मौलिक कर्तव्य नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Fundamental duties Civics lesson plan for B.Ed.
मौलिक कर्तव्य नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Fundamental duties Civics lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत मौलिक कर्तव्य नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Fundamental duties Civics lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे
दिनांक- |
विषय- नागरिक शास्त्र |
चक्र- 3 |
कक्षा –7th |
प्रकरण- “मौलिक कर्तव्य“ |
अवधि- 30 मिनट |
➤सामान्य उद्देश्य :-
- छात्रों में नागरिक शास्त्र के प्रति रूचि उत्पन्न करना|
- नागरिक शास्त्र के माध्यम से छात्रों के मानसिक शक्ति का विकास करना|
- छात्रों में नागरिकता के गुणों का विकास करना|
- छात्रों में देशप्रेम व् विश्वबंधुत्व की भावना का विकास करना|
- छात्रों में राष्ट्रीय व सामाजिक मनोवृत्ति का विकास करना|
- छात्रों को वर्तमान राजनितिक व सामाजिक समस्या का ज्ञान कराना|
➤विशिष्ट उद्देश्य :-
- छात्रा मौलिक कर्तव्य के विषय में प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
- छात्रा मौलिक कर्तव्य का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी|
- छात्रा सभी मूल कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगी|
- छात्राएं मूल कर्तव्यों की व्याख्या कर सकेंगी |
- छात्राएं मूल कर्तव्य को परिभाषित कर सकेंगी |
➤शिक्षण सामग्री- चार्ट एवं अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|
➤पूर्वज्ञान- छात्राओं को मूल कर्तव्य के विषय में सामान्य जानकारी रखती होगी|
क्र. स. |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. |
गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है ? |
26 जनवरी |
2. |
26 जनवरी 1950 को क्या लागू हुआ ? |
संविधान |
3. |
संविधान के द्वारा जो कर्तव्य प्रदान किये गए है उसे क्या कहते है ? |
मौलिक कर्तव्य |
➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग मौलिक कर्तव्य के विषय में अध्ययन करेंगे।
➤प्रस्तुतीकरण :-
शिक्षण बिन्दु |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. मौलिक कर्तव्य |
मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख प्रारम्भिक मूल भारतीय संविधान में कहीं नहीं था किन्तु संविधान के 42 वें संविधान संसोधन अधिनियम, 1976 के द्वारा मौलिक कर्तव्यों का समावेश भारतीय संविधान में किया गया है | संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों की संख्या 10 है | मूल कर्तव्यों का पालन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए आवश्यक है | |
छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगे| |
2. भारतीय संविधान में वर्णित मूल कर्तव्य |
1. संविधान का पालन कर और उसके आदेशों संस्थाओं राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें | 2. स्वतन्त्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोय रखें और उनका पालन करें | 3. भारत की प्रभुता एकता और अखण्डता की रक्षा करें और उसे अक्ष्क्षुण रखें| 4. देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें | 5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान मातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हों | 6. भारत की सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझने और उसका परीक्षण करें | 7. प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके अन्तर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव है रक्षा करें उसका संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें | 8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे | 9. सार्वाजनिक संपत्ति की सुरक्षा रखें तथा हिंसा से दूर रहें | 10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले | |
|
3. मौलिक कर्तव्यों का महत्व |
संविधान में 42 वें संशोंधन द्वारा मूल कर्तव्यों को सम्मिलित किया गया है तत्कालीन संविधान संसोधन समिति का विचार कि नागरिकों के मूल अधिकारों के साथ2 मूल कर्तव्यों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए क्योंकि अधिकार और कर्तव्य अन्योन्याश्रित है | ये मूल कर्तव्य इतने महत्वपूर्ण है कि राज्य नागरिकों के मूल अधिकारों का अतिक्रमण नहीं कर सकता तो इसकी तरफ यदि कोई नागरिक मूल कर्तव्यों का उल्लंघन करें तो उसे दण्डित कर सकता है | |
➤ श्यामपट्ट सारांश :-
1. 42 वें संशोधन में मौलिक कर्तव्य बताये गए है |
2. संविधान में वर्णित 10 मूल कर्तव्य है |
3. देश की रक्षा करना तथा आह्वान किये जाने पर राष्ट्र सेवा |
4. अधिकार और कर्तव्य अन्योन्याश्रित है |
➤ निरीक्षण कार्य :-
छात्राध्यापिका छात्राओं को श्यामपट्ट सारांश को लिखने को कहेंगी एवं निरीक्षण करते हुए उनके समस्याओं का समाधान भी करेंगी|
➤ मूल्यांकन प्रश्न :-
➤ गृहकार्य :-
मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख कीजिये |
Important Links
- शिक्षा प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषा, सिद्धान्त, शैक्षिक-संगठन तथा शैक्षिक प्रशासन में अन्तर
- शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य/आवश्यकता Shaikshik Prashasan in Hindi
- शैक्षिक प्रशासन का महत्व (Importance of Educational Administration in Hindi)
- शैक्षिक प्रशासन के प्रकार types of educational administration in hindi
- विद्यालय संगठन एवं शैक्षिक प्रशासन में सम्बन्ध | संगठन तथा प्रशासन में सम्बन्ध
- शैक्षिक प्रशासन व शैक्षिक संगठन में अन्तर
- मापन एवं मूल्यांकन में अन्तर – difference between measurement and evaluation in hindi
- शैक्षिक प्रशासन व शैक्षिक संगठन में अन्तर
- विद्यालय संगठन एवं शैक्षिक प्रशासन में सम्बन्ध | संगठन तथा प्रशासन में सम्बन्ध
- अवलोकन/निरीक्षण की परिभाषा, विशेषताएँ तथा इसकी उपयोगिता
- साक्षात्कार का अर्थ, विशेषताएँ, उद्देश्य तथा इसके लाभ | Meaning of Interview in Hindi
- उपकल्पनाओं के स्रोत तथा इसके महत्व
- मैलीनॉस्की के प्रकार्यवाद | Malinowski’s functionalism in Hindi
- परम्परा का अर्थ, परिभाषा, तथा महत्व
- प्रमुख शैक्षिक विचारधाराएँ या दर्शन | Main Educational Thoughts or Philosophies
- भूमिका (Role) का अर्थ, परिभाषा एवं प्रमुख विशेषताएँ
- परिस्थितिशास्त्रीय (ecological) पतन का अर्थ, कारण एवं इससे बाचव के कारण
- मातृ शिक्षक संघ के स्वरूप, कार्याविधि व उन्नति के सुझाव
- समुदाय का अर्थ | विद्यालय के विकास में समुदाय की भूमिका
- विद्यालय अनुशासन का अर्थ, अनुशासन की परिभाषा एवं महत्व
- विद्यालय अनुशासन के प्रकार
- विद्यालय समय सारणी का अर्थ और आवश्यकता
- विद्यालय पुस्तकालय के प्रकार एवं आवश्यकता
- प्रधानाचार्य के आवश्यक प्रबन्ध कौशल
- पुस्तकालय का अर्थ | पुस्तकालय का महत्व एवं कार्य
- सामाजिक परिवर्तन (Social Change): अर्थ तथा विशेषताएँ –