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जीवन कौशल का अर्थ, जीवन कौशल शिक्षा के उद्देश्य, जीवन कौशल शिक्षा की आवश्यकता

जीवन कौशल का अर्थ
जीवन कौशल का अर्थ

जीवन कौशल का अर्थ

जीवन कौशल का अर्थ- यह अनुकूली तथा सकारात्मक व्यवहार की योग्यताएँ हैं जो व्यक्तियों को दैनिक जीवन की माँगों और चुनौतियों तथा प्रभाव तरीके निपटने के लिए सक्षम बनाती हैं। ये जीवन कौशल सीखे जा सकते हैं तथा उनमें सुधार भी किया जा सकता है। आग्रहिता, समय प्रबन्धन, सविवक चिंतन, सम्बन्धों में सुधार, स्वयं की देखभाल के साथ-साथ ऐसी असहायक आदतों, जैसे पूर्णतावादी होना, विलम्बन या टालना इत्यादि से मुक्ति, कुछ ऐसे जीवन कौशल हैं जिनसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।

जीवन कौशल शिक्षा के उद्देश्य-

(1) जीवन कौशल शिक्षा जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होगी।

(2) जीवन कौशल शिक्षा युवावर्ग में समस्याओं को समझने साचने व निर्णय लेने की क्षमता का विकास कर सकेगी।

(3) युवाओं को स्वयं की शारीरिक संरचना व उनमें होने वाले परिवर्तन से परिचित कराना।

(4) युवाओं में लैगिंग समानता, विवाह के महत्व व परिवार में माता-पिता एवं समस्त सदस्यों के साथ सामजस्य की भावना का विकास करने की सक्ष्मता देना ।

(5) जीवन में आने वाले विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में समर्थ बनाना ।

(6) व्यक्तियों को तनाव रहित जीवन के महत्व से परिचित करना।

जीवन कौशल शिक्षा की आवश्यकता-

जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है। जीवन कौशलों का अध्ययन कोई नया उपागम नहीं है। विश्व भर में विभिन्न जीवन कौशलों का विकास किशोर बालकों के कार्यक्रमों का एक अभिन्न हिस्सा है। समाज विरोधी किशोरों की आक्रामक प्रवृत्तियों पर रोक लगाने हे सम्प्रेशण कौशल का प्रयोग किया गया है। आज के छात्र जीवन की सच्चाइयों व व्यावहारिकता से परिचित नहीं हो पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुदान से देशव्यापी परियोजना के तहत विद्यालय स्तर पर जीवन कौशल शिक्षा लागू की जा रही है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहाँ उच्च माध्यमिक स्तर पर अनिवार्य विषय के रूप में इसे लागू किया जा रहा है। राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को इस कार्य के लिए नोडल एजेन्सी के रूप में नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार को पहल उच्च शिक्षा में करने की भी आवश्यकता अनुभव की गई है। व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे विषम अवसर उपस्थित होत हैं। जब मनुष्य यह निश्चय नहीं कर पाता कि वह क्या करे ? किस ओर प्रवृत्त हो? ऐसे अवसर पर जीवन कौशल शिक्षा की प्रेरणा ही सच्चे पथ प्रदर्शक का कार्य करती है। मनुष्य अपने अन्दर छिपी शक्ति को इस शिक्षा के माध्यम से ही पहचान सकता है। अतः उच्च शिक्षा में जीवन कौशल शिक्षा का उद्देश्य अपने आपको पहचानने व जीवन की चुनौतियों का सामना करने में छात्र को पारंगत करता है। ताकि वह भविष्य में एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सके।

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