निबंध / Essay

भारत-पर्यटको के लिए स्वर्ग पर निबंध | Essay on India-Paradise for Tourists in Hindi

भारत-पर्यटको के लिए स्वर्ग  पर निबंध
भारत-पर्यटको के लिए स्वर्ग पर निबंध

अनुक्रम (Contents)

भारत-पर्यटको के लिए स्वर्ग पर निबंध

प्रस्तावना- भारतवर्ष को सजाने-सँवारने में प्रकृति ने अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। उत्तर से दक्षिण तक तथा पूरब से पश्चिम तक अनेक पर्यटक स्थल पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भारत में तीन प्रकार के पर्यटक स्थल हैं-(1) धार्मिक (2) प्राकृतिक (3) ऐतिहासिक।

उत्तरी भारत के पर्यटक स्थल- धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला श्मीर उत्तर भारत में ही स्थित है। जम्मू, श्रीनगर, शेषनाग, गुलमर्ग, लद्दा व आदि स्थान अपनी सुन्दरता के लिए जग-प्रसिद्ध है। अमरनाथ-गुफा एवं वैष्णों देवी नामक हिन्दुओं के तीर्थस्थल प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं को अपने यहाँ आने के लिए प्रेरित करते हैं। अतः जम्मू व कश्मीर धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटक स्थलों के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश भी प्राकृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत सुन्दर प्रदेश हैं। यहाँ चम्बा, कुल्लू-मनाली, शिमला प्रमुख पर्यटक स्थल हैं जहाँ प्रकृति ने अपने कोष से सभी रत्न व मुद्रायें बिखेर दी हैं। हिन्दुओं की नौ देवियाँ जिनमे अन्नपूर्णा, चिन्तपूर्णी, ज्वाला देवी प्रमुख हैं, हिमाचल प्रदेश में ही हैं। लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहाँ आते हैं। उत्तरांचल उत्तर भारत का तीसरा धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटक स्थल है। यहाँ नैनीताल, अल्मोडा, चमोली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, देहरादून आदि दर्शनीय स्थल हैं। उत्तरांचल में धार्मिक स्थल जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश, कैलाश मानसरोवर, नीलकण्ठ, हेमकुण्ड आदि प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, जहाँ पर हर समय ही भक्तों का तांता लगा रहता है। हरिद्वार तो सच्चे अर्थों में ‘हरि का द्वार’ माना जाता है, जहाँ आकर लोग अपने जन्म के पाप काटते हैं तथा मोक्ष का रास्ता तय करते हैं। प्रत्येक 12 वर्षों के बाद हरिद्वार में गंगा नदी तट पर कुम्भ मेला लगता है अतः पूरा उत्तर भारत ही अत्यन्त मनोहारी एवं सुन्दर पर्यटक स्थल हैं।

मध्य भारत के पर्यटक स्थल- मध्य भारत में उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश मैदानी भाग है जहाँ अनेक ऐतिहासिक व धार्मिक महत्त्व के स्थल हैं। उत्तर प्रदेश में आगरा, बनारस, इलाहाबाद, चित्रकूट, अयोध्या, मथुरा, गढ़ आदि पर्यटक स्थल हैं। आगरा तो ताजमहल के कारण अत्यन्त महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक शहर है। ताजमहल को देखने तो लाखों देसी-विदेशी पर्यटक हर रोज़ आते हैं। ताजमहल ऐतिहासिक महत्त्व के साथ ही मुगल अभियान्त्रिकी का एक सुन्दर उदाहरण है जो उस समय की तकनीक व भवन निर्माण कला की दक्षता को भी प्रदर्शित करता है। उत्तरप्रदेश में ही इलाहाबाद में गंगा-यमुना व सरस्वती का संगम होता है, जहाँ प्रत्येक 12 वर्ष बाद कुम्भ मेला लगता है। यह कुम्भ मेला विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन होता है, जहाँ करोड़ो श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करके स्वयं को धन्य करते हैं। मध्य प्रदेश में शिप्रा नदी के तट पर बसा ‘उज्जैन’ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ महाकालेश्वर का विश्व प्रसिद्ध मन्दिर है। उज्जैन में भी प्रत्येक 12 वर्षों बाद कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।

