शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा और विशेषतायें (
शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ (Educational Psychology)
शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ – शिक्षा मनोविज्ञान वस्तुतः मनोविज्ञान की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शाखा है। शिक्षा मनोविज्ञान दो शब्दों के संयोग से बना है – शिक्षा तथा मनोविज्ञान। अतः शिक्षा मनोविज्ञान शब्द का शाब्दिक अर्थ निःसन्देह शिक्षा से सम्बन्धित मनोविज्ञान से है। शिक्षा का सम्बन्ध मानव व्यवहार के परिमार्जन से होता है, जबकि मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार के अध्ययन से होता है। मानव व्यवहार के परिमार्जन के लिए मानव व्यवहार का अध्ययन करने की आवश्यकता स्वस्पष्ट ही है। मानव व्यवहार को उन्नत बनाने की दृष्टि से जब व्यवहार का अध्ययन किया जाता है तो अध्ययन की इस शाखा को शिक्षा मनोविज्ञान के नाम से सम्बोधित किया जाता है। अतः कहा जा सकता है कि शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन तथा परिमार्जन करता है। दूसरे शब्दों में शैक्षिक समस्याओं का वैज्ञानिक व तर्कसंगत ढंग से समाधान करने के लिए मनोविज्ञान के आधारभूत सिद्धान्तों का उपयोग करना ही शिक्षा मनोविज्ञान की विषयवस्तु है। आधुनिक शिक्षा जगत में शिक्षा मनोविज्ञान का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा मनोविज्ञान का प्रारम्भ कब हुआ, इस सम्बन्ध में विद्वानों में कुछ मतभेद है। कुछ मनोवैज्ञानिक शिक्षा मनोविज्ञान का प्रारम्भ 19वीं शताब्दी से ही स्वीकार करते हैं, जबकि कुछ अन्य शिक्षा मनोविज्ञान का प्रारम्भ प्लेटो व अरस्तू जैसे प्राचीन यूनानी दार्शनिकों के समय से ही स्वीकार करते हैं। कॉलसनिक (Kolesnik) ने शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन का प्रारम्भ ईसा से पांच शताब्दी पूर्व (500 BC) के यूनानी दार्शनिकों से माना है। उसके अनुसार मनोविज्ञान और शिक्षा के सर्वप्रथम व्यवस्थित सिद्धान्तों में से एक सिद्धान्त प्लेटो का भी था। परन्तु स्किनर (Skinner) ने शिक्षा मनोविज्ञान का प्रारम्भ प्लेटो के शिष्य अरस्तू के विचारों से माना है।
निःसंदेह प्लेटो, अरस्तू आदि यूनानी दार्शनिकों ने शिक्षा सम्बन्धी सिद्धान्तों का प्रतिपादन करते हुए इन सिद्धान्तों को तत्कालीन मनोविज्ञान से जोड़ने की कोशिश की थी, परन्तु आधुनिक शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी में पेस्तालॉजी (Pestalozzi), हर्बार्ट (Herbart) तथा फ्रॉबेल (Froebel) आदि यूरोपियन शिक्षा दार्शनिकों के कार्यों से हुई जिन्होंने शिक्षा को मनोवैज्ञानिक स्पर्श देने का प्रयास किया। वास्तव में शिक्षा में मनोवैज्ञानिक आंदोलन का सूत्रपात रूसो (Rousseau) द्वारा प्रकृतिवादी विचारधारा की प्रस्तुति से ही सम्भव हुआ। उसने शिक्षाशास्त्रियों का ध्यान बालक की ओर आकर्षित करते हुए इस बात पर बल दिया कि बालकों को उनकी आवश्यकताओं, रुचियों, प्रवृत्तियों, योग्यताओं तथा अवस्थाओं के अनुरूप ही शिक्षा दी जानी चाहिए। रूसो की इस विचारधारा से प्रेरणा पाकर ही पेस्तालाजी, हार्ट, फ्रॉबेल आदि ने शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान का विधिवत् उपयोग करके तत्कालीन शिक्षा प्रणाली में अनेक सुधार किए। तत्पश्चात् गाल्टन (Galton), इबिंगहॉस (Ebbinghous), जेम्स (James), बिने (Binet), गोडार्ड (Goddard) आदि मनोवैज्ञानिकों ने अनेक ऐसे मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में मनोविज्ञान की एक स्पष्ट शाखा के रूप में शिक्षा मनोविज्ञान विकसित होने लगा। थार्नडाइक (Thorndikc) को प्रथम शैक्षिक मनोवैज्ञानिक कहा जा सकता है। जॉन डीवी (John Dewey) नामक अमेरिकी शिक्षाशास्त्री ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक चिन्तन किया तथा शिक्षा प्रक्रिया पर मनोवैज्ञानिक प्रत्ययों व निष्कर्षों का अविस्मरणीय प्रभाव डाला। अमेरिका की नेशनल सोसाइटी ऑफ कॉलिज टीचर्स ऑफ ऐजूकेशन (National Society of College Teachers of Education) ने शिक्षा मनोविज्ञान के कार्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। परिणामतः वर्तमान समय में शिक्षा मनोविज्ञान को एक स्वतंत्र विषय (Independent Discipline) के रूप में स्वीकार किया जाता है।
शिक्षा मनोविज्ञान वास्तव में क्या है ? इस प्रश्न का उत्तर विभिन्न मनोवैज्ञानिकों तथा शिक्षाशास्त्रियों के द्वारा शिक्षा मनोविज्ञान के सम्बन्ध में व्यक्त किए गए विचारों के अध्ययन से स्पष्ट हो सकेगा। शिक्षा मनोविज्ञान के सम्बन्ध में विद्वानों के द्वारा व्यक्त की गई कुछ परिभाषाएँ निम्नवत् प्रस्तुत हैं .
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ
कॉलसनिक के अनुसार “मनोविज्ञान के सिद्धान्तों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग शिक्षा मनोविज्ञान है।”
Educational Psychology is the application of findings and theories of psychology in the field of education.-W.B. Kolesnik
क्रो एवं क्रो के शब्दों में- “शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णी तथा व्याख्या करता है।’
Educational psychology describes and explains the learning experiences of an individual from birth through old age. – Crow and Crow
स्किनर के अनुसार “शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जो शिक्षण तथा अधिगम से सम्बन्धित होती है।”
Educational psychology is that branch of psychology which deals with teaching and learning. -B.F. Skinner
ट्रो के अनुसार “शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों के मनोवैज्ञानिक पक्ष का अध्ययन है।”
Educational Psychology is the study of the psychological aspects of educational situations. – Trow
स्टीफन के अनुसार – “शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन है।”
Educational Psychology is a systematic study of educational growth. – J.M. Stephon.
शिक्षा मनोविज्ञान की उपरोक्त वर्णित कुछ परिभाषाओं के अवलोकन से कहा जा सकता है कि शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है। दूसरे शब्दों में, शिक्षा मनोविज्ञान वास्तव में मनोविज्ञान की वह शाखा है जो शिक्षा प्रक्रिया का संचालन करने की दृष्टि से मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों तथा नियमों का अध्ययन करती है। सूत्र रूप में शिक्षा मनोविज्ञान को निम्न शब्दों के द्वारा परिभाषित किया जा सकता है
“शिक्षा मनोविज्ञान व्यवहार के परिमार्जन का विज्ञान है।”
“Educational Psychology is the science of modification of behaviour.”
यहाँ यह इंगित करना उचित ही होगा कि शिक्षा मनोविज्ञान की यह संक्षिप्त परिभाषा शिक्षा मनोविज्ञान के सकारात्मक स्वरूप (Positive Nature) तथा इसके वांछनीयता (Desirability) की ओर प्रवृत्त होने का संकेत करती है।
शिक्षा मनोविज्ञान की विशेषतायें
शिक्षा मनोविज्ञान की उपरोक्त वर्णित विभिन्न परिभाषाओं के अवलोकन तथा विश्लेषण से शिक्षा मनोविज्ञान की निम्नांकित विशेषतायें परिलक्षित होती हैं
(i) शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन की मुख्य विषय वस्तु मानव व्यवहार (Human Behaviour) का परिमार्जन है।
(ii) शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों (Educational Situations) में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
(iii) शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा प्रक्रिया को सरल, सुगम तथा द्रुत बनाकर शिक्षण-अधिगम का मार्ग प्रशस्त करता है।
(iv) शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत सामान्य मनोविज्ञान के मूलभूत सिद्धान्तों तथा विधियों का उपयोग किया जाता है।
(v) शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है अर्थात् शिक्षा मनोविज्ञान अपने अध्ययन के लिए
वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करता है।
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