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पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम 1995 | PWD Act 1995 in Hindi

पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम 1995
पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम 1995

पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम 1995 (PWD Act 1995 )

पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम, 1995; 7 फरवरी, 1996 में प्रवर्तन में आ गया है। विकलांग लोगों के लिए समान अवसर तथा राष्ट्र के निर्माण में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में यह अधिनियम एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अधिनियम पुनर्वास के निवारक व उन्नयन दोनों पहलुओं के लिए प्रदान किया जाता है, जैसे- शिक्षा, रोजगार, व्यावसायिक प्रशिक्षण, आरक्षण, अनुसंधान और मानव-शक्ति विकास, बाधा रहित वातावरण का निर्माण, विकलांग लोगों का पुनर्वास, बेरोजगारी और गम्भीर विकलांग लोगों के लिए घरों की स्थापना आदि।

पी. डब्ल्यू. डी. (PWD) अधिनियम, 1995 के मुख्य पहलू

1. विकलांगता का शीघ्र पता लगाना तथा निवारण 2. शिक्षा 3. रोजगार 4. गैर-भेदभाव 5. अनुसंधान व मानव शक्ति विकास 6. सकारात्मक कार्यवाही 7. सामाजिक सुरक्षा  8. शिकायत निवारण

1. विकलांगता का शीघ्र पता लगाना तथा निवारण- (i) विकलांगता के लिए उत्तरदायी कारणों का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण, जाँच व अनुसंधान कार्य आयोजित किये जाने चाहिए ताकि विकलांगता को कुछ हद तक रोका जा सकें।

(ii) विकलांगता निवारण के लिए विभिन्न प्रकार के मापदण्डों का प्रयोग करना चाहिए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मचारियों को इस काम में सहायता के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

(iii) सभी बच्चों की समय-समय पर जाँच की जानी चाहिए ताकि गम्भीर रूप से बाधित बच्चों की पहचान की जा सकें।

(iv) जागरूकता अभियान शुरू किया जाये और सूचना का प्रसार किया जाये।

(v) माँ और बच्चे की प्रसव पूर्व प्रसवकालीन और प्रसवोत्तर देखभाल के लिए उचित उपाय करने चाहिए।

2. शिक्षा – (i) विकलांग बच्चों को 18 साल की आयु तक निःशुल्क शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया।

(ii) इन बच्चों की आवश्यकताओं के अनुसार उचित परिवहन, संरचनात्मक बाधाओं को हटाना तथा अवसंरचनात्मक सुविधाओं को संशोधित किया जाना चाहिए।

(iii) विकलांग बच्चों के लाभ के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन तथा परीक्षा प्रणाली में उपयुक्त बदलाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

(iv) विकलांग बच्चों को मुफ्त किताबें, छात्रवृत्ति, वर्दी और अन्य शिक्षण सामग्री प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए।

(v) विकलांग बच्चों को विशेष विद्यालय में व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए।

(vi) इन बच्चों के लिए निरौपचारिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।

(vii) विशेष शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित जन-शक्ति का विकास के लिए शिक्षक प्रशिक्षक संस्थानों को स्थापित किया जाना चाहिए।

(viii) माता-पिता को विकलांग बच्चों की स्थानापन्नता सम्बन्धी शिकायतों को सुलझाने में मदद करनी चाहिए।

3. रोजगार- (i) विकलांग लोगों के लिए सरकारी सीटों में 3% आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। 1% उनके लिए जो निम्न रोगों से पीड़ित हैं-  (a) अन्धापन या कम दृष्टि। (b) श्रवण बाधित । (c) गति सम्बन्धी विकलांगता और मस्तिष्क लकवा।

(ii) निम्न के लिए उपयुक्त योजना तैयार की जानी चाहिए – (a) विकलांग लोगों का प्रशिक्षण व कल्याण। (b) ऊपरी आयु सीमा में छूट। (c) रोजगार का नियमन। (d) विकलांगता के निवारण के लिए स्वस्थ और सुरक्षात्मक मापदण्ड। (e) जहाँ विकलांग व्यक्ति कार्यरत हैं वहाँ सुरक्षात्मक वातावरण बनाना। (f) सरकारी शैक्षिक संस्थानों और सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों में विकलांगों के लिए कम से कम 3% सीटों का आरक्षण होना चाहिए (g) किसी भी कर्मचारी को सेवा के दौरान विकलांग होने पर रोजगार से बर्खास्त या पदावनत नहीं किया जा सकता है। यद्यपि उसे उसी वेतन व शर्त के साथ दूसरी पदवी पर भेजा जा सकता है। विकलांगता की वजह से किसी को तरक्की से वंचित नहीं किया जा सकता है।

4. गैर-भेदभाव- (i) विकलांग व्यक्तियों को रेल के डिब्बों, सार्वजनिक भवनों, बसों, जहाजों तथा हवाई जहाज में आसान पहुँच प्रदान की जानी चाहिए।

(ii) सार्वजनिक स्थानों, इन्तजार कमरों तथा शौचालयों में पहिया कुर्सी सुलभ होनी चाहिए लिफ्टों में भी ब्रेल व ध्वनि प्रतीकों के प्रावधान की आवश्यकता है।

(iii) सभी सार्वजनिक स्थानों को रैम्प सुविधा के साथ बाधामुक्त बनाया जाना चाहिए।

5. अनुसंधान व मानव शक्ति विकास- (i) प्राथमिकता के आधार पर निम्न क्षेत्रों में अनुसंधान को आयोजित व उन्नत किया जाये – (a) विकलांगता का निवारण। (b) CBR शामिल पुनर्वास। (c) सहायक उपकरणों का विकास। (d) कार्य परिचय। (e) कार्यालयों व कारखानों का ऑनसाइट संशोधन।

(ii) विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा के अन्य संस्थानों, व्यावसायिक निकायों और विशेष शिक्षा, पुनर्वास और जनशक्ति विकास के लिए अनुसंधान करने के लिए गैर-सरकारी अनुसंधान संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाये।

6. सकारात्मक कार्यवाही- (i) विकलांग लोगों के लिए सहायक सामग्री व उपकरणों को आसानी से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

(ii) विकलांग व्यक्तियों के लिए भूमि का आवण्टन रियायती दर पर अग्रलिखित के लिए किया जाये-(a) घर, (b) व्यवसाय, (c) विशेष मनोरंजक केन्द्र, (d) विशेष विद्यालय, अनुसंधान विद्यालय, (f) फैक्टरी या कारखाना।

7. सामाजिक सुरक्षा / गतिशीलता- (i) विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए गैर-सरकारी संगठनों के लिए वित्तीय सहायता।

(ii) विकलांग सरकारी कर्मचारी को बीमा कवरेज का लाभ होगा। (iii) विकलांग व्यतियों को जो विशेष रोजगार कार्यलय में एक वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत है और जो एक अच्छा व्यवसाय हासिल नहीं कर सके हैं, उन्हें बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाये।

8. शिकायत निवारण – PWD अधिनियम में निर्धारित अधिकारों के उल्लंघन के मामले में व्यक्ति अपना आवेदन निम्न को स्थानान्तरित कर सकते हैं- (a) केन्द्र के PWD मुख्य आयुक्त को । (b) राज्य के PWD आयुक्त को।

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