अपकृत्य विधि (Law of Tort)

अपकृत्य एवं संविदा भंग में अन्तर Apkritya Evam Samvida Bhang Mein Antar

अपकृत्य एवं संविदा भंग में अन्तर
अपकृत्य एवं संविदा भंग में अन्तर

अपकृत्य एवं संविदा भंग में अन्तर

अपकृत्य (Tort)

संविदा भंग (Breach of Contract)

1.अपकृत्य में व्यक्ति उन व्यक्तियों का  उल्लंघन करता है जो विधि द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्धारित किये गये हों। संविदा भंग में व्यक्ति उन कर्तव्यों का उल्लंघन करता है जिन्हें करने के लिए उसने दूसरे व्यक्ति से संविदा की है।
2. अपकृत्य में जिन कर्त्तव्यों का उल्लंघन होता वे विधि द्वारा निर्धारित होते हैं तथा समस्त समाज के प्रति होते हैं। इसमें जिन कर्त्तव्यों का उल्लंघन होता है उनका
सम्बन्ध संविदा के पक्षकारों (Parties to the
contract) से होता है।
3. अपकृत्य में आशय (Intention) का महत्त्व होता है। इसमें आशय (Intention) का विशेष महत्त्व नहीं होता है।
4. अपकृत्य में क्षतिपूर्ति दण्ड (Penalty) के  रूप में दिया जाता है। इसमें क्षतिपूर्ति दूसरे पक्ष को हुई हानि के प्रतिकर (Compensation) के रूप में की जाती है।
5. क्षतिपूर्ति पहले से निर्धारित नहीं की जा  सकती है। इसमें क्षतिपूर्ति पहले से निर्धारित की जा सकती
है।

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