भारतीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रमुख उपाय
भारतीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रमुख उपायों का वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है-
(1) कृषि पर से जनसंख्या के भार को कम करने का प्रयास करना चाहिये।
(2) जिन किसानों पर अतिरिक्त भूमि है उनसे उस भूमि को सरकार द्वारा कुछ धनराशि प्रदान करके ग्रहण कर लेना चाहिये तथा जो भूमिहीन या कम भूमि वाले किसान हैं, उनको प्रदान कर देना चाहिये।
(3) किसानों को भूक्षरण से होने वाली हानियों के बारे में ज्ञान कराते हुए उनको भूक्षरण रोकने की विधियों के बारे में बताना चाहिये, जिससे भूक्षरण की समस्या का समाधान हो सके तथा उत्पादकता बढ़ सके।
(4) किसानों के लिये ऋण सम्बन्धी औपचारिकताओं में कमी करनी चाहिये क्योंकि अधिक औपचारिकताओं से दुःखी होकर किसान ऋण लेना बन्द कर देता है।
(5) किसानों को ज्ञान प्रदान करने के लिये दूरदर्शन पर किसान चैनल एवं रेडियो के माध्यम से किसानों को कृषि क्षेत्र में होने वाले विविध अनुसन्धानों एवं सूचनाओं का ज्ञान प्रदान किया जाता है।
(6) सरकार को जमीन की आवश्यकता एवं उर्वरकता के आधार पर अच्छे बीजों का अनुसन्धान करने की व्यवस्था करनी चाहिये तथा किसानों को इसकी सूचना उपलब्ध करानी चाहिये।
(7) कृषि उपकरण, उर्वरक एवं बीजों के मूल्य कम रखने चाहिये। सरकार को कृषि सम्बन्धी उपकरणों पर किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं लगाना चाहिये।
(8) जिन क्षेत्रों में नहर की सुविधा, तालाब एवं बाँध की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहाँ सरकार को नलकूप लगाने की किसानों को अनुमति देनी चाहिये।
(9) किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिये, जिससे उनको कृषि अनुसन्धान केन्द्रों से बात करने, अपनी समस्या प्रस्तुत करने तथा विविध अनुसन्धानों के विषय में जानकारी करने की प्रक्रिया ज्ञात हो सके। इसके लिये उनको टोल फ्री नम्बर भी प्रदान किये गये हैं।
(10) सरकार द्वारा फसल बीमा योजना को व्यापक रूप प्रदान करना चाहिये, जिससे जिन क्षेत्रों में सूखा, ओले एवं अधिक वर्षा के कारण फसल नष्ट हो जाती है।
(11) किसानों को फसल में आने वाले रोगों के नाम एवं उनसे सम्बन्धित दवाओं के बारे में बताना चाहिये, उनका छिड़काव करने की विधि के बारे में भी बताया जाना चाहिये।
(12) किसानों के दृष्टिकोण में वैज्ञानिकता का समावेश करना चाहिये, जिससे किसान कृषि क्षेत्र में जादू एवं टोटकों पर विश्वास न करे।
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