समाजशास्‍त्र / Sociology

छात्रावास व्यवस्था | hostel system in hindi

छात्रावास व्यवस्था
छात्रावास व्यवस्था

अनुक्रम (Contents)

छात्रावास व्यवस्था

छात्रावास का जीवन बड़ा आनंददायक है। छोटे-छोटे लड़के और लड़कियाँ घर पर अपने माता-पिता और उम्र में बड़े लोगों की कड़ी निगरानी में रहते हैं। वे स्वतंत्रतापूर्वक न बातचीत कर सकते हैं और न घूम सकते हैं। छात्रावास में वे मर्यादित स्वतंत्रता के वातावरण में सांस लेते हैं। विद्यार्थी जीवन का मुख्य उद्देश्य अध्ययन है यदि इस समय कोई व्यक्ति अध्ययनशील नहीं बना तो वह जीवन पर्यन्त अशिक्षित रह जायेगा, इस कारण यह अत्यन्त आवश्यक है कि इस समय वह समस्त चिन्ताओं को त्याग कर शिक्षा पर अपना समय व्यतीत करे, दुर्भाग्यवश आज के युग में विद्यार्थी को शिक्षा ग्रहण करने से रोकने के लिये कई बाधायें उपस्थित हो गई हैं। उदाहरण के लिये, सिनेमा, टीवी, इन्टरनेट आदि इनसे विद्यार्थी को पढ़ना एक बोझ सा लगने लगता है।

पढ़ाई के लिये तो शान्त वातावरण चाहिये, शान्त वातावरण में ही वह एकाग्रचित होकर अध्ययन कर सकता है, ऐसा वातावरण घर पर मिलना लगभग असंभव होता है। घर पर रहने से विद्यार्थी को अपने परिवार के सभी सदस्यों का साथ यथा योग्य निभाना पड़ता है, बड़ों की आज्ञा का पालन करते समय अपने कई आवश्यक कार्यों का बलिदान करना पड़ता है कहने का तात्पर्य यह है कि घर पर विद्यार्थी की ठीक प्रकार से पढ़ाई होना कठिन है, अपने परिवार वालों के साथ कभी भी कहीं भी जाना पड़ता है, आज सब सिनेमा जा रहे हैं तो उसका जाना जरूरी है वरना सब बुरा मानेंगे, आज नानी के घर जाना है, आज बुआ के घर जाना है, बूढ़ी दादी के लिये दवाई लानी है बेचारे को अपनी जिम्मेदारियाँ निभानी पड़ती हैं क्योंकि घर पर तो वह परिवार का सदस्य पहले है विद्यार्थी पीछे, यही कारण है कि प्राचीन काल में समस्त शिक्षा दीक्षा गुरुकुलों में दी जाती थी। वहाँ छात्र नगर के समस्त आकर्षणों से विमुख हो एकान्त में एकाग्रचित हो पढ़ाई करते थे। आज के युग में इस प्रकार के गुरुकुल तो संभव नहीं है क्योंकि न तो उस प्रकार के ऋषि आज उपस्थित हैं, और दूसरी बात यह है कि उस प्रकार की शिक्षा का आज के युग में कोई अधिक प्रभाव नहीं है तथापि एक संस्था आज के समय में भी मौजूद है और उस संस्था का नाम छात्रावास दिया गया है।.

छात्रावास में रहने का आनंद वास्तव में शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है, किताबी शिक्षा तो अधूरी शिक्षा ही है, वास्तविक शिक्षा में ज्ञान के साथ-साथ अनुभव होना. भी अति आवश्यक है। विद्यार्थी को जीवन का वास्तविक रूप देखने को मिलना चाहिये जब ऐसी परिस्थिति में पड़ेगा, जहाँ अनुभव की आवश्यकता हो, तभी वह अपनी अर्जित शिक्षा को कार्यरूप में परिणत कर सकेगा।

छात्रावास के जीवन से जो शिक्षा विद्यार्थी सबसे अधिक ग्रहण करता है वह है स्वालम्बन, वह अपने पैरों पर खड़ा होना सीखता है, दूसरा लाभ उसे शान्त वातावरण का है, शहर के समस्त कोलाहल से दूर घर-बार की समस्त चिन्ताओं से मुक्त विद्यार्थी को पढ़ाई का वास्तविक आनन्द आता है। स्वस्थ जलवायु में उसका स्वास्थ्य अच्छा बनता है उसका मस्तिष्क विकसित होता है। वहाँ पर अपनी ही आयु के विद्यार्थी मिलते हैं जिनका मानसिक स्तर लगभग एक-सा होता है। साथ भोजन करने से संगठन और सहयोग की भावना जागृत होती है, भिन्न प्रकार की विपत्तियों को झेलने की क्षमता आती है, यही नहीं उसको अपने सुप्त गुणों-दुर्गुणों का आभास मिलता है, वह अकेला रहने के कारण जान जाता है कि वह कितने पानी में है, सभी प्रकार के छात्रों के साथ रहने से अच्छे-बुरे का ज्ञान होता है।

छात्रावास में व्यायाम और खेल-कूद का प्रबंध रहता है। उन्हें कड़े अनुशासन में रहना पड़ता है, उन्हें छात्रावास के नियमों का पालन करना पड़ता है। हर एक छात्रावास में एक अधीक्षक रहते हैं, वे छात्रावास में रहने वालों के स्वास्थ्य एवं चरित्र की देखभाल करते है। छात्रावास में रहने वालों को उनकी आज्ञा का पालन करना पड़ता है। छात्रावास में रहने वाले छात्रों एवं अधीक्षक के बीच प्रायः अच्छा संबंध रहता है। अधीक्षक छात्रावास में रहने वाले छात्रों अथवा विद्यार्थियों को अपनी संतान समझते हैं। पढ़ने के समय विद्यार्थियों को पढ़ना पड़ता है। छात्रावास में वाद-विवाद समितियों एवं पुस्तकालय भी रहते हैं। छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी पुस्तकालय से किताबें लेते हैं और दैनिक पत्र वहाँ पढ़ते हैं। वे वाद-विवाद में भी भाग लेते है। इस तरह उनके शरीर और मस्तिष्क दोनों का विकास होता है।

  1. जनजाति का अर्थ, परिभाषा तथा विशेषताएँ (Tribes in Hindi)
  2. भारत की जनजातियों का वर्गीकरण | Classification of Indian Tribes in Hindi
  3. भारत में जनजातियों की प्रमुख समस्याएं | Major Problems of Indian Tribes in Hindi
  4. भारतीय जनजातियों की सामाजिक प्रगति में सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाओं पर प्रकाश डालिये।
  5. भारत में जनजातियों की प्रमुख समस्याएं | Major Problems of Indian Tribes in Hindi

Important Links

Disclaimer

Disclaimer:Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment