भूगोल / Geography

खनिज एवं शक्ति संसाधन | Mineral and Power Resources in Hindi

खनिज एवं शक्ति संसाधन | Mineral and Power Resources in Hindi
खनिज एवं शक्ति संसाधन | Mineral and Power Resources in Hindi

दक्षिणी पूर्वी एशिया के खनिज और ऊर्जा संसाधनों का विस्तृत वर्णन करिये। 

खनिज एवं शक्ति संसाधन

दक्षिण-पूर्वी एशिया में पायेजाने वाले औद्योगिक खनिजों में टिन, लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, बाक्साइट टंगस्टन, निकिल आदि का महत्वपूर्ण स्थान है। पेट्रोलियम और कोयला यहाँ के प्रमुख शक्ति संसाधन हैं। यहाँ पाये जाने वाले बहुमूल्य खनिजों में सोना और चाँदी प्रमुख हैं।

(1) टिन (Tin)- टिन एक कोमल धात्विक खनिज है जिसका उपयोग हल्के बर्तन बनाने, बर्तनों पर पालिश करने, टिन प्लेट बनाने आदि में किया जाता है। इसे कैसीटेराइट (Cassiterite) के नाम से जाना जाता है। दक्षिण-पूर्वी एशिया टिन का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। संपूर्ण विश्व की लगभग एक चौथाई टिन मलेशिया से प्राप्त होती है। 1990 तक यहाँ विश्व की .50 प्रतिशत अधिक टिन निकाली जाती थी। मलेशिया का संपूर्ण टिन मलाया प्रायद्वीप से निकाला जाता है। पेराक राज्य के हैपिंग तथा इपोह क्षेत्र और सोलांगोर राज्य के कुआलालमपुर क्षेत्र से सर्वाधिक टिन प्राप्त होती है। मलेशिया में टिन की खुदाई सर्वप्रथम 1882 में आरंभ हुई थी। टिन साफ करने के कारखाने कुआलालमपुर और पेनांग (जार्जटाउन) में स्थापित हैं। वर्तमान समय में इसका स्थान इंडोनेशिया के पश्चात् दूसरा हो गया है।

इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्वी एशिया का बृहत्तम टिन उत्पादक देश है जिसकी लगभग 60. प्रतिशत टिन बंका द्वीप से निकाली जाती है। बेलिंजो, सोइंगेलिओट, मांटोक, बिलिटन, सिंगकैप आदि यहां के महत्वपूर्ण टिन उत्पादन क्षेत्र हैं। विश्व के टिन उत्पादक देशों में थाईलैंड का महत्वपूर्ण स्थान है। टिन का उत्पादन मुख्यतः दक्षिणी थाईलैंड की खानों से प्राप्त होता है। थोड़ी मात्रा में टिन का उत्पादन म्यांमार तथा लाओस से भी किया जाता है। मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और म्यांमार टिन के प्रमुख निर्यातक देश हैं।

(2) लौह अयस्क (Iron Ore)- खनिज लौह मुख्यतः थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया से प्राप्त होता है। थाईलैंड में लोहा उत्पादन की सबसे बड़ी खदान लोपबुरी प्रांत में स्थित है। थाईलैंड के दक्षिणी भाग में कंचनबरी की खदान से उत्तम श्रेणी का हेमेटाइट लोहा निकाला जाता है। लोहा मलेशिया का दूसरा महत्वपूर्ण खनिज है। इसका अधिकांश लोहा दक्षिणी प्रायद्वीपीय भाग से निकाला जाता है। मलेशिया में लोहा जोहोर, केलांटन, ट्रेगानू, पेराक तथा पेहांग क्षेत्रों से निकाला जाता है। फिलीपीन्स में थोड़ी मात्रा में खनिज लौह निकाला जाता हैं जो मुख्यतः पूर्वी लोजोन, पूर्वी पिंडनाओं तथा समार द्वीप से प्राप्त होता है।

(3) मैंगनीज – दक्षिण-पूर्वी एशिया में मैंगनीज का उत्पादन मुख्यतः मलेशिया थाईलैंड तथा फिलीपींस में होता है। यहाँ मैगनीज का उत्पादन थोड़ी मात्रा में ही होता है किंतु थाईलैंड मैंगनीज का निर्यात भी करता है।

