स्पष्टीकरण का कौशल (Skill of Explaining)
शिक्षण में अनेक प्रकार के सिद्धान्त प्रत्यय तथा नियमों आदि को समझाना पड़ता है। इसके लिए शिक्षक इनकी व्याख्या करता है। इस व्याख्या या स्पष्टीकरण के कौशल के अर्न्तगत “विषय-वस्तु पर आधारित परस्पर पूरी तरह से सम्बन्धित, क्रमबद्ध तथा सार्थक कथन शिक्षक द्वारा दिये जाते हैं।”
स्पष्टीकरण कौशल के घटक (Components)
1. प्रारम्भिक कथनों का स्पष्टता से प्रयोग।
2. निष्कर्षात्मक कथन स्पष्ट होना।
3. भाषा में प्रवाह होना।
4. उपयुक्त शब्दों का प्रयोग।
5. कथनों में तारतम्यता होना।
6. असम्बद्ध कथनों की अनुपस्थिति।
7. विचारों में परस्पर जोड़ने वाले शब्दों का प्रयोग|
8. छात्रों के बोध के परीक्षण हेतु बीच-बीच में पूछे गये प्रश्न।
स्पष्टीकरण के कौशल को व्याख्या कौशल भी कहा जाता है। “यह कौशल शिक्षक व्यवहारों का वह समूह है जिसके द्वारा किसी सम्प्रत्यय, सिद्धान्त, नियम, पद, परिभाषा, विधि-प्रविधि तथा संरचना आदि को भलीभाँति समझाने के लिये अन्तःसम्बन्धित एवं अन्तः आश्रित कथनों का प्रयोग किया जाता है।”
अच्छा स्पष्टीकरण वह है, जिसे छात्र सरलता से समझ सकें, सुगमता से ग्रहण कर सकें और सहज ही उसे बता सकें शिक्षक के कुछ व्यवहार प्रभावशाली व्याख्या में सहायक होते हैं और व्यवधान डालते हैं स्पष्टीकरण या व्याख्या कौशल का मुख्य उद्देश्य, स्पष्टीकरण के प्रभावशाली व्यवहारों में वृद्धि करना तथा व्यवधान अथवा बाधा डालने वाले व्यवहारों को कम करना होता है।
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