इतिहास / History

हर्षवर्धन को एक महान सम्राट क्यों कहते हैं? (Why does Harsh called a great emperior ?)

हर्षवर्धन को एक महान सम्राट क्यों कहते हैं
हर्षवर्धन को एक महान सम्राट क्यों कहते हैं

हर्षवर्धन को एक महान सम्राट क्यों कहते हैं? (Why does Harsh called a great emperior ?)

हर्ष को महान सम्राट उसके निम्नलिखित गुणों के आधार पर कहा जाता है-

1. महान् योद्धा (A great warrior)

हर्ष एक महान् साहसी योद्धा था। उसने थानेश्वर के छोटे से राज्य को एक विशाल साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया था। उसने खोई हुई एकता को पुनः प्राप्त किया था।

2. महान् विद्यानुरागी (A great lover of knowledge)

हर्ष महान् साहित्यकार था । ‘नागानन्द’ रत्नावली’ और ‘प्रियदर्शिका’ नामक तीन ग्रन्थों की रचना उसके द्वारा ही हुई थी। वह साहित्यकारों का आश्रयदाता भी था। ‘हर्ष चरित्र’ और ‘कादम्बरी’ के लेखक बाणभटट उसके दरबार में प्रमुख थे। नालन्दा विश्वविद्यालय को उसने 160 गाँवों की आय दान में दी थी।

3. महान् शासक (A great ruler)

हर्ष एक महान शासक भी था। वह अपनी प्रजा को प्यार करता था तथा उसके हित के विषय में विचार किया करता था। उसके राज्य में अपराधियों को कठोर दण्ड प्रदान किये जाते थे।

4. महान् धार्मिक (Great religious)

वह शिव, सूर्य आदि की उपासना करने के साथ-साथ बौद्ध धर्म में भी श्रद्धा रखता था। दूसरे शब्दों में, उसमें उच्चकोटि की धार्मिक सहिष्णुता थी। वह सभी सम्प्रदायों के साधु-सन्तों को आदर की दृष्टि से देखता था। उसने अपने राज्य में बहुत से विहार बनवाये। उसने पशु-वध तथा माँस-भक्षण दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया।

उसने अनेक पुण्यशालाएँ बनवाय, जहाँ पर गरीबों को निःशुल्क भोजन कराया जाता था।

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