(4) पेट्रोलियम- इंडोनेशिया दक्षिण पूर्वी एशिया का महत्वपूर्ण पेट्रोलियम उत्पादक देश है। इंडोनेशिया में विश्व के लगभग 2.5 प्रतिशत (280 करोड़ मीटरी टन) पेट्रोलियम के संचित भंडार होने का अनुमान है। यहाँ से विश्व के लगभग 1.5 प्रतिशत खनिज तेल का उत्पादन किया जाता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 5 करोड़ मीटरीटन है। इंडोनेशिया के अधिकांश खनिज तेल का खनन सुमात्रा द्वीप में किया जाता है। यहाँ तेल उत्पादक प्रमुख क्षेत्र पल्य बेग, जम्बी, मिनास तथा पैंगकटन। पैलेम्बग और जम्बी में तेलशोधक कारखाने हैं। इंडोनेशिया का दूसरा महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र बोर्नियो में स्थित है। जहाँ पेट्रोलियम का खनन तंजंग (इरियान जाना), कलामोनो, कालीमंटन और बलिकपयन में होता है। सारावक तथा लुटौंग में तेल शोधन होता है। इंडोनेशिया से शोधित पेट्रोलियम का निर्यात मुख्यतः सिंगापुर और जापान को होता है।

मलेशिया में सारावक के तटीय क्षेत्र तथा मलाया प्रायद्वीप के पूर्वी तटीय क्षेत्र में पेट्रोलियम के संचित भंडार हैं जहाँ से थोड़ी मात्रा में खनिज तेल का उत्पादन होता है। मलेशिया दक्षिण-पूर्वी एशिया का दूसरा प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक देश है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन 4 करोड़ मीटरीटन है।

म्यांमार दक्षिण-पूर्वी एशिया का तीसरा महत्वपूर्ण तेल उत्पादक देश है जहाँ सिंपू, येनान्ग, युग, इण्डाव तथा मिनबु में तेल के कुएं हैं। यहाँ यांगून के समीप सेरियम में तेल शोधक कारखाना है।

(5) कोयला- कोयला एक ज्वलनशील भूतत्व एवं ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। दक्षिण पूर्वी एशिया में कोयले के संचित भंडार थोड़े हैं और उनका उत्पादन भी अति सीमित हैं। यहाँ इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया तथा फिलीपींस में कोयले का उत्पादन होता है। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में ओम्बीलियन तथा बोनियों द्वीप में कालीमंटन, वियतनाम में हगोय, प्रायद्वीपीय मलेशिया में बाटू आरंग, थाईलैंड में करा प्रायद्वीप और फिलीपींस में केबूद्वीप में कोयले का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है।

(6) टंगस्टन- इस धातु का उपयोग मुख्यतः लौह धातु को मजबूत बनाने और उससे इस्पात बनाने में किया जाता है। यह ‘बुलफ्राम’ नामक धातु से प्राप्त किया जाता है। म्यांमार और थाईलैंड टंगस्टन के प्रमुख उत्पादक देश हैं। म्यांमार में बुलफ्राम के संचित भंडार टिन की खदानों के समीप स्थित हैं। टेवाय तथा मुरगई यहां के मुख्य टंगस्टन उत्पादक क्षेत्र हैं। विश्व का लगभग 10 प्रतिशत टंगस्टन म्यांमार से प्राप्त होता है। थाईलैंड में बुलफ्राम मुख्य रूप से टिन के साथ पाया जाता है जिसकी खदाने दक्षिणी थाईलैंड में हैं। म्यांमार और थाईलैंड टंगस्टन के महत्वपूर्ण निर्यातक देश हैं।

(7) बाक्साइट – बाक्साइट एक खनिज पदार्थ है जिससे एल्युमिनियम धातु प्राप्त होती है। दक्षिण-पूर्वी एशिया में इंडोनेशिया तथा मलेशिया बाक्साइट के महत्वपूर्ण उपादक देश है। इंडोनेशिया का प्रमुख बाक्साइट उत्पादक क्षेत्र विण्टन द्वीप है। यह अपने अधिकांश उत्पादन का निर्यात कर देता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 500 हजार मीटरी टन है। मलेशिया का अधिकांश बाक्साइट इसके प्रायद्वीपीय भाग से प्राप्त होता है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं। जोहोर तथा सारावाक के पश्चिमी भाग में स्थित सेमन्टन क्षेत्र। इसका औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 300 हजार मीटरी टन है।

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