बाल श्रम उन्मूलन के उपाय (Stop Child Labour in Hindi)
बालकों को बाल श्रमिक बनने से रोकने के लिये निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
1. रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना (Providing employment chances ) – गरीब तथा बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये सरकार की ओर से उचित योजनाएँ चलायी जा सकती हैं, जो कि निम्नलिखित हैं
(1) कृषि पर आधारित रोजगार योजनाएँ; जैसे- किसान समृद्धि योजना, चावल विकास योजना, राष्ट्रीय दलहन एवं तिलहन विकास योजना, भूमि संरक्षण कार्यक्रम, अन्नपूर्णा योजना और छोटे तालाब निर्माण योजना। (2) खाद्यान्न वितरण योजना। (3) अन्योदय अन्न योजना । (4) अन्नपूर्णा दाल-भात योजना ।
2. शिक्षा को निःशुल्क रूप में प्रदान करना (Providing free education) – भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जहाँ पर गरीबी, भुखमरी एवं अशिक्षा का वातावरण है, उनमें शिक्षा को निःशुल्क देने की सरकार की योजना क्रियान्विति होनी चाहिये।
3. प्रौढशिक्षा कार्यक्रम (Adult education programme) – ऐसे प्रौढ़ जो किसी भाषा को समझ सकते हों, उन्हें पढ़ने, लिखने के अवसर प्रदान करने के लिये सरकार द्वारा प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम को बढ़ावा प्रदान करना चाहिये। सम्पूर्ण देश में साक्षरता मिशन त्वरित गति के आधार पर चलाया जाना चाहिये।
4. जनसंख्या शिक्षा (Population education)- भावी पीढ़ी को जनसंख्या एवं उससे सम्बन्धित समस्याओं के प्रति सचेत करने एवं समस्याओं के समाधान में रुचि विकसित करने के लिये प्रेरित करना चाहिये, जिससे वे अपने जीवन मूल्यों को समझ सकें और आगे आने वाली पीढ़ी को शिक्षित कर उचित रोजगार पाने की दिशा में प्रयत्न कर सकें। यदि जनसंख्या का दबाव कम होगा तो आर्थिक तंगी परेशान नहीं करेगी। अत: जनसंख्या नियन्त्रण आवश्यक है। शिक्षा की व्यवस्था द्वारा जनसंख्या की वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना हमारी शिक्षा नीति का अभिन्न अंग है। जनसंख्या शिक्षा प्रायोजन के द्वारा जनसंख्या शिक्षा की विषयवस्तु को शिक्षा व्यवस्था में सम्मिलित किया जा सकता है।
इस प्रकार अशिक्षा को दूर करके तथा स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके हम अभिभावकों के अन्दर जागृति उत्पन्न कर सकते हैं और उन्हें पलायन की स्थिति से बचा कर उनके बच्चों को बाल श्रमिक बनने से रोक सकते हैं और बालकों को उचित एवं समान अवसर प्रदान कर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध करा सकते हैं।
बाल श्रम उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना कार्यक्रम के अन्तर्गत 1.50 लाख बच्चों को सम्मिलित करने हेतु 76 बाल श्रम परियोजनाएँ स्वीकृत की गयी हैं। करीब 1.05 लाख बच्चों को विशेष विद्यालयों में नामांकित किया जा चुका है। श्रम मंत्रालय ने योजना है आयोग से वर्तमान में 250 जिलों के अतिरिक्त देश के सभी जनपदों को राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना में सम्मिलित करने के लिये 1500 करोड़ रूपये देने को कहा है। घातक उद्योगों, ढाबों और घरों में कार्य करने वाले 9 से 14 वर्ष के बच्चों को इस परियोजना के अन्तर्गत लाया जायेगा।
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