पश्चिमी भारत के पर्यटक स्थल- पश्चिमी भारत में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के अनेक ऐतिहासिक व धार्मिक महत्त्व के स्थल हैं। राजस्थान में राजपूतकालीन अनेक ऐतिहासिक इमारतें हैं। चितौरगढ़, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, धौलपुर, अजमेर आदि प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर हैं। अजमेर के पुष्कर जी में ब्रह्मा जी का विश्व प्रसिद्ध मन्दिर है। अजमेर में ही ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सैंकड़ो मुसलमान चादर चढ़ाने आते हैं। ‘माउण्टआबू’ राजस्थान का प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल तथा जैन सम्प्रदाय का धार्मिक स्थल है। यहाँ के दिलवाड़ा मन्दिरो को जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थानों में माना जाता है। गुजरात में द्वारकाधीश मन्दिर हिन्दुओं के चार प्रमुख धामो में से एक है। माण्डू, अहमदाबाद आदि प्रमुख ऐतिहासिक नगर है जहाँ के गुम्बद, मस्जिदें आदि प्रमुख पर्यटक स्थल है। महाराष्ट्र में नासिक, मुम्बई, एलोरा अजन्ता की गुफाएँ (औरंगाबाद) आदि प्रमुख आकर्षण के केन्द्र है। ये गुफाएँ नवीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक अनेक राजाओं द्वारा बनवाई गई थी। इन गुफाओं की मूर्तिकला निःसंदेह अद्भुत है। गोवा तीनों ओर से महाराष्ट्र से घिरा सबसे छोटा राज्य है जहाँ के समुद्रतट अद्भुत हैं। यहाँ पर इस्टर, क्रिसमस व नए साल का आयोजन दर्शनीय होता है।

पूर्वी भारत के प्रमुख पर्यटक स्थल- पूर्वी भारत में बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल मुख्य हैं। बिहार में ‘गया’ एक प्रमुख धार्मिक पर्यटक स्थल है। गया हिन्दुओं व बौद्धों का पवित्र तीर्थ स्थल है। गया में ‘पितृतर्पण’ का बहुत महत्त्व है। उड़ीसा में कोणार्क का सूर्य मन्दिर प्रमुख पर्यटक स्थल है। उड़ीसा में ही लिंगराज मन्दिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। समुद्र तट पर बसा ‘पुरी’ शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध ऐतिहासिक व धार्मिक नगर है जहाँ भगवान जगन्नाथ का मन्दिर विश्वप्रसिद्ध है तथा हिन्दुओं के चार धामो में से एक है। पश्चिम बंगाल में कलकत्ता, दार्जिलिंग आदि प्रमुख नगर है। दार्जिलिंग के चाय-बागान जगप्रसिद्ध है। कलकत्ता में हुगली नदी पर बना ‘हावड़ा ब्रिज’ भी एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। गंगा सागर (जहाँ गंगा अपने पूरे भारत भ्रमण को पूरा करके सागर से मिलती है) हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं।

पूर्वोत्तर भारत में भारत के 8 छोटे-छोटे राज्य हैं- असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर तथा सिक्किम। इन सभी पहाड़ी प्रदेशो में प्राकृतिक सुन्दरता अभूतपूर्व है। असम पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख राज्य है, जिसके चाय-बागान प्रसिद्ध हैं।

दक्षिणी भारत के पर्यटक स्थल- दक्षिणी भारत में कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु आदि प्रमुख हैं। कर्नाटक की राजधानी बंगलौर अपने उद्यानों के लिए प्रसिद्ध है। यही ‘मैसूर पैलेस’ एक ऐतिहासिक स्थल है। आन्ध्र प्रदेश में हैदराबाद प्रमुख नगर है जहाँ की ‘चार मीनार’ नामक इमारत मुख्य है।

आन्ध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी का मन्दिर हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों सैलानी आते हैं। केरल के समुद्री तट भी आकर्षक पर्यटनस्थल हैं। केरल के मुख्य त्यौहार ‘ओणम’ पर आयोजित होने वाला मेला भी दर्शनीय होता है। तमिलनाडु प्राकृतिक व धार्मिक दृष्टि से एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। तमिलनाडु का रंगनाथ जी का मन्दिर भी बहुत प्रसिद्ध है इसके बारे में प्रसिद्ध है कि भगवान श्रीराम ने रावण को मारने के पश्चात् यहाँ विश्राम किया था। तमिलनाडु में ही भारत के दक्षिणी समुद्र तट पर ‘रामेश्वरम्’ स्थित है। यह हिन्दुओं के चारों धामो में से एक है।

उपसंहार- यह कहने में कोई अतिशयोक्ति न होगी कि हमारा भारतवर्ष प्राकृतिक, ऐतिहासिक तथा धार्मिक दृष्टि से पर्यटकों के लिए स्वर्ग के समान है किन्तु यह भी एक खेद की बात है कि हमारे यहाँ विदेशी पर्यटकों की संख्या विश्व की 1% से अधिक नहीं है। भारत सरकार के पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारतीय पर्यटन विकास निगम की स्थापना की, जिसके होटल पूरे देश में हैं। इसके अतिरिक्त हर राज्य में अपने अलग पर्यटन निगम भी हैं, जो विकास कार्य में संलग्न है।

परन्तु यह भी सत्य है कि जितने भी पर्यटक भारत वर्ष में आते हैं वे यहाँ के पर्यटक स्थलों को देखकर मन्त्रमुग्ध हुए बिना नहीं रहते। हमें इस बात पर बहुत गर्व है।

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