पर्यावरण विधि (Environmental Law)

पूर्व सावधानी का सिद्धान्त Precautionary principle in Hindi

पूर्व सावधानी का सिद्धान्त Precautionary principle in Hindi
पूर्व सावधानी का सिद्धान्त Precautionary principle in Hindi

पूर्व सावधानी का सिद्धान्त Precautionary principle in Hindi

पूर्व सावधानी का सिद्धान्त (Precautionary principle)-इस सिद्धान्त के अनुसार जिस पदार्थ या क्रियाकलाप से पर्यावरण को खतरा है उसे पर्यावरण को क्षति पहुँचाने से रोका जाना चाहिये भले ही इस बात का निश्चायक वैज्ञानिक प्रमाण हो कि उस विशिष्ट पदार्थ या क्रियाकलाप से पर्यावरण को क्षति पहुँची है।

रियो घोषणा 1992 का सिद्धान्त 15 सावधानी के सिद्धान्त के बारे में निम्नलिखित उपबन्ध करता है-

“राज्यों द्वारा अपनी क्षमताओं के अनुसार पर्यावरण के संरक्षण के लिये व्यापक रूप से पूर्व सावधानी का सिद्धान्त (precautionary principle) अपनाया जाएगा। जहां कहीं पर्यावरण की क्षति का गम्भीर खतरा होगा वहाँ पूर्व निश्चितता के अभाव को पर्यावरणीय ह्यस को रोकने का कारण नहीं बनने दिया जाएगा।

पूर्व सावधानी के सिद्धान्त को समुद्रों के प्रदूषण के निवारणार्थ हुए अनेकों अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में अपनाया गया है। वर्ष 1991 में संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड कंजरवेशन यूनियन और प्रकृति के लिये वर्ल्ड वाइड फण्ड के संयुक्त प्रयत्न से पृथ्वी के लिये परवाह (caring for the earth) के लिये जो दस्तावेज तैयार किया गया उसमें इस बात पर जोर दिया गया कि विकास एवं पर्यावरण पर विनिश्चयों के लिये सावधानी के सिद्धान्त को आधार बनाया जाये।

वेल्लौर सिटीजन्स वेल्फेयर फोरम बनाम यूनियन आफ इण्डिया AIR 1996 S.C. के वाद में राज्य विधि (Municipal law) के सन्दर्भ में पूर्व सावधानी का अर्थ बताया गया है-

(i) राज्य सरकारों और स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा पर्यावरणीय हास को रोकने के लिये पूर्व सावधानी के सिद्धान्त पर आधारित पर्यावरणीय उपाय किये जाएंगे अर्थात् जिन कारणों से पर्यावरणीय हास हुआ है उन कारणों को भविष्य में पहले से रोक दिया जाएगा।

(ii) जहाँ पर्यावरणीय हास को गम्भीर एवं अपूरणीय क्षति का खतरा है वहाँ वैज्ञानिक निश्चितता के अभाव को निवारण उपायों के स्थगित करने का कारण नहीं बनने दिया जाएगा अर्थात् राज्यों द्वारा पर्यावरण की गम्भीर क्षति को बचाने का प्रयत्न विद्यमान संसाधनों द्वारा किया जाएगा। ऐसा करते समय उनके द्वारा वैज्ञानिक निश्चितता की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी।

(iii) यह साबित करने का भार कि उनके कार्य या क्रियाकलाप से पर्यावरण को क्षति नहीं हुई है, निम्नलिखित पर होगा- .

(क) कार्य करने वाले व्यक्ति (actor), या

(ख) विकासकर्ता (Developer), या

(ग) उद्योगपति (Industrialist)।

उच्चतम न्यायालय ने एम० सी० मेहता बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया AIR 2002 S.C. के मामले में यह कहा है कि पूर्व सावधानी का सिद्धान्त पोषणीय विकास की धारणा में समाविष्ट है। सिद्धान्त सरकार और स्वास्थ्य प्राधिकारियों पर यह दायित्व अधिरोपित करता है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उनके द्वारा समुचित कदम उठाया जाय।

इसी प्रकार नर्मदा बचाओ आन्दोलन बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया AIR 2000 S.C. के मामले में उच्चतम न्यायालय के बहुमत न्यायाधीशों द्वारा पूर्व सावधानी के सिद्धान्त पर विचार किया गया। इस मामले में न्यायालय का मत था कि सिद्धान्त को प्रदूषण से सम्बन्धित केवल ऐसे मामलों में लागू किया जाना चाहिए जहाँ इसका प्रभाव अनिश्चित (Uncertain) अनुपेक्षणीय (non-negligible) हो।

विजय नगर एजूकेशन ट्रस्ट बनाम के० एस० पी० सी० बी० AIR 2002 कर्नाटक के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया है पूर्व सावधानी का सिद्धान्त संविधान का आधार स्तम्भ है और पर्यावरणीय सुधार संरक्षण के लिए संवैधानिक समादेश (mandate) का अंग है।

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