औपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा एवं निरौपचारिक शिक्षा में अन्तर
औपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा एवं निरौपचारिक शिक्षा के बीच अंतर निम्नलिखित है-
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अनौपचारिक शिक्षा |
निरौपचारिक शिक्षा |
1. यह शिक्षा स्कूल से आरंभ होकर विश्वविद्यालय तक चलती है यह सीमित समय के लिए होती है। | यह एक आजीवन शिक्षा होती है। | यह शिक्षा निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है । |
2. इस शिक्षा का कार्य-क्षेत्र सीमित और संकीर्ण है। | अनौपचारिक शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। | इस शिक्षा का कार्य क्षेत्र भी व्यापक होता है । |
3. इस शिक्षा के स्रोत या एजेन्सियाँ स्कूल, धार्मिक संस्थाएं, अजायबघर, आदि हैं। | औपचारिक शिक्षा के स्रोत या एजेन्सियाँ घर, बाजार इत्यादि हैं। | इस प्रकार की शिक्षा के स्रोत संरचित संगठन, रंगशालाएँ आदि हैं। |
4. इस शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का बौद्धिक विकास करना है। |
यह शिक्षा व्यावहारिकता पर बल देती है। |
इस शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का चहुँमुखी विकास करना है । |
5. यह शिक्षा पूर्व नियोजित होती है। इसका एक निर्धारित समय होता है। | यह शिक्षा किसी भी समय, है। किसी से भी प्राप्त की जा सकती है। | यह शिक्षा भी पूर्व नियोजित होती है । |
6. पाठ्यक्रम में विभिन्न विषय और गतिविधियाँ निर्धारित होती हैं। | इस शिक्षा में जीवन स्वयं में ही एक पाठ्यक्रम होता है। | इस शिक्षा में आवश्यकता पर आधारित विषय शामिल होते हैं । |
7. यह एक अवास्तविक शिक्षा होती है। | यह शिक्षा प्राकृतिक होती है। | यह शिक्षा प्राकृतिक और औपचारिक शिक्षा का संयोजन होती है। |
8. यह शिक्षा शिक्षण के निश्चित ढंगों से प्रदान की जाती है। |
इस प्रकार की शिक्षा में शिक्षण के निश्चित ढंग नहीं होते। | इस शिक्षा में शिक्षण के ढंग लिखित रूप में पूर्व निर्धारित होते हैं। |
9. यह शिक्षा प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा प्रदान की जाती है। | यह शिक्षा किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जा सकती है। | यह शिक्षा भी अनुभवी शिक्षकों द्वारा दी जाती है परन्तु अधिकांशतः पत्राचार द्वारा प्रदान की जाती है। |
10. परीक्षा के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है। प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं। | सामाजिक समायोजन को देखते हुए व्यक्ति का मूल्यांकन किया जाता है कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है। | इस शिक्षा में मूल्यांकन के आधार पर प्रमाण पत्र तथा उपाधियाँ प्रदान की जाती हैं। |
11. इस प्रकार की शिक्षा में अनुशासन इ कठोर और नम्य भी होता है। | इस शिक्षा में सामाजिक नियन्त्रण ही सामाजिक अनुशासन का कारण बन जाता है। | यह स्वयं आरोपित होता है या इसमें आन्तरिक अनुशास होता है। |
12. यह शिक्षा शैक्षिक संस्थाओं, स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित होती है। | इस शिक्षा को किसी भी स्थान पर प्राप्त किया जा सकता है। | यह अपने समयानुसार होने वाली शिक्षा है और औपचारिक संस्थाओं की चारदीवारी के बाहर होती है। |
13. औपचारिक शिक्षा कठोर होती है। तथा इसमें प्रवेश और विकास के निर्धारित समय होते हैं। | इसमें कोई कठोर नियम या प्रवेश या विकास के निश्चित समय नहीं होते। | इसमें प्रवेश और विकास के समय होते हैं। |
14. इसमें सभी मानव संसाधनों का उपयोग नहीं किया जाता है। | यह उपलब्ध मानव संसाधनों का उपयोग करता है। | यह मानव संसाधनों के अधिकतम उपयोग के सिद्धान्त पर आधारित होता है। |
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