लोक प्राधिकारी का अर्थ (Public Authority in Hindi)
लोक प्राधिकारी का अर्थ –सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 2(17) में लोक अधिकारी को पारिभाषित किया गया है और लोक अधिकारी से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जो निम्नलिखित वर्णनों में से किसी वर्णन के अधीन आता है।
(क) हर न्यायाधीश
(ख) अखिल भारतीय सेवा का हर सदस्य
(ग) संघ की सेना (नौ सेना या वायु सेना) का हर आयुक्त आफिसर या राजपत्रित आफिसर, जब तक कि वह सरकार के अधीन सेवा करता रहे|
(घ) न्यायालय का हर अधिकारी जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य है कि वह करे, या रखे, या किसी सम्पत्ति का भार सम्भाले या उस सम्पत्ति का व्ययन करे, या किसी न्यायिक आदेशिका का निष्पादन करे, या कोई शपथ ग्रहण कराए, या निर्वाचन करे, या न्यायालय में व्यवस्था बनाये रखे और हर व्यक्ति, जिसे ऐसे कर्तव्यों में से किन्हीं का पालन करने का प्राधिकार न्यायालय द्वारा विशेष रूप से दिया गया है।
(अ) हर व्यक्ति जो किसी ऐसे पद को धारण करता है जिसके आधार पर वह किसी व्यक्ति को परिरोध में करने या रखने के लिए सशक्त है।
(ब) सरकार का हर अधिकारी जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य है कि वह अपराधों का निवारण करे, अपराधों की इत्तला दे, अपराधियों को न्याय के लिए उपस्थित करे या लोक के स्वास्थ्य, क्षेम, या किसी सुविधा की संरक्षा करे,
(स) हर अधिकारी जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य है कि वह सरकार की ओर से किसी सम्पत्ति को ग्रहण करे, प्राप्त करे, रखे या व्यय करे, या सरकार की ओर से कोई सर्वेक्षण, निर्धारण या संविदा करे या किसी राजस्व आदेशिका का निष्पादन करे।
(द) हर अधिकारी, जो सरकार की सेवा में है, या उससे वेतन प्राप्त करता है, या किसी लोक कर्तव्य के पालन के लिए फीस या कमीशन के रूप में पारिश्रमिक पाता है।
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