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शिक्षण एवं मतशिक्षण / मतारोपण में अन्तर | Difference between Teaching and Indoctrination in Hindi

शिक्षण एवं मतशिक्षण में अन्तर
शिक्षण एवं मतशिक्षण में अन्तर

शिक्षण एवं मतशिक्षण / मतारोपण में अन्तर (Difference between Teaching and Indoctrination)

शिक्षण एवं मतशिक्षण में निम्नलिखित अन्तर है-

क्र.सं. शिक्षण (Teaching) मतशिक्षण/मतारोपण (Indoctrination)
1. शिक्षण का उद्देश्य व्यक्ति की क्षमताओं का विकास है। मतशिक्षण का उद्देश्य विश्वासों एवं दृष्टिकोणों को बदलना है ।
2. शिक्षण का क्षेत्र विस्तृत है। प्रतिपादन का क्षेत्र संकीर्ण है।
3. यह विविध तरीकों का प्रयोग करती हैं। प्रायः भाषण विधि का प्रयोग किया जाता है। 
4. शिक्षण बाल-केन्द्रित होता है। मतशिक्षण अन्धविश्वासों पर केन्द्रित होता है।
5. शिक्षण एक लम्बी प्रक्रिया है तथा लम्बे समय तक चलती है। मतशिक्षण की अवधि निश्चित होती है।
6. बालक को अधिक महत्व दिया जाता है। मतशिक्षण में अध्यापक को महत्व दिया जाता है। 
7. शिक्षण का वातावरण कृत्रिम एवं प्राकृतिक होता है। मतशिक्षण में केवल कृत्रिम वातावरण होता है।
8. मूल्यांकन के लिए गुणात्मक एवं मात्रात्मक तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। विश्वासों एवं विचारों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।
9. शिक्षण बालक को सीखने में स्वतन्त्रता प्रदान करता है। बालक को किसी प्रकार की स्वतन्त्रता नहीं दी जाती है।
10. अनुशासन प्रजातन्त्रात्मक होता है सामाजिक अनुशासन पर जोर दिया जाता है। मतशिक्षण में कठोर अनुशासन होता है।

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