इकाई योजना से आप क्या समझते हैं?
योजनाबद्ध शिक्षण के लिए इकाई योजना आवश्यक मानी जाती है । पाठ्यक्रम या पाठ्यचर्या को विभिन्न इकाईयों में विभक्त किया जा सकता है। इसके बाद इकाईयों को पाठों में विभक्त कर सकते हैं। इकाई योजना बनाने के पश्चात् पाठ-योजना बनाना सरल हो जाता है। इकाई परस्पर सम्बन्ध ज्ञान अनुभव एवं क्रियाओं का वह संगठित रूप है जो स्वयं में पूर्ण होता है और जिसके द्वारा निर्धारित शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति एवं आपेक्षित व्यवहार परिवर्तन में सफलता प्राप्त होती है। अतः इकाई से अभिप्राय क्रियाओं का संगठन है।
पाठ योजना — पाठ-योजना इकाई योजना का एक उपभाग है जिसमें शिक्षक क विशेष समय-चक्र (Period) से संबंधित शिक्षण योजना तैयार करता है। यदि पाठ-योजना ठीक ढंग से नहीं बनायी गई तो कक्षा में आवश्यक सीखने की क्रिया नहीं हो पायेगी। पाठ-योजना ऐसे शिक्षकों के लिए और भी महत्वपूर्ण है जो शिक्षण व्यवसाय में नये हैं। पाठ-योजना कोई ऐसी रूप रेखा नहीं है जिसका शिक्षक को प्रत्येक स्थिति में पालन करना पड़े । पाठ-योजना तो पथ-प्रदर्शक है, यह कक्षा की क्रियाओं के अनुक्रम का अभिसूचक है, महत्वपूर्ण शिक्षण बिन्दुओं की सूची है और वांछनीय क्रियाओं और पद्धतियों से संबंधित ऐसे सुझाव हैं जिन्हें कक्षा-कालांश में काम में लाया जा सकता है। शिक्षक को इसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन लाने का अधिकार है । यह उसके तथा सीखने वाले कार्यों की एक लिखित योजना है।
पाठ-योजना के भेद
पाठ-योजना दो प्रकार के होती हैं—
1. विस्तृत पाठ योजना – इस प्रकार की पाठ-योजना को अध्यापक विस्तृत रूप से तैयार करता है। इसमें शिक्षक तथा छात्रों द्वारा की जाने वाली सभी क्रियाओं को पूरा ब्यौरा होता है । इस प्रकार की पाठ-योजना में निम्नलिखित सोपान हो सकते हैं— (i) उद्देश्य, (ii) पूर्व ज्ञान, (iii) शिक्षण विधि, (iv) शिक्षण-सामग्री, (v) पाठ-प्रस्तुतीकरण, (vi) गृह-कार्य
2. संक्षिप्त पाठ-योजना — इस प्रकार की पाठ-योजना कार्यरत शिक्षकों के लिए होती है इनके पास विस्तृत पाठ योजना को लिखने के लिए समय का अभाव हो सकता है। इस प्रकार की पाठ-योजना में निम्नलिखित बातों को सम्मिलित किया जाता है- (अ) पाठ उद्देश्य (ii) शिक्षण बिन्दु (iii) शिक्षण-विधि तथा (iv) गृह-कार्य।
इकाई योजना और पाठ योजना में अंतर
पाठ योजना — सर्वप्रथम प्रस्तुत करने का श्रेय हरबर्ट स्पेंसर को जाता है।
- ऐसी योजना जो कि सिर्फ 1 दिन या कालांश के लिए निर्मित की जाती है।
- जबकि पाठ योजना को हम कागज पर स्पष्ट रूप से अंकित की जाने वाली पाठ रूपरेखा कह सकते हैं जिसमें पाठ से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण तथ्य स्पष्ट रूप से आ जाते हैं— जोसेफ लैण्डन।
- वास्तव में पाठ योजना शिक्षण का एक प्रारूप है जिसमें इस बात का विवरण प्राप्त होता है। शिक्षक को क्या-क्या उपलब्धियाँ प्राप्त करनी होती है तथा एक घंटे के अन्दर प्राप्त किया जा सकता है।
- आदर्श पाठ योजना में एक कालांश का 35-40 मिनट होता है।
इकाई योजना– हेनरी सी. मॉरिसन को 1956 में सर्वप्रथम पाठ योजना तैयार करने का श्रेय प्राप्त है।
- इकाई विधि में सर्वप्रथम हरबर्ट ने जो प्रस्तुत की उसे हरबर्ट की पंचपदी कहा जाता है।
- इस विधि में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को कुछ खण्डों में बाँटकर ‘यूनिट’ बना ली जाती है और प्रत्येक यूनिट में उससे सम्बन्धित पाठ होते हैं।
- इकाई अनुभवों तथा सूचनाओं के उस संगठन को कहते हैं जो सीखने वाले (छात्रों) के लिए महत्त्वपूर्ण परिणाम उत्पन्न करने में सहायक हो- ( बैसले)।
इकाई योजना
- विषय-वस्तु की इकाई योजना (इसमें दो कालांश की संख्या)
- अनुभव केन्द्रित योजना
इकाई पाठ योजना के प्रारूप में अंतिम बिन्दु मूल्यांकन और गृहकार्य है। इस प्रकार हम देखते हैं कि इकाई योजना एवं पाठ योजना में अन्तर निम्न रूप में देखा जा सकता है। पाठ-योजना एक वृहत् रूप है जबकि इकाई योजना उसका लघु रूप है।
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