शिक्षण की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के मानवीय मूल्य
शिक्षण की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के मानवीय मूल्य- शिक्षण की दृष्टि से मानवीय मूल्यों को निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है-
1. शैक्षिक मूल्य (Educational values)- शैक्षिक मूल्य शिक्षा में उपयोगिता, अभिप्राय तथा उपयुक्तता (Usefulness) का निरूपण करते हैं, जो शिक्षक तथा छात्र को आत्मानुभूति या शिक्षार्थी को उपयुक्त अभिवृद्धि के लिये अध्ययन-कार्य में संलग्न करने हेतु प्रेरित करते । शैक्षिक मूल्यों के अन्तर्गत आने वाली प्रमुख विशेषताएँ हैं— (1) शिक्षण में नियमितता एवं निष्ठा । (2) मूल्यांकन में वस्तुनिष्ठता एवं निष्पक्षता । (3) स्वस्थ प्रतियोगिता या स्पर्धा की भावना । (4) व्यवस्था तथा अनुशासन के प्रति निष्ठा । (5) छात्रों की सृजनात्मकता का पोषण । (6) मौलिकता तथा मानवीयता के प्रति सद्भाव आदि ।
2. नैतिक तथा आध्यात्मिक मूल्य (Moral and spritual values)- इनके अन्तर्गत ईमानदारी, त्याग, निष्ठा, करुणा, दया, उत्तरदायित्व की भावना तथा नम्रता आदि मानवीय मूल्य आते हैं । देश-काल एवं अन्य परिस्थितियों में ये मूल्य कभी-कभी विवादास्पद भी हो जाते हैं।
3. सामाजिक एवं राजनैतिक मूल्य (Social and political values)- किसी भी समाज या देश की सामाजिक एवं राजनीतिक प्रणाली के परिलक्षण, परिष्कार एवं सम्वर्द्धन के लिये इन मानवीय मूल्यों का अधिक महत्त्व होता है। व्यक्ति समाज की इकाई है । व्यक्तियों से समाज का और समाज से व्यक्तियों का अस्तित्व अक्षुण्ण रहता है। व्यक्तियों के नैतिक मूल्यों का समवाय ही सामाजिक मूल्यों की संरचना में होता है। अतः नीति तथा सामाजिक मूल्यों में व्याप्त भेद सूक्ष्म होता है। इन मूल्यों के अन्तर्गत सामाजिक दायित्व, आदर्श, नागरिकता, लोकतन्त्र, मानवतावाद, सामाजिक संवदेनशीलता तथा राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव आदि समाहित होते हैं।
4. वैश्विक मूल्य (Global values)— जो मानवीय मूल्य सम्पूर्ण विश्व की प्रगति एवं भलाई से सम्बन्धित होते हैं, वे वैश्विक मूल्य कहलाते हैं। इन मूल्यों का किसी जाति, समूह या देश-विदेश से सम्बन्ध नहीं होता। इनमें प्राणिमात्र के लिये स्वतन्त्रता, न्याय एवं अवसर की समानता, सभी प्रकार की दासताओं का उन्मूलन आदि मूल्यों का समावेश किया जा सकता है।
5. वैज्ञानिक मूल्य (Scientific values) – ये मानवीय मूल्य एक ओर हमारी ज्ञान एवं कौशल की विचारधाराओं को सद् विवेक एवं बुद्धि द्वारा जागृत करके हमारी अनेक भ्रान्तियों एवं अन्ध-विश्वासों को दूर करते हैं तो वहीं दूसरी ओर यदि इन्हें विवेक बुद्धि के साथ समायोजित न किया तो यह मनुष्य में अनास्था तथा आत्मवाद को जन्म देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका प्रस्तुत करते हैं। इनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण में वस्तुनिष्ठता (Objectivity), सृजनात्मक चिन्तन या सोच (Creative thinking), तथ्यपरकता, तर्कयुक्तता तथा ज्ञान के प्रति उत्सुकता आदि मूल्य समाहित हैं।
6. सांस्कृतिक मूल्य (Cultural values) — इन मूल्यों के अन्तर्गत वे सभी मानवीय मूल्य आते हैं, जो सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने एवं उसके विकास के द्वारा राष्ट्र में सांस्कृतिक एकता का वातावरण बनाये रखने में सहायक होते हैं।
7. पर्यावरणीय मूल्य (Environmental values)- इनके अन्तर्गत पेड़-पौधों के प्रति संवेदनशीलता, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण की शुद्धि के प्रति जागरूकता, वृक्षारोपण एवं वृक्षसंरक्षण आदि पर्यावरणीय मूल्य आते हैं ।
8. भौतिक मूल्य (Physical value)- इन मूल्यों में मानव के भौतिक संसाधन आते हैं । प्रत्येक जीवधारी की विभिन्न आवश्यकताएँ होती है। इन भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये व्यक्ति अपनी सोच में इसी प्रकार के मूल्यों को स्थिर करता है तथा इन्हें प्राप्त करने का प्रयास करता हैं।
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