उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार उपभोक्ता के अधिकार (Rights of Consumer According to Consumer Projection Act 1986)
उपभोक्ता को दिये गये अधिकारों का वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है-
1. सुरक्षा का अधिकार (Right to safety)- वह किसी भी उस सेवा, उत्पाद एवं प्रक्रिया के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम में जा सकता। जैसे-एक आवासीय कॉलोनी में यदि कोई व्यक्ति खोलकर वातावरण को प्रदूषित करता है तथा दिन-रात कारखाना चलाकर व्यक्तियों की मानसिक शान्ति को भंग करता है तो उसके विरुद्ध उपभोक्ता न्यायालय में जा सकते हैं।
2. सूचना का अधिकार (Right to information) – इस अधिकार के अन्तर्गत प्रत्येक उपभोक्ता को खरीदी जाने वाली वस्तु या सेवा के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। इसमें व्यक्ति उन भ्रामक विज्ञापन एवं भ्रामक सूचनाओं के विरुद्ध न्यायालय में जा सकता है जोकि उस उत्पाद के बारे में दी जाती हैं।
3. चुनाव का अधिकार (Right to choose) – कोई भी उत्पादक या दुकानदार किसी उपभोक्ता को अपने उत्पाद या सेवाओं को क्रय करने के लिये बाध्य नहीं कर सकता। उपभोक्ता अपनी आय, सेवा या वस्तु की गुणवत्ता पर विचार करने के बाद ही उसका चयन कर सकता है। उपभोक्ता के चुनाव को प्रभावित करने या उसे बाध्य करने की स्थिति में उपभोक्ता द्वारा उपभोक्ता न्यायालय की शरण ली जा सकती है।
4. सुनवायी का अधिकार (Right to hear) – उपभोक्ता को सुनवायी का अधिकार भी प्रदान किया जाता है। इस अधिकार के अन्तर्गत उपभोक्ता की रुचि एवं इच्छा के अनुसार सरकार एवं उत्पादक वर्ग द्वारा सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। कम कीमत के मकान एवं कम कीमत पर दूर संचार सेवाएँ उपभोक्ता की रुचि के आधार पर उपलब्ध करायी जाती हैं।
5. हर्जाने का अधिकार (Right to redress) – प्रत्येक उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह किसी भी वस्तु के खराब निकलने पर या सेवा के त्रुटिपूर्ण होने पर उसको हर्जाना मिल सके; जैसे से- कुछ समय पूर्व रोडवेज बस में शीशायुक्त खिड़की न होने के कारण एक व्यक्ति का सर्दी में स्वास्थ्य खराब हो गया, जिससे उसको उपचार कराने में तथा अपनी नौकरी से अवकाश लेने में आर्थिक हानि हुई। जब वह उपभोक्ता न्यायालय में गया।
6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to consumer education) – इस अधिकार के अन्तर्गत वह उपभोक्ता सम्बन्धी साहित्य के अध्ययन एवं समस्त क्रियाओं को सम्पन्न करने के लिये स्वतन्त्र है ।
7. स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार (Right to healthy environment) – प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ वातावरण, शान्तिपूर्ण वातावरण एवं विकास के समान अवसर प्रदान करने का कार्य सरकार द्वारा किया जाता है। इस प्रकार के अधिकार में व्यक्ति को कोई असुविधा होती है तो वह न्यायालय की शरण ले सकता है।
8. मूलभूत आवश्यकताओं का अधिकार (Right to basic needs) – सरकार द्वारा जनता से किये गये वायदे के अनुसार, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, भोजन, आवास एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं को प्रदान किया जाता है। ये सभी वायदे अप्रत्यक्ष रूप में उपभोक्ता के अधिकार होते हैं। इन सुविधाओं के त्रुटिपूर्ण होने की स्थिति में या भ्रष्टाचार की स्थिति में उपभोक्ता द्वारा न्यायालय की शरण ली जा सकती है।
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