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मानवीय मूल्य का क्या अर्थ है? | Human Value in Hindi

मानवीय मूल्य का क्या अर्थ है
मानवीय मूल्य का क्या अर्थ है

मानवीय मूल्य का क्या अर्थ है? Human Value in Hindi

मानव मूल्य (Human Values) एक ऐसी आचार-संहिता (Code) या सद्गुणों का समूह है जिसे मानव अपने संस्कारों तथा पर्यावरण के माध्यम से अपनाकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अपनी जीवन-शैली का निर्माण करता है तथा अपने व्यक्तित्व का विकास करता है। मानव के मूल्यों में मनुष्य की अवधारणा, विचार, विश्वास, मनोवृत्ति, आस्था या निष्ठा आदि मानवीय गुणों का समावेश होता है। ये मानव मूल्य एक ओर व्यक्ति के अन्तःकरण द्वारा नियन्त्रित होते हैं तो दूसरी ओर इनके द्वारा उसकी संस्कृति एवं परम्परा क्रमशः निस्तृत एवं परिपोषित होती हैं । वसुधैव कुटुम्बकम्, सर्व भवन्तु सुखिन एवं ‘बहुजनहिताय’ इन जीवन मूल्यों की कसौटी मानी जाती है। स्वच्छता, त्याग, प्रेम, सत्य, अहिंसा जैसे मूल्यों का उपयोग यदि मानव केवल शरीर-पोषण के लिये करता है तो ये सद्गुण जीवन-मूल्यों की कसौटी पर खरे उतरते नहीं माने जाते ।

Value शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Vallere’ शब्द से मानी जाती है, जो किसी वस्तु की कीमत, विशेषता, गुण या उपयोगिता को व्यक्त करता है। मूल्य एक ऐसी आचरण संहिता या सद्गुणों का समावेश है, जिसे अपनाकर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास कर समाज में प्रभावशाली तथा विश्वसनीय बनकर उभरता है। मूल्य में मानव की धारणाएँ, विचार, विश्वास, मनोवृत्ति एवं आस्था आदि अन्तः निहित होते हैं। भारतीय धर्म-ग्रन्थों में मूल्यों के लिये ‘शील’ शब्द अनेक स्थानों पर प्रयुक्त किया गया है। यह शब्द मूल्य का पर्याय नहीं वरन् ‘समीचीन’ शब्द है । ‘शील’ सर्वत्र भूषण का कार्य करता है। कहीं-कहीं ‘शील’ शब्द चरित्र के लिये प्रयुक्त हुआ है | ओमप्रकाश पाराशर के मत से “मूल्य एक प्रकार की मानव की अन्तःनियन्त्रित व्यवस्थित आत्मिक ऊर्जा है। मनुष्य किसी वस्तु, क्रिया या किसी विचार को अपनाने के पूर्व यह विवेकपूर्ण निर्णय करता है कि वह उसे अपनाये या त्याग दे । जब ऐसा विचार व्यक्ति मन में ‘निर्णायक’ ढंग से आता है तो वह उसका मूल्य कहलाता है।”

(1) श्रीमती राजकुमारी शर्मा के शब्दों में, मूल्य व्यवहार की वह आचार-संहिताएँ हैं जो संस्कृति से निकलीं और परम्पराओं द्वारा पोषित तथा आत्म-चेतना अथवा अन्त:करण द्वारा संरक्षित होती गयीं। मानव इनको आधार बनाकर अपनी अनुशासित जीवन शैली का निर्माण करता है और जीवन के सम्पूर्ण आदर्शों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।

(2) जॉन जे. काने (lohn J. Kane) के अनुसार, “मूल्य वे आदर्श विश्वास या मानक हैं, जिन्हें समाज या समाज के अधिकांश सदस्य ग्रहण किये हुए होते हैं।” “Values are the the ideals belief or norms which is as society or the large majority of a society’s members hold.”

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