राबर्ट शिक्षक (Robert Teacher)
हम सभी शिक्षक यह विश्वास करते हैं कि यदि छात्र अपने दिमाग को विकसित करते हैं तो वे जीवन की चुनौतियों एवं परिवर्तनों का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होते है, जबकि यह सत्य है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पूर्ण क्षमता को प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है तो वह अवश्य सफल होता है। इसके लिए उसका सकारात्मक परिप्रेक्ष्य आवश्यक है। विकास की मानसिकता वास्तव में एक बालक हेतु अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षकों को बच्चों का पोषण करना चाहिए क्योंकि वे सभी युवाओं को एक सुसंगत एवं संतुलित आधार प्रदान करते हैं। निम्नलिखित चार प्रमुख क्षमताएँ समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और ये एक-दूसरे में अन्तर्निहित हैं-
(1) विकास की मानसिकता का प्रयोग- विकास की मानसिकता में अनुकूलन करने की क्षमता और एक-दूसरे की सहायता करने की स्वतंत्रता है। इसलिए अपने विद्यार्थियों को ईमानदारीपूर्वक प्रोत्साहन एवं सहानुभूति प्रदान करना चाहिए। इस प्रकार एक अभ्यस्त एवं सजग शिक्षक आत्म-निरीक्षण का अनुसंधान करने में सफल होते हैं। हमारी यह इच्छा होती है कि सभी बच्चे अन्ततः किसी भी विषयवस्तु को अधिग्रहित कर सकें। विकास की मानसिकता भी संकल्प को दृढ़ बनाता है एवं लचीलापन को दूर करता है।
यह अनिश्चित दृष्टिकोण ध्यान, गणना एवं प्रयास से सम्बन्धित है। वास्तव में कॉलेज एवं कैरियर का अनिवार्य पहलू है। आप कठिन परिश्रम करते हैं इससे आपको अच्छे परिणाम की गारंटी नहीं है। हमें छात्रों को स्मार्ट तरीके से काम करना सिखाना चाहिए।
(2) दृढ़ कौशल समूहों की जाँच करना- दृढ़ कौशल शक्ति-विश्वास, शक्ति एवं श्रम्भी की दृढ़ता को कायम रखती है। भरोसेमंद निपुणता एवं ठोस रणनीति के बिना हम कुछ अर्जित नहीं कर सकते हैं। विद्यार्थियों को उद्देश्य, ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता के साथ प्रबुद्ध करते हुए उन्हें व्यावहारिक क्षमताओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। हम छात्रों की जानकारी को दृढ़ता प्रदान करने के लिए बुद्धि, अन्तर्दृष्टि, जाँच एवं नवाचार को प्रोत्साहित कर सकते हैं उनकी सहायता कर सकते हैं।
(3) एक उदाहरण के रूप में अनुपालन करना- छात्रों को प्रगतिशील तरीके से व्यवहार करना वास्तविक जिम्मेदारी निभाना, विश्वसनीयता एवं दूसरे के प्रति सम्मान प्रदान करना एक आवश्यक अनुपालन है। इससे छात्रों में परिपक्वता का विकास होता है।
अखंडता रूपी रोल मॉडल होने के साथ-साथ शिक्षकों को चाहिए कि वे युवाओं को विकास के अवसरों के क्रियाकलापों से अवगत कराते हुए उनके स्व-नियंत्रण को मजबूत बनाने में योगदान दें जिससे वे अधिक-से-अधिक सीख सकें एवं विकास कर सकें, आगे बढ़ सकें।
(4) अपने हृदय को व्यवस्थित करना- एक ऐसा निर्देशन एवं फोकस जो छात्रों की इच्छा-शक्ति को इस योग्य बनाता है कि उनकी महत्त्वाकांक्षा को प्रतिध्वनित करे एवं उनके सपनों को साकार करें।
इसके अतिरिक्त कुछ लोग नये अनुभवों एवं विचारों को प्रयोग द्वारा परिष्कृत करने में सफल होते हैं। छात्रों के जुनून का समर्थन करते हैं। इस प्रकार अध्यापक इन लोगों से अत्यधिक प्रभावित होते हैं अनेक छात्र अपनी इच्छाओं को व्यक्त नहीं करते हैं। इसलिए इच्छाओं का दमन न करके उसे विकास के मार्ग पर ले जाना चाहिए।
समावेशी शिक्षा में राबर्ट शिक्षक (Robert Teacher in Innovative Education)
समावेशी शिक्षा में राबर्ट शिक्षक छात्रों को मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं एवं दैनिक उत्साह से उपलब्धियों को प्राप्त करते हैं। छात्रों के अन्दर शिष्टाचार को बढ़ाने में एवं उनके समर्थन में सहयोग प्रदान करते हैं। उनकी मान्यता है कि अपने आत्मविश्वास के साथ नवीनीकृत करे एवं अपने दिमाग को जागृत करे। इससे आत्म-अभिव्यक्ति का निर्माण होता है। समयबद्धता में एवं रणनीतिक स्थिरता की आपूर्ति होती है। बच्चों के साथ शक्तिशाली तरीके से भावनात्मक एवं शैक्षिक उपकरण के साथ नम्रतापूर्वक अपनी भूमिका राबर्ट शिक्षक निभा सकते हैं।
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