B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा नीति को समझाइये।

ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा नीति
ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा नीति

अनुक्रम (Contents)

ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा नीति

ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बढ़ते चरणों की रूपरेखा नीचे प्रस्तुत की जा रही है-

(1) सन् 1611-1613 : मछलीपट्टनम एवं सूरत में कारखानों की स्थापना। शिक्षा का प्रसार, धर्म के उत्थान तथा अंग्रेज कर्मचारियों के लिए मात्र।

(2) सन् 1614 : कुछ भारतीयों को प्रोटेस्टेण्ट धर्म की दीक्षा हेतु इंग्लैण्ड भेजा।

(3) सन् 1659 आदेश-पत्र : इंग्लैण्ड से अंग्रेज मिशनरियों को भारत लाने की (Des patch) इच्छा प्रकट करना । किन्तु धार्मिक तटस्थता का व्यवहार।

(4) सन् 1698 आज्ञा- पत्रः ईस्ट इण्डिया कम्पनी के किलों, नगर-रक्षक (Charter) सेनाओं एवं कारखानों में विद्यालयों की स्थापना की गयी।

(5) सन् 1698 : दान आश्रित स्कूल (Charity School) की स्थापना। बच्चों की निःशुल्क शिक्षा का प्रबन्ध किया गया।

(6) सन् 1673 : मद्रास में प्रथम माध्यमिक स्कूल की स्थापना पादरी प्रिंगले (Pringley) के नेतृत्व में की गयी।

(7) सन् 1719 : बम्बई में पादरी रिचर्ड कॉबे (Rev. Rechard Cobbe) ने प्रोटेस्टेण्ट बालकों के लिए स्कूल की स्थापना की।

(8) सन् 1757 : प्लासी युद्ध विजय (अंग्रेजों की) ।

(9) सन् 1765: सम्राट शाह आलम द्वारा अंग्रेज प्रभुसत्ता को स्वीकृति प्रदान करना। इन दोनों घटनाओं ने अंग्रेजों की सत्ता जड़ों को मजबूत कर दिया तथा उन्होंने शिक्षा के प्रभावी प्रयासों की रूपरेखा अपने हितों के अनुकूल बनाना प्रारम्भ किया।

(10) सन् 1773 : ‘रेग्यूलेटिंग एक्ट’ (Regulacting Act) लागू किया गया, जिसके अन्तर्गत कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गयी।

(11) सन् 1780: वारेन हेस्टिंग्ज (Warren Hastings) ने बंगाल के गवर्नर होने के नाते ‘कलकत्ता मदरसा’ स्थापित किया, जो कि मुसलमानों को उच्च शिक्षा प्रदान करने का केन्द्र था।

(12) सन् 1781: ‘संशोधित कानून’ (Supplementary Act) के तहत भारतीय संस्कृति के अनुरूप न्याय व्यवस्था लागू की गयी।

(13) सन् 1791: बनारस के रेजीडेन्ट जोनाथन डंकन (Jonathan Duncan) ने बनारस संस्कृत कॉलेज की स्थापना की। यह राजनैतिक उद्देश्यों की मात्र पूरक संस्थाएँ थीं।

(14) सन् 1800 : लार्ड वेलजली (Lord Wellesely) ने ‘फोर्ट विलियम कॉलेज’ की स्थापना कलकत्ता में की। इसका उद्देश्य ईस्ट इण्डिया कम्पनी हेतु सुयोग्य भारतीय कर्मचारियों की तीव्र माँग पूर्ति करना था।

Important Links…

Disclaimer

Disclaimer:Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment