राजनीति विज्ञान / Political Science

संगठन के प्रमुख आधार | Basis of Organisation in Hindi

संगठन के प्रमुख आधार
संगठन के प्रमुख आधार

संगठन के प्रमुख आधार कौन-से है?

संगठन के प्रमुख आधार (Basis of Organisation) : संगठन के उद्देश्य की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों के मध्य कार्य विभाजन तथा उनके द्वारा सम्पादित होने वाली प्रशासनिक क्रियाओं में उचित समन्वय स्थापित किया जाता है। वस्तुतः संगठन में हम विभिन्न व्यक्तियों के बीच कार्य विभाजन ही करते हैं। संगठन में इस विभाजन के कौन-से आधार होने चाहिये। लूथर गुलिक किसी भी कार्य के विभाजन के चार आधारों का उल्लेख करते हैं।

लूथर गुलिक के अनुसार “संगठन के निर्माण में ऊपर से नीचे तक हमें प्रत्येक कार्य का विश्लेषण करना होता है तथा इस बात का निश्चय करना होता है कि एकरूपता के सिद्धान्त को हानि पहुँचाये बिना संगठन को कितने वर्गों में विभाजित किया जाये।” सैद्धान्तिक या व्यावहारिक दृष्टि से यह कार्य सहज नहीं है। हम यह पायेंगे कि प्रत्येक पद पर कार्य करने वाले प्रत्येक कर्मचारी के कार्य की प्रकृति की पहचान निम्नलिखित बातों द्वारा होनी चाहिये

(1) उस बड़े उद्देश्य के द्वारा जिसके द्वारा कार्य कर रहा है, जल-पूर्ति व्यवस्था, अपराध नियन्त्रण तथा शिक्षा संचालन, (2) उस प्रक्रिया के द्वारा जिसका कि वह प्रयोग कर रहा है, जैसे इंजीनियरिंग, डॉक्टरी, बढ़ईगीरी, स्टेनोग्रॉफी, सांख्किकीय, हिसाब-किताब का काम, (3) उन व्यक्तियों अथवा वस्तुओं के द्वारा जिनसे व्यवहार करना होता है अथवा जिनके लिए काम किया जाता है, जैसे विदेशों में बसने वाले भारतीय वन खाने, पार्क अनाथ, कृषक, मोटर गाड़ियाँ, निर्धन, (4) उस स्थान के द्वारा जहाँ कि वह अपना कार्य सम्पन्न करता है, जैसे हवाई द्वीप, वाशिंगटन, अल्बामा केन्द्रीय हाईस्कूल।

लूथर गुलिक के विचारों का सार, चार आधार लूथर गुलिक के उपरोक्त वर्णन के अनुसार संगठन के चार विभिन्न आधार हुए। अब निम्नांकित चार आधारों का विश्लेषण किया जायेगा

1. कार्य– संगठन किसी विशिष्ट कार्य की पूर्ति अथवा उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है। जैसे सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तथा न्याय कार्य के लिए न्यायालय। यदि कोई कार्य अथवा लक्ष्य ही नहीं होगा, तो संगठन का प्रश्न ही नहीं उठता। संगठन के विभागों के निर्माण का आधार कार्य ही होता है।

2. प्रक्रिया- प्रक्रिया अथवा व्यवसाय किसी कार्य को करने की विशिष्ट तकनीकी कुशलता है। यह प्रक्रिया भी संगठन का आधार है। उदाहरण के लिए वकीलों का एक विभाग। उनकी विशिष्ट व्यावसायिक कुशलता के आधार पर बनाया जा सकता है अथवा इसी प्रकार डॉक्टरों का एक विभाग हो सकता है। भारत में लोक कार्य विभाग का संगठन प्रक्रिया (Process) के ही आधार पर किया गया है, किन्तु तकनीकी योग्यता के आधार पर बहुत अधिक विभागों का नहीं किया जा सकता। बहुधा तकनीकी सेवाओं की प्रकृति अनिवार्य होती है; जैसे हमें सभी विभागों में एकाउण्ट के काम की, टाइप तथा शार्टहैण्ड के काम की आवश्यकता होती है। यदि टाइपिस्टों अथवा एकाउण्टेन्ट के लिए अलग-अलग विभाग बना दिया जाये, तो विभिन विभागों को अपने विभाग के लिए इन कार्यों को कराने में अत्यधिक विलम्ब व कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। इसी कारण आधुनिक समय में सभी विभाग अपने पृथक् टाइपिस्ट स्टेनोग्राफर अथवा एकाउण्टेन्ट रखते हैं।

3. सेवा किये जाने वाले व्यक्ति– संगठन का आधार सेवा किये जाने वाले व्यक्ति भी होते हैं। ऐसे विभागों का निर्माण व्यक्तियों के किसी समूह विशेष की समस्याएँ सुलझाने के लिए किया जाता है, जैसे भारत में पुनर्वास विभाग पाकिस्तान से आये हुए शरणार्थियों की व्यवस्था के लिए बनाया गया है। इसी प्रकार ‘हरिजन कल्याण विभाग’ केवल हरिजनों से सम्बन्धित समस्याओं का निदान करता है। कभी-कभी विभाग सेवा सामग्री के नाम से भी निश्चित किये जाते हैं, जैसे ‘खाद्य निगम’, ‘कृषि विभाग’ आदि।

4. क्षेत्र– जिस क्षेत्र में कार्य किया जाता है, वह भी संगठन क्रिया का आधार बन जाता है, जैसे उत्तरी-पूर्वी सीमान्त एजेन्सी या नेफा भारत के एक क्षेत्र विशेष की समस्याओं से सम्बन्धित है। यहाँ क्षेत्र ही संगठन का आधार बना है।

उपयुक्त आधार कौन-सा ?

यह कहना कठिन है कि संगठन के इन विभिन्न आधारों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कौन-सा है? वस्तुतः संगठन क्रिया भी परिस्थिति सापेक्ष होती है। परिस्थितियों या अवसरों के अनुरूप ही संगठन किया जाता है। अतः यदि एक अवसर पर एक आधार महत्त्वपूर्ण है, तो दूसरे अवसर पर संगठन का आधार भी दूसरा हो सकता है।

Important Links

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment