हिन्दी / Hindi हिन्दी व्याकरण

हिन्दी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण

हिन्दी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण
हिन्दी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण

हिन्दी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण

हिन्दी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण मुख्यतः चार आधारों पर किया जा सकता है- अर्थ, उत्पत्ति, भाषायी विकास और रूप परिवर्तन।

(क) अर्थ के आधार पर शब्द भेद

हिन्दी भाषा में कई बार एक ही शब्द कई अर्थ देता है, उस शब्द के ये अर्थ स्थिति के अनुसार होते हैं। शब्दों के इस प्रकार के अर्थ के कारण तीन भेद किये जाते हैं-वाचक, लक्षक, व्यंजक।

1. वाचक शब्द- जब किसी शब्द का वही अर्थ होता है जो उससे ध्वनित होता है तो उसे वाचक शब्द कहा जाता है; जैसे- ‘महन्त ने शेर पाल रखा है।’

2. लक्षक शब्द- जब किसी शब्द का प्रयोग उसके वाच्यार्थ से हटकर उसके लक्षणों के आधार पर किया जाय तब उसक शब्द को हम लक्षक कहते हैं; जैसे- ‘महन्त ने शेर पाल रखा है।’ यह वाक्य महन्त के किसी लक्ष्य को करके कहा गया है।

3. व्यंजक शब्द – जिन शब्दों का न वाचिक अर्थ होता है और न लाक्षणिक अपितु उनसे किसी व्यंग्यार्थ का बोध होता है, व्यंजक शब्द कहलाते हैं; जैसे-‘सुबह हो गयी’ यहाँ केवल सुबह की सूचना मात्र नहीं है बल्कि इसमें यह ध्वनित होता है कि दैनिक कर्म करने का समय हो गया है।

(ख) भाषायी विकास के आधार पर शब्द भेद

भाषा में केवल सार्थक शब्दों का ही प्रयोग किया जाता है परन्तु कभी-कभी निरर्थक शब्द भी प्रयुक्त हो जाते हैं और वाक्य में मिलकर अर्थवान (सार्थक ) हो जाते हैं; जैसे-हल्ला-गुल्ला, हट्टा-कट्टा, पी-पी, झट-पट आदि। भाषायी विकास के आधार पर शब्द भेद निम्नलिखित प्रकार से देखा जा सकता है

1. तत्सम शब्द- तत्सम का अर्थ है तत्+सम ‘उसके समान’। वे शब्द जो संस्कृत के शुद्ध शब्द होते हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं; जैसे उपकार, देव, राम तथा दन्त ।

2. तद्भव शब्द – जब संस्कृत शब्द बिगड़कर हिन्दी में प्रयुक्त किये जाते हैं तो ऐसे शब्दों को तद्भव (तत् + भव) शब्द कहते हैं; जैसे-

‘वानर’ तत्सम शब्द से ‘बन्दर’ तद्भव शब्द बन गया।

‘गृह’ तत्सम शब्द से ‘घर’ तद्भव शब्द बन गया।

3. देशज शब्द – वे शब्द जां किसी क्षेत्र-विशेष से हिन्दी में आ गये हैं, देशज शब्द कहलाते हैं; जैसे-झण्डी, मण्डी, सीटी, मैला, खट्टा आदि ।

4. विदेशी शब्द- अलग-अलग देशों में बोले जाने वाले शब्द विदेशी शब्द कहलाते हैं; जैसे-स्कूल, रेल, चश्मा, फकीर, पुलिस तथा पादरी ।

5. संकर शब्द – जो शब्द भिन्न-भिन्न भाषाओं के संयोग से बनते हैं और किसी भी भाषा में प्रयुक्त होते हैं, वे संकर शब्द कहलाते हैं; जैसे-

अच्छी आदत           अच्छी (हिन्दी)+आदत (उर्दू)

रेलगाड़ी                 रेल (अंग्रेजी) + गाड़ी (हिन्दी)

(ग) रूप परिवर्तन के आधार पर शब्द भेद

रूप परिवर्तन के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं-

1. विकारी शब्द- वें शब्द जो लिंग, वचन के अनुसार बदलते रहते हैं; जैसे-लड़का अच्छा, लड़की-अच्छी, विकारी शब्द कहलाते हैं। ये शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। विकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं

(1) संज्ञा (2) सर्वनाम। (3) क्रिया। (4) विशेषण ।

2. अविकारी शब्द- वे शब्द जो लिंग, वचन के अनुसार नहीं बदलते हैं। उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं-

(1) क्रिया विशेषण। (2) सम्बन्धबोधक। (3) समुच्चबोधक! (4) विस्मयादि बोधक।

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