अपकृत्य विधि (Law of Tort)

विधिक क्षति बिना नुकसान | Injuria sine damno | इन्जुरिया साइन डेमनो

विधिक क्षति बिना नुकसान | Injuria sine damno | इन्जुरिया साइन डेमनो

विधिक क्षति बिना नुकसान (इन्जुरिया साइन डेमनो) – अपकृत्य विधि का यह सामान्य सिद्धान्त है कि जिस व्यक्ति के विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ हो वह क्षतिपूर्ति के लिए दावा कर सकता है चाहे उसे वास्तविक क्षति हुई हो या नहीं। अपकृत्य विधि के अधीन लाये गये वाद को सफल होने के लिए वादी को यह सिद्ध करना पड़ता है कि प्रतिवादी के कृत्यों द्वारा उसके किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है। अपकृत्य के अनेक मामलों में जहाँ बिना हानि के क्षति की उक्ति लागू होती है वहाँ वादी को केवल यही सिद्ध करना पड़ता है कि उसे क्षति हुई है अर्थात् किसी विधि द्वारा प्रदत्त एवं संरक्षित उसके किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है और यदि यह सिद्ध कर देता है तो वाद ला सकता है, भले ही उसे कोई हानि न हुई हो।

अनाधिकार प्रवेश, मानहानि आदि इसी प्रकार के स्वतः अनुयोज्य अपकृत्य है। ऐशबी बनाम ह्वाइट का मामला बिना हानि के क्षति नामक उक्ति पर प्रकाश डालता है। इस मामले में वादी के मत का चुनाव अधिकारी लेने से इन्कार कर दिया था। चुनाव अधिकारी के इस कृत्य से वादी के विधिक अधिकार का अतिलंघन माना गया और प्रतिवादी दायी ठहराया गया।

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