अपकृत्य विधि (Law of Tort)

अपकृत्य का अर्थ एवं परिभाषा Meaning and Definition of Tort Law

अपकृत्य का अर्थ एवं परिभाषा
अपकृत्य का अर्थ एवं परिभाषा

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अपकृत्य का अर्थ

अपकृत्य शब्द tort शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है, जो फ्रेन्च भाषा का शब्द है तथा लैटिन शब्द Tortum से बना है जिसको अंग्रेजी में Wrong कहते हैं। Tort शब्द का अर्थ मनुष्य के उन कार्यों से है जिससे किसी अन्य व्यक्ति को विधिक क्षति पहुँचे और क्षतिकर्ता को उसकी क्षतिपूर्ति करना पड़े। यह आवश्यक नहीं है कि क्षतिकर्ता ने क्षति जानबूझकर पहुँचाई है या अनजाने में। इसके अन्तर्गत ऐसे आचरण सम्मिलित हैं जो सरल, सीधे अर्थात् विधिपूर्ण न होकर वक्र अथवा विधि विरुद्ध हैं। अपकृत्य का अर्थ मनुष्य के उन कार्यों से है जो किसी अन्य व्यक्ति को विधिक क्षति पहुंचे और क्षतिकर्ता को उसकी क्षतिपूर्ति करना पड़े। उदाहरण स्वरूप- मानहानि, हमला, सप्रहार, छल, उपेक्षा इत्यादि।

अपकृत्य की परिभाषा

अपकृत्य को निम्नतः परिभाषित किया गया है-

परिसीमन अधिनियम, 1963 की धारा 2 (एम) के अनुसार, “अपकृत्य एक ऐसा सिविल अपकार है जो केवल संविदा-भंग अथवा न्यास-भंग नहीं है।”

सामण्ड के अनुसार, “अपकृत्य एक सिविल अपकार है जिसके लिए उपचार अभिनिर्धारित नुकसानी की कार्यवाही है तथा जो केवल संविदा भंग, न्यास-भंग अथवा अन्य किसी प्रकार का साम्यिक-दायित्व नहीं है।”

विनफील्ड के अनुसार, “अपकृत्यात्मक दायित्व मूलतः विधि द्वारा नियत कर्त्तव्य-भंग से उत्पन्न होता है। यह कर्त्तव्य सामान्यतः जन-वर्ग के प्रति होता है और इसके भंग होने पर वाद द्वारा अनिर्धारित नुकसानी का उपचार प्राप्त किया जा सकता है।”

फ्रेजर के अनुसार, “अपकृत्य किसी व्यक्ति के प्रति अधिकार का उल्लंघन है जिसके फलस्वरूप क्षतिग्रस्त व्यक्ति को वाद संस्थित करके नुकसानी पाने का अधिकार होता है।”

डॉ. अण्डरहिल के अनुसार, “अपकृत्य संविदा से पूर्णतः मुक्त एवं विधि द्वारा अनधिकृत वह कार्य या लोप है जो (i) किसी व्यक्ति के आत्यