इतिहास / History

अमेरिकी क्रान्ति क्या है? तथा उसके कारण ,परिणाम अथवा उपलब्धियाँ

अमेरिकी क्रान्ति क्या है? तथा उसके कारण ,परिणाम

अमेरिका की क्रान्ति (1776 ई०) क्या है?

अमेरिका की क्रान्ति (1776 ई०) क्या है?

“अमेरिकी क्रान्ति ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद और उपनिवेश की महाद्वीपीय व्यवस्था पर घातक प्रहार ही नहीं किया, वरन् यूरोप में निरंकुशवाद के विनाश का मार्ग खोल दिया।”        -हेज़

अमेरिका की क्रान्ति (1776 ई०) क्या है?

इंग्लैण्ड की शानदार क्रान्ति ने ब्रिटिश उपनिवेशों की जनता में स्वतन्त्रता और अधिकार-प्राप्ति की भावना की लहर उत्पन्न कर दी। इस लहर का तूफान सर्वप्रथम अमेरिका के ब्रिटिश उपनिवेशों में उठा। 1942 ई० में जब कोलम्बस ने अमेरिका की खोज करके यूरोप में सनसनी फैला दी तो यूरोप के व्यापारी इस महाद्वीप की प्राकृतिक सम्पदा को लूटने तथा यहाँ के निवासियों को गुलाम बनाने के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा करने लगे।

व्यापारियों को प्रोत्साहन देने के लिए स्पेन, हॉलैण्ड, फ्रांस तथा इंग्लैण्ड के राजाओं ने अमेरिका में अपने उपनिवेश बसाने शुरू कर दिये। 150 वर्षों के अन्दर ही अंग्रेजों ने अमेरिका में 13 उपनिवेश स्थापित करने में सफलता प्राप्त कर ली।

ट्यूडर तथा स्टुअर्ट राजाओं के काल में अंग्रेजों ने अमेरिकी उपनिवेशों का जमकर शोषण किया, परन्तु पुनर्जागरण की लहर के कारण अमेरीकियों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित होने लगी। दूसरी ओर इंग्लैण्ड के सम्राट जॉर्ज तृतीय की अयोग्यता तथा ब्रिटिश प्रधानमन्त्रियों (लॉर्ड चैथम आदि)की उपेक्षापूर्ण नीतियो ने अमेरिकी उपनिवेशो की जनता के असन्तोष को अत्यधिक बढ़ा दिया। टॉमस पेन, एडपण्ड बर्क तथा थॉमस जेफरसन जैसे विद्वानो, लेखको तथा वक्ताओ ने अपने विचारो से अमेरिका से अमेरिकी क्रान्ति की पृष्ठभूमि तैयार कर दी।

अमेरिका की क्रान्ति के कारण

अमेरिकी स्वतन्त्रता-संग्राम के निम्नलिखित कारण थे-

(1) दोषपूर्ण शासन – अमेरिका में इंग्लैण्ड के 13 उपनिवेश थे। इन उपनिवेशो पर इंग्लैण्ड का शासन बहुत दोषपूर्ण था। प्रत्येक उपनिवेश मे एक अंग्रेज गवर्नर होता था तथा एक विधानसभा होती थी। यह सभा स्थानीय मामलो-सम्बन्धी कानून बनाती तथा कर लगाती थी। उनके ऊपर इंग्लैण्ड की सरकार जो भी नियम लागू करती, उनमे इंग्लैण्ड का हित निहित होता था।

परस्पर विरोधी हितो के कारण अंग्रेज गवर्नर तथा निर्वाचित सभा के मध्य संघर्ष चलता रहता था। अमेरिकावासियो को उच्च पदो के लिए अयोग्य माना जाता था और अंग्रेजो को उच्च पदो पर नियुक्त किया जाता था। अत: अमेरिका की जनता अंग्रेजो के दोषपूर्ण शासन के विरुद्ध एकजुट होकर स्वतन्त्रता पाने के लिए लालायित हो उठी।

