वन्य किंडरगार्टन (Forest Kindergarten)
वन्य किण्डरगार्टन सभी बाह्य वातावरण को पाठ्यक्रम के सीखने अथवा अधिगम हेतु प्रेरणादायक अवसर या कुशलता को प्रदान करता है। इसमें बाह्य वातावरण से बच्चे परिचित होते हैं। वाह्य वातावरण के दृश्य, ध्वनियों एवं सुगन्ध से बच्चे परिचित होते हैं। वे प्रकृति के निकट होते हैं। वे जिज्ञासा का अनुभव करते हैं। वन्य किण्डरगार्टन बाह्य जागरुकता को बढ़ाने में उत्तेजना का कार्य करती है।
वन्य किण्डरगार्टन क्यों आवश्यक ? (Why Forest Kindergarten Necessary ?)
1 – बालकों को खेलने एवं शारीरिक क्रियाकलापों में भाग लेने, घर के बाहर के खेलों को खेलने का अवसर प्राप्त करना एवं इसका अनुभव करना अति आवश्यक है।
फॉरेस्ट किण्डरगार्टन को प्रकृति स्कूल के नाम से भी जाना जाता है। प्रकृति स्कूल प्रायः दीवार विहीन कक्षा-कक्ष के रूप में होते हैं। यहाँ बच्चे खिलौनों के साथ अपना समय घर के बाहरी खेलों में बिताते हैं। अपनी कल्पनाओं को छोटी खोजों के साथ अनुभव में ढालते हैं। जर्मनी ने फारेस्ट किण्डरगार्टन को वाल्ड किण्डरगार्टन के नाम से पुकारते हैं। यह वहाँ सामान्य सी बात है। अमेरिका में इसे ‘कक्षा के बाहर और जंगलों के अन्दर’ (Out of the classroom and into the woods) के नाम से प्रारम्भिक या प्राथमिक स्कूलों को जाना जाता है। अभिभावक इसे एक शैक्षिक एवं सामाजिक संवेगात्मक विकास का तथा व्यक्तिगत वृद्धि की एक सुगम व्यवस्था मानते हैं। फॉरेस्ट किण्डरगार्टन एक प्राथमिक स्कूल की ऐसी व्यवस्था है जो तीन और छह वर्ष के बीच बच्चों को अनन्य रूप से घर के बाहर दी जाती है।
मौसम चाहे जैसा भी हो बच्चे खेलने के लिए वन्य स्थल या प्राकृतिक वातावरण में खेलने के लिए एवं अधिगम के लिए प्रोत्साहित किये जाते हैं। वयस्क पर्यवेक्षण का नेतृत्व बच्चों को सहायता करना । यह जर्मनी में वाल्ड किण्डरगार्टन (Wald Kindergarten), आउट डोर नर्सरी, नेचर किण्डरगार्टन या प्रकृति पूर्व विद्यालय के नाम से जाना जाता है।
स्थिति एवं संगठन (Location and Organization)
फॉरेस्ट किण्डरगार्टन मुख्यतः वन्य भूमियों में संचालित किये जाते हैं। यद्यपि कि कुछ अन्य स्थल भी उतने ही प्रेरक हो सकते हैं जैसे कि समुद्र तटों एवं घास के मैदान । वहाँ एक ऐसी इमारत होनी चाहिए जहाँ विपरीत मौसमों में बच्चों को आश्रय मिल सके। वहाँ पर वे दिन का एक छोटा सा भाग घर के अन्दर व्यतीत कर सके। यद्यपि यह कार्य प्रशासकीय एवं संगठनात्मक कारणों से थोड़ा जटिल है। यह एक ऐसा उपयुक्त एवं ज्ञात स्थान होना चाहिए जहाँ बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को आसानी से छोड़ सकें एवं पुनः उन्हें प्राप्त कर सकें। यदि वन्य भूमि पैदल जाने हेतु बहुत दूर है तो वाहन का परिवहन हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है।
बच्चों को मौसम के अनुसार और जलवायु के अनुरूप कपड़े पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कुछ वन्य स्कूल हैं जो कि कई उम्र के बच्चों को बहुत कम वन्य स्कूलों में नामांकित करते हैं एवं उनके पर्यावरणीय विषयों पर दृढ़तापूर्वक ध्यान देते हैं।
वन्य किण्डरगार्टन के लाभ (Benefits of Forest Kindergarten)
फॉरेस्ट किण्डरगार्टन या वन्य बालवाणी से प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-
(1) सफल शिक्षार्थी (Successful Learners)- ऐसा माना जाता है कि कई संवेदी बाह्य वातावरण या घर के बाहर की जाती हैं। कुछ ऐसे अनुभव होते हैं जो छूकर, देखकर एवं सूँघकर प्राप्त किये जाते है। आग जलाना एवं उसका प्रयोग करना, उत्तरदायी प्रतिक्रियाएँ, सुरक्षित पर्यावरण, गणित गिनती, आकृति, रंग, मापने का अनुभव, पहचान एवं अन्य सभी कौशलों का विकास इस व्यवस्था के माध्यम से सम्भव हो जाता है। इस प्रकार बच्चे सफल शिक्षार्थी के रूप में प्राप्त होते हैं। मानचित्र अध्ययन के कौशलों का विकास, पैनलों को रिकार्ड करने की क्षमता आदि का विकास महत्त्वपूर्ण ढंग से हो जाता है। पौधों एवं वन्य जन्तुओं के विषय में रुचि का विकास हो जाता है। इस प्रकार वन्य किण्डरगार्टन एक सफल शिक्षार्थी बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(2) व्यक्तिगत आत्मविश्वास का विकास (Development of Individual Confident)- इसके द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा एवं आत्म विश्वास का विकास होता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए एवं शारीरिक आत्मविश्वास को कौशलों का विकास होता है। वाहन कौशलों का विकास, नियंत्रण की शक्ति एवं आत्म विश्वास का विकास, जीव-जन्तुओं के साथ व्यवहार की अभिव्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। शर्म एवं आत्म विश्वास की कमी पर काबू पाने के एिल वन्य किण्डरगार्टन अत्यन्त उपयोगी है। अपने प्रकृति वातावरण की देखभाल करना, उत्तरदायित्वों की खोज करना ये सभी चीजें इसके माध्यम से बालकों में विकसित होती हैं।
इस प्रकार व्यक्तिगत आत्म विश्वास के विकास में फॉरेस्ट किण्डरगार्टन बहुत महत्त्वपूर्ण है-
(3) जिम्मेदार नागरिकता (Responsible Citizens)- इसके द्वारा अपने आस-पास के अवसरों एवं वातावरण के प्रति स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है। जीवित वस्तुओं एवं प्राकृतिक वस्तुओं के प्रति सम्मान एवं प्रकृति की खोजों के प्रति सम्मान की भावना विकसित होती है। जीवन में काम आने वाले लाभदायक उपकरणों के विकास की जिम्मेदारी का आभास होता है।
(4) प्रभावी योगदानकर्त्ता- इस व्यवस्था के माध्यम से बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। क्रियात्मकता एवं कल्पनाशीलता का पूर्णतः विकास फॉरेस्ट किंडरगार्टन की सहायता से होता है।
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