जैव विविधता का अर्थ
जैव विविधता एक नवीन प्रत्यय है। एक सूक्ष्म जीव-मण्डल में पाए जाने वाले समस्त पौधे, जीवों तथा जन्तुओं के मध्य विभिन्नता को प्रदर्शित करना जैव विविधता है। इस प्रकार जैव विविधता एक सामूहिक अथवा समूह रूप है जिसमें जीव मण्डल के सभी प्रकार के सजीव प्राणी, पौधे, सूक्ष्म जीव-जन्तु एवं पशु सम्मिलित होते हैं। साथ ही इनमें प्रजातियों के बीच तथा उनके अन्दर पारितन्त्र की विविधता भी समाहित होती है। जैव विविधता में पृथ्वी के सभी पारितन्त्रों स्थल, जलमण्डल तथा वायुमण्डल के सभी सजीव एवं निर्जीव वस्तुओं के परस्पर व्यवहार क्रियाओं को लिया जाता है जिसके द्वारा यही विविधता सभी प्रकार के भोज्य पदार्थों को प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराती है। इसके परिणामस्वरूप अनेक प्रकार की सांस्कृतिक व सामाजिक विविधता का जन्म हुआ है। इसी से विभिन्न परम्पराएँ, रीति-रिवाज, पारस्परिक गतिविधियाँ विद्यमान हैं। जैव विविधता के कारण ही वायुमण्डल का रख-रखाव, जलीय क्षेत्रों की सुरक्षा, अधिक ताप पर नियन्त्रण, मिट्टी की पुनः संरचना, मिट्टी के उपजाऊपन को बनाए रखना, जल की स्वच्छता, भोजन, पानी, औषधियों तथा उद्योगों हेतु कच्चा माल प्राप्त हो रहा है।
यहाँ जैव विविधता से आशय जीवमण्डल के समस्त जीवों में उस परिवर्तन से है जिसमें प्रथम, आबादी अर्थात् एक स्थान पर एक ही प्रजाति के लोगों का समूह, दूसरा, समुदाय एक ही स्थान पर कई प्रकार की आबादियों का समूह, तीसरे, प्रजाति-भिन्न-भिन्न प्रकार के प्राणी वर्ग या वनस्पतियाँ तथा चौथे, पारितन्त्र- सम्पूर्ण समुदाय सजीव तथा निर्जीव वस्तुओं से मिल कर कार्यरत एक तन्त्र । वस्तुतः जैव विविधता वह समन्वित रूप है जिसमें पृथ्वी पर सभी सजीव प्राणी-पौधे, पशु, सूक्ष्म जीव-जन्तु निहित होते हैं जिसके अन्तर्गत प्रजातियों के मध्य तथा अन्दर विविधता होती है।
जनसामान्य के लिए जैव विविधता का महत्त्व / लाभ
जनसामान्य के लिए जैव विविधता के निम्नलिखित महत्त्व / लाभ हैं-
1. जैव विविधता हमें स्वस्थ रखती है- जैव विविधता का एक महत्त्वपूर्ण योगदान इसके द्वारा निर्मित जंगल और वन्य प्रजाति से सम्बन्धित है। वह यह है कि यह हमें स्वस्थ रखती है। प्राचीन काल में विश्व में शत-प्रतिशत औषधियाँ केवल पेड़-पौधों अथवा विभिन्न पशुओं और जीव-जन्तुओं से ही प्राप्त होती थीं और आज से 50 वर्ष पूर्व भी लगभग तीन अरब मनुष्य जंगली जड़ी-बूटियों और उनसे निर्मित विभिन्न दवाइयों पर ही आधारित थे। आज भी अनेक शोधों के बावजूद इन विविध प्रजातियों को नकारा नहीं गया है। चीन में 5,100 प्रजातियों, अमेरिका में 3,000 प्रजातियों का आज भी उपयोग एण्टीबायोटिक तथा अन्य दवाइयों को बनाने में होता है। भारत में तो प्राचीन काल से ही पूरी आयुर्विज्ञान उपचार प्रणाली इन घरेलू और जंगली पेड़-पौधों पर आधारित है। अनेक एलोपैथिक उपचारों में केवल नाम अंग्रेजी के हैं, जबकि दवाई में अन्तर्वस्तु सभी सामान्य पौधों के तत्त्व हैं। निश्चित ही यह प्रभावी उपचार प्रणालियाँ जैविक विविधता की पहचान कराती हैं।
2. खाने पर हमें जैव विविधता मिलती है- खाने की मेज पर उपलब्ध भोज्य सामग्री, अन्न, माँस, मछली, अण्डे, दूध-दही, आइसक्रीम, फल, सब्जियाँ, अचार और अन्य सामग्री सभी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जैविक विविधता का प्रतिफल हैं। खेतों से आहार, पशुओं से दूध, समुद्र से मांसाहारी पदार्थ, मुर्गियों से अण्डे आदि जीव विविधता से निरन्तर मिलते रहते हैं। जैविक विविधता गुणवत्ता बनाए रखती है।
3. हम जैविक विविधता में जीते हैं- पृथ्वी की सभी चीजें जो हमें निरापद रूप से मिल पाती हैं, उनका श्रेय जैविक विविधता को जाता है। पीने योग्य पानी, स्वच्छ वायु, उपजाऊ मिट्टी जिससे हमें अन्न मिलता है, इसी की देन है। पेड़ों से ऑक्सीजन का मिलना, फैक्टरियों से निकली कार्बन डाई ऑक्साइड को आत्मसात करना, घर और कार्यालय को शुद्ध हवा उपलब्ध कराना, खेतों में अनेक जीवों से अन्न को सुरक्षित रखना, अनेक कीड़े-मकोड़ों की सहायता से मिट्टी को उपजाऊ बनाना आदि विविध कार्य जैविक विविधता की महत्ता को ही बताते हैं। एक प्रकार से हम यह कह सकते हैं कि यह सुखमय जीवन के विभिन्न आयामों का स्रोत है।
4. जैविक विविधता हमारे व्यक्तित्व में नयापन लाती है- हमारी पारम्परिक गतिविधियों में विविधताओं की समाविष्टि ने मनुष्य के जीवन में अनेक परिवर्तन किए हैं। केवल भोजन, आवास और कपड़ा ही नहीं बल्कि आमोद-प्रमोद की विविधता, रीति-रिवाजों में से पारम्परिक एकाकीपन का अलगाव, रहने-सहने के नए रंग-ढंग, स्वस्थ और स्वच्छ जीवन-शैली की पद्धति, वार्तालाप का उल्लसित और उमंग भरा तरीका आदि सभी ने मनुष्य के व्यक्तित्व में एक ऐसा नयापन ला दिया है जिससे जीवन दर्शन का स्वरूप प्रसन्नतामय, सुखमय और शान्तिपूर्ण हो गया है। अप्रत्यक्ष रूप से यह सब जैविक विविधता के फलस्वरूप ही है।
5. जैविक विविधता हमें भोजन, आवास और कपड़ा उपलब्ध कराती है- किसी भी देश का कृषि क्षेत्र केवल अन्न उपजाने तथा अन्य उत्पाद देने हेतु साध्य ही नहीं है बल्कि इसके साथ साथ यह जैविक विविधता का भण्डार भी होते हैं जिनकी सुरक्षा और संरक्षण से ही हम अपना जीवन यापन कर पा रहे हैं। आवास हेतु लकड़ी, कपड़ों हेतु रुई, ऊन व अन्य पदार्थ और भोजन के रूप में अनेक प्रकार के अन्न, फल, सब्जियाँ, माँस, मछली, दूध, क्रीम और इन सभी की अनेकानेक किस्में जैविक विविधता की ही देन हैं।
6. जैव विविधता पारम्परिक शैलियों अर्थात् परम्परागत तरीकों को बनाए रखने के मूल्य हमारा सम्बन्ध जोड़े रखती है।
7. जैव विविधता हमारी आर्थिक सम्पन्नता में वृद्धि करती है।
8. जैव विविधता हमारी पृथ्वी की सुरक्षा करती है एवं इसे स्वच्छ रखती है।
9. जैव विविधता हमें अपने विविध स्वरूपों के माध्यम से हमारे जीवन को सुखद बनाती है।
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