जॉन डीवी की जीवनी । जॉन डीवी की रचनायें | Biography of John Dewey in Hindi | John Dewey Books | List of books by author John Dewey
जॉन डीवी की जीवनी
जॉन डीवी का जन्म 1859 में संयुक्त राज्य अमेरिका में बर्लिंगटन (वर्मोन्ट) में हुआ था। विद्यालयी शिक्षा बर्लिंगटन के सरकारी विद्यालयों में हुआ। इसके उपरांत उन्होंने वर्मोन्ट विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। जॉन हापकिन्स विश्वविद्यालय से उन्हें पी-एच0डी0 की उपाधि मिली। इसके उपरांत उन्होंने मिनीसोटा विश्वविद्यालय (1888-89), मिशीगन विश्वविद्यालय (1889-94), शिकागो विश्वविद्यालय (1894-1904) में दर्शनशास्त्र पढ़ाया। 1904 में वे कोलम्बिया में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर नियुक्त हुए और तीस वर्षों तक वे इस पद पर रहें।
जीवन के प्रथम बीस वर्षों में वर्मोन्ट में जॉन डीवी ने ग्रामीण सादगी को ग्रहण किया जो प्रसिद्धि के उपरांत भी उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बना रहा। अगले बीस वर्षों में उन्होंने मध्य पश्चिम अमेरिका का अनुभव प्राप्त किया। वह अमेरिका की शक्तियों एवं सीमाओं से परिचित हुए। जब उन्होंने दर्शन लिखना प्रारम्भ किया तो वे किसी एक प्रान्त के न होकर सम्पूर्ण अमेरिका के थे।
शिकागो के ‘स्कूल ऑफ एडुकेशन’ में उनके कार्यों ने लोगो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इन्हीं वर्षों में उन्होंने अपने कार्यों में प्रयोगवादी झुकाव दिखाया जो 1952 में उनकी मृत्यु के समय तक बना रहा। उनका मस्तिष्क अंत तक शिक्षा में किसी भी नये प्रयोग के लिए खुला रहा। ‘स्कूल्स ऑफ टूमॉरो में उनकी रूचि अंत तक बनी रही।
डीवी की महानतम रचना डेमोक्रेसी एण्ड एडुकेशन (1918) है जिसमें उन्होंने अपने दर्शन के विभिन्न पक्षों को एक केन्द्र बिन्दु तक पहुँचाया तथा उन सबका एकमात्र उद्देश्य उन्होंने बेहतर पीढ़ी का निर्माण करना’ रखा है। प्रत्येक प्रगतिशील अध्यापक ने उनका बौद्धिक नेतृत्व स्वीकार किया। अमेरिका का शायद ही कोई विद्यालय हो जो डीवी के विचारो से प्रभावित न हुआ हो। उनका कार्यक्षेत्र वस्तुतः सम्पूर्ण विश्व था।
1919 में उन्होंने जापान का दौरा किया तथा अगले दो वर्ष (मई 1919 से जुलाई 1921) चीन में बिताये- जहाँ वे अध्यापकों एवं छात्रों को शिक्षा में सुधार हेतु लगातार सम्बोधित करते रहे। उन्होंने तुर्की की सरकार को राष्ट्रीय विद्यालयों के पुनर्गठन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिया। इस प्रकार सम्पूर्ण विश्व में प्रगतिशील शिक्षा आन्दोलन को चलाने में डीवी की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
जॉन डीवी की शिक्षा सम्बन्धी रचनायें
जॉन डीवी ने बड़ी संख्या में पुस्तकों, शोध पत्रों एवं निबन्धों की रचना की। उनके अनेक कार्य दर्शन से सम्बन्धित है। निम्नलिखित ग्रन्थ शिक्षा से सम्बन्धित है-
1899 -दि स्कूल एण्ड सोसाइटी
1902- दि चाइल्ड एण्ड दि क्यूरीकुलम
1910- हाउ वी थिन्क
1913- इन्ट्रेस्ट एण्ड एर्फट इन एडुकेशन
1915- स्कूल्स ऑफ टूमॉरो
1916- डेमोक्रेसी एण्ड एडुकेशन
1922- ह्यूमन नेचर एण्ड कन्डक्ट
1925- इक्सपीरियन्स एण्ड नेचर
1929- दि क्वेस्ट फॉर सर्टेन्टि: स्टडी ऑफ रिलेशन ऑफ नॉलेज एण्ड एक्शन
1929 सोर्सेज ऑफ साइन्स एडुकेशन
डीवी की इन रचनाओं का पूरे विश्व की शिक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ा।
Important Links
- प्लेटो के अनुसार शिक्षा का अर्थ, उद्देश्य, पाठ्यक्रम, विधियाँ, तथा क्षेत्र में योगदान
- प्रथम विश्व युद्ध (first world war) कब और क्यों हुआ था?
- भारत में अंग्रेजों की सफलता तथा फ्रांसीसियों की असफलता के कारण
- 1917 की रूसी क्रान्ति – के कारण, परिणाम, उद्देश्य तथा खूनी क्रान्ति व खूनी रविवार
- फ्रांस की क्रान्ति के कारण- राजनीतिक, सामाजिक, तथा आर्थिक
- द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 (2nd world war)- के कारण और परिणाम
- अमेरिकी क्रान्ति क्या है? तथा उसके कारण ,परिणाम अथवा उपलब्धियाँ
- औद्योगिक क्रांति का अर्थ, कारण एवं आविष्कार तथा उसके लाभ
- धर्म-सुधार आन्दोलन का अर्थ- तथा इसके प्रमुख कारण एवं परिणाम