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शिक्षा के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा किये गये प्रारम्भिक प्रयासों का वर्णन कीजिए।

शिक्षा के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा किये गये प्रारम्भिक प्रयास
शिक्षा के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा किये गये प्रारम्भिक प्रयास

शिक्षा के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा किये गये प्रारम्भिक प्रयास

शिक्षा के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा किये गये प्रारम्भिक प्रयास– यूनिसेफ सभी बच्चों तक ‘शिक्षा के अधिकार अधिनियिम’ द्वारा शिक्षा पहुँचाने का समर्थन करता है व इसी सन्दर्भ में अपनी गतिविधियों को निम्न उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए संचालित कर रहा है।

1. प्रभावी मुफ्त शिक्षा

2. क्षेत्रीय विषमताओं को कम करना (ग्रामीण शहरी) ।

3. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन द्वारा लिंग भेद को समाप्त करना ।

4. शिक्षा हेतु युवाओं व किशोरों की तैयारी ।

5. वैकल्पिक शिक्षा का समर्थन ।

यूनिसेफ शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि व सुधार का समर्थक है और इसलिए इसने यूनाइटेड राष्ट्र की एजेन्सियों व तकनीकी व वित्तीय सहयोगियों से सहभागिता भी की है। यूनिसेफ राज्यों द्वारा शिक्षा के विकास व मान्यता हेतु वैकल्पिक शैक्षिक प्रयोगों (ब्रिज कक्षाएँ, समुदाय स्कूल) में भी योगदान देता है और इसके लिए इसके आवश्यक शिक्षा पैकेज में स्कूलों का पुनर्वास, सफाई व स्वास्थ्य की सुविधाएँ, स्कूली सामग्री, शिक्षकों को प्रशिक्षण व साथ ही समुदाय की व बच्चों की सहभागिता भी शामिल होती है। यूनिसेफ का यह प्रयास रहता है कि जहाँ भी शिक्षा प्रदान करने हेतु सहायता या कार्य की आवश्यकता है, इसके द्वारा वहाँ हमेशा पहल का प्रयास किया जाये। इनमें निम्न बातें शामिल होती है।

(1) शिक्षा व अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का सर्वसुलभीकरण- पूरे विश्व में स्कूल न जाने वाले बच्चों का अनुपात को कम करने के लिए यूरिसेफ द्वारा देश की आवश्यकतानुसार कई प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिसमें विद्यालय की फीस माफ करना, आवश्यक अधिगम सामग्री प्रदान करना, स्कूलों द्वारा विभिन्न आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना व शैक्षिक स्तर पर पुनर्स्थापन करना शामिल है।

( 2 ) बालिका शिक्षा व लंग समानता द्वारा महिला सशक्तीकरण- यूनाइटेड नेशन्स बालिका शिक्षा पहल (UNGEI) द्वारा यूनिसेफ बालिकाओं के अधिकारों का समर्थन करता है तथा सभी देशों को शिक्षा में लिंग समानता पर जोर देने की बात करता है। इसके अतिरिक्त यूनिसेफ द्वारा जीवन कौशल शिक्षा भी प्रदान की जाती है तथा शिक्षा में महिलाओं की भूमिका का समर्थन किया जाता है।

( 3 ) आपातकालीन परिस्थितियों व संकटकाल के बाद शिक्षा की व्यवस्था- जब भी किसी देश में प्राकृतिक कारणों या सैन्य कारणों से कोई अपदा आती है, जिससे शिक्षा में व्यवधान पड़ता है तो यूनिसेफ द्वारा सुरक्षित अधिगम स्थानों पर शिक्षा का सुरक्षा की पुनव्यवस्था की जाती है। मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ द्वारा गुणवत्तापूर्ण अधिगम हेतु सुविधाओं व वस्तुओं की आपूर्ति भी की जाती है। इस प्रकार इन देशों में बच्चों को पुन: स्कूल ले जाने व उनकी शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाये रखने के लिए प्रयास किए जाते हैं।

(4) पूर्व बाल्यकाल विकास व विद्यालयी तत्परता- यूनिसेफ इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध है कि सभी बच्चों को सही समय पर विद्यालय जाना शुरु कर देना चाहिए व गुणवत्तायुक्त आधारिक शिक्षा पूरी करनी चाहिए। इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अभिभावकों की शिक्षा, समदाय आधारित पूर्व बाल्यकाल विकास कार्यक्रम, पूर्व विद्यालयी औपचारिक कार्यक्रम (Pre-School Formal Programmes) जैसे प्रयास किए जाते हैं ताकि बच्चे विद्यालय जाने हेतु तत्पर रहें।

( 5 ) प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाना- यूनिसेफ द्वारा गुणवत्तायुक्त आधारिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में चाइल्ड फ्रेंडली मॉडल, बाल केन्द्रित उपागत जैसे प्रयास भी किए जाते हैं जिससे शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाई जा सके तथा स्कूल के आधारभूत ढाँचे के साथ ही अधिगम प्रक्रिया के परिणामों में भी सुधार लाया जा सके।

( 6 ) जीवन कौशल शिक्षा – सत्र 2000 में यूनिसेफ ने ब्रिटिश NGO व जार्जिया के TACADA से विशेषज्ञों को आमंत्रित किया था ताकि वे जीवन कौशलों पर आधारित नये अन्तर्वैषयिक कार्य को शुरु करा सकें। इस कार्यक्रम की अवधारणा, पाठ्यक्रम और कार्य कर रहे जार्जियन विशेषज्ञों जिसमें मेडिकल प्रोफेशनल्स व मनोवैज्ञानिक भी शामिल थे, ने एक समूह बनाकर निर्धारित की। इन सदस्यों हेतु पाठ्यक्रम से सम्बन्धित विशेष प्रशिक्षण कोर्स की भी व्यवस्था की गयी ताकि इस समूह के सम्मिलित प्रयासों द्वारा जीवनशैली विषय पर एक नये कोर्स को शुरु किया जा सके।

(7) शिक्षा तक सभी की पहुँच – स्कूल की पहुँच से बाहर रहे बच्चों की संख्या में कमी लाने के लिए यूनिसेफ द्वारा सम्बन्धित देशों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। इसी तरह का एक कार्यक्रम विद्यालयी शुल्क माफ करता है जिसमें शिक्षा के खर्च में कमी लाने का प्रयास कर रहे देशों को मद्द मिली है व इसी कारण वे शिक्षा में नवीन प्रयोग भी करने में सफल हुए है। इस प्रयास में उन देशों को भी व्यावहारिक व वित्तीय मद्द मिलती है जिनका लक्ष्य शिक्षा शुल्क की समाप्ति अर्थात् निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना है। प्रायः स्कूली शिक्षा के बढ़ते खर्च के कारण ही सभी बच्चे आधारिक शिक्षा प्राप्त करने से भी वंचित रह जाते हैं। यूनिसेफ द्वारा इस दिशा में किये जाने वाले अन्य प्रयास जैसे विद्यालयों में आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना तथा शैक्षिक स्तर को बनाये रखना आदि भी शिक्षा की समान पहुँच में मद्दगार हैं।

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