(2) आर्थिक शोषण – इंग्लैण्ड की सरकार उपनिवेशो का बुरी तरह से शोषण कर रही थी। ब्रिटिश शासन ने उपनिवेशो मे ऐसे व्यापारिक नियम लागू कर रखे थे, जिनसे इंग्लैण्ड को तो अधिकाधिक लाभ पहुंच रहा था, किन्तु ऐसे नियम उपनिवेशो के विकास मे बाधक सिद्ध हो रहे थे। उपनिवेशो से अन्य देशो को माल केवल इंग्लैण्ड के जहाजो द्वारा ही भेजा जा सकता था। उपनिवेशो के लोग इस शोषण से मुक्ति पाना चाहते थे।

(3) स्टाम्प ऐक्ट लगाना – इंग्लैण्ड की सरकार ने उपनिवेश के निवासियो के व्यापारिक सौदो पर भारी कर लगा रखे थे, जिनसे जनता बहुत असन्तुष्ट थी। उपनिवेशो की सुरक्षा के लिए इंग्लैण्ड की सरकार ने यह निश्चय किया कि उपनिवेशो की एक स्थायी सेना रखी जाए, जिसका व्यय उपनिवेशो द्वारा ही वहन किया जाए। धन की प्राप्ति के लिए ब्रिटेन की संसद ने सन् 1765 ई० में स्टाम्प ऐक्ट पारित करके उपनिवेशो पर अतिरिक्त कर लगा दिया। इसके अनुसार अदालती कागजो पर स्टाम्प लगाने पड़ते थे। उपनिवेशवासियो ने इस ऐक्ट का कड़ा विरोध किया और कहा कि यदि ‘प्रतिनिधित्व नहीं, तो कर भी नहीं’ (No taxation without representation)|

(4) दार्शनिकों का प्रभाव – इस काल मे अमेरिका के लोगो को लॉक, हेरिंगटन, टॉमस पेन, जेफरसन, मिल्टन आदि दार्शनिको के विचारों ने बहुत प्रभावित किया। इनके विचारों से अमरीकियो मे राजनीतिक चेतना जाग उठी, जिसने क्रान्ति का रूप धारण कर लिया। इन दार्शनिको ने अपने लेखो मे लोगो की भावनाओ को स्वतन्त्रता के प्रति जाग्रत किया। बस्तियो के लोगो ने इनसे प्रभावित होकर स्वतन्त्र होने के लिए संग्राम छेड़ दिया।

(5) अन्य देशों के लोगों का बसना – इन उपनिवेशो मे धीरे-धीरे यूरोप के अन्य देशों के लोग भी आकर बसने लगे थे, जिनमें प्रमुख रूप से आयरलैण्ड और हॉलैण्ड के लोग थे, जो इंग्लैण्ड से नाराज होकर अमेरिका आये थे। उस समय यहाँ रहने वाले ऐसे लोगो की संख्या अधिक थी, जिनका ब्रिटेन से कोई लगाव नहीं था।

(6) बोस्टन हत्याकाण्ड – 1770 ई० मे बोस्टन नगर मे अमेरिकी नागरिको और ब्रिटिश सैनिको के मध्य झगड़ा हो गया। ब्रिटिश सैनिको ने इस झगड़े में गोलियो का प्रयोग किया, जिससे अनेक नागरिक मारे गये। इस हत्याकाण्ड ने अमेरिकी नागरिको के रोष को बढ़ा दिया।

(7) बोस्टन चाय पार्टी – 1770 ई० मे चाय पर कर लगा रह जाने से उपनिवेशों का विरोध बढ़ गया था। 1773 ई० मे अंग्रेजी जहाज चाय लेकर बोस्टन के बन्दरगाह पर पहुँचे तो उपनिवेशवासियो ने चाय उतारने से इन्कार कर दिया। अंग्रेज गवर्नर के चाय उतारने के आदेश पर कुछ अमेरिकन रेड इण्डियन की वेशभूषा मे जहाज पर चढ़ गये तथा उन्होंने चाय की सारी पेटियाँ समुद्र में फेक दी। यह घटना इतिहास मे ‘बोस्टन टी पार्टी’ के नाम से प्रसिद्ध है। ब्रिटेन की सरकार ने उन्हें दण्डित करने के लिए बोस्टन का बन्दरगाह बन्द कर दिया।इससे अंतत 1775 मे स्वतंत्रता संग्राम छिड गया।

अमेरिकी क्रान्ति की उपलब्धियाँ अथवा परिणाम

अमेरिका को क्रान्ति विश्व-इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है । इस क्रान्ति की उपलब्धियों अथवा परिणामों का उल्लेख निम्नवत् है

1. जॉर्ज तृतीय के निजी शासन का अन्त – इस युद्ध में भारी पराजय के कारण इंग्लेण्ड के सम्राट जॉर्ज तृतीय के निजी शासन का अन्त हो गया ओर इंग्लेण्ड के प्रधानमंत्री छोटे पिट (Pitt the Younger) के नेतृत्व में केबिनेट प्रणाली की पुनः उन्नति होने लगी ।

2. प्रथम ब्रिटिश साम्राज्य की समाप्ति – अमेरिकी उपनिवेशों के स्वतन्त्र हो जाने से इंग्लेण्ड के प्रथम साम्राज्य एवं व्यापार प्रणाली का अन्त हो गया ।

3. द्वितीय अंग्रेजी साम्राज्य की नींव का पड़ना –  पहले साम्राज्य के नष्ट होने पर द्वितीय ब्रिटिश साम्राज्य की नींव पड़ी। अमेरिकी उपनिवेशों से 45,000 लोग कनाडा में जाकर बस गये। ये लोग इंग्लैंण्ड के कट्टर समर्थक थे । ऑस्ट्रेलिया में भी अंग्रेजों का बसना प्रारम्भ हुआ और न्यूजीलैंण्ड पर भी उनका अधिकार हो गया । इस प्रकार दूसरे अंग्रेजी साम्राज्य की नींव पड़नी प्रारम्भ हो गई । यह साम्राज्य पहले साम्राज्य से भी बड़ा था ।

4. संयुक्त राज्य अमेरिका का जन्म – इस युद्ध के फलस्वरूप एक नवीन शक्तिशाली तथा उन्नतिशील राज्य का जन्म हुआ, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के नाम से जाना गया । संयुक्त राज्य अमेरिका का एक नया संविधान बनाया गया, जिसमें व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और सामाजिक समानता के सिद्धान्त को प्रमुख महत्व दिया गया ।

5. स्पेनिश शक्ति का पतन – संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना और उन्नति से स्पेन की शक्ति का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पतन हो गया ।

6. स्वतन्त्रता की भावना का प्रसार – अमेरिका की यह क्रान्ति स्वतन्त्रता की विजय का प्रतीक थी । फलस्वरूप इसका सम्पूर्ण विश्व के इतिहास पर प्रभाव पड़ा । इस क्रान्ति के सफल हो जाने पर दूसरों की अधीनता में रह रहे अन्य राज्यों ने भी अपनी स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष करने का साहस किया । फ्रांस की सेना और जनता पर इस क्रान्ति का विशेष प्रभाव पड़ा और 1789 ई. में फ्रांस में भी राज्य-क्रान्ति आरम्भ हो गई।

7. गणतन्त्र की स्थापना – अमेरिकी क्रान्ति के परिणामस्वरूप अमेरिका में राजतन्त्र का अन्त हो गया और वहाँ गणतन्त्र की स्थापना हुई । कालान्तर में अन्य देशों ने भी गणतन्त्र पर आधारित शासन-पद्धति को अपनाया।

8. लिखित संविधान – क्रान्ति के पश्चात् अमेरिका में प्रथम बार लिखित संविधान तैयार किया गया। अन्य देशों ने भी अमेरिका का अनुसरण करके ही लिखित संविधान को परम्परा प्रारम्भ की।

9. समानता एवं स्वतन्त्रता का अधिकार – अमेरिका में क्रान्ति के पश्चात् लोकतन्त्र की स्थापना हुई और वहाँ के संविधान में नागरिकों को स्वतन्त्रता और समानता के अधिकार प्रदान किये गए । अमेरिकी क्रान्ति का लक्ष्य भी स्वतन्त्रता और समानता पर आधारित राज्य की स्थापना करना ही था ।

10. दास प्रथा का अन्त – इस क्रान्ति के फलस्वरूप अमेरिका में प्रचलित दास प्रथा का धीरे-धीरे अन्त होना शुरू हो गया ।

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