प्राप्त कर लिए गए हैं तथा विद्यार्थी की उपलब्धि के लिए ग्रेड या प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार “के आंकलन का उद्देश्य प्रायः योगात्मक है और इसका अधिकांशत: कार्य, पाठन की इकाई की अवधि के अन्त में किया जाता है।
अधिगम के आंकलन में अध्यापकों की भूमिकाएं (Teachers’ in Assessment of Learning)
क्योंकि अधिगम के आंकलन के परिणाम प्राय: दूरगामी होते हैं और विद्यार्थियों को गम्भीरता से प्रभावित करते हैं, अतः अध्यापकों का वह उत्तरदायित्व बनता है कि वे विद्यार्थियों के अधिगम की सही-सही सूचना जो विभिन्न प्रकार के सन्दर्भों और आरोपणों के साक्ष्यों से प्राप्त की गई हो, को प्रदान करें। प्रभावकारी आंकलन की यह आवश्यकता है कि अध्यापक अग्रांकित सूचना प्रदान करें
1. अधिगम के आंकलन विशेष का किसी समय विशेष पर लेने का कारण।
2. अभिप्रायित अधिगम का स्पष्ट वर्णन।
3. प्रक्रियाएँ जिनके द्वारा विद्यार्थियों के लिए अपनी सामर्थ्य और कौशल दर्शाना सम्भव हो।
4. एक ही परिणामों के आंकलन के लिए वैकल्पिक यांत्रिकताओं का विस्तार प्रदान करने वाली प्रक्रियाओं को अपनाना।
5. निर्णय लेने के लिए सार्वजनिक और रक्षात्मक सन्दर्भ बिन्दु इंगित करना।
6. व्याख्या के पारदर्शी उपागम अपनाना।
7. आंकलन प्रक्रियाओं का वर्णन देना।
8. निर्णयों के सम्बन्ध में असहमति होने पर वैकल्पिक रणनीति तैयार करना।
अपने अध्यापकों की सहायता से, विद्यार्थी अधिगम कार्य के आंकलन को आगे आ सकते हैं, जो उनकी योग्यता और साथ ही अधिगम के विस्तार और गहराई को दर्शाने का अवसर प्रदान करेगा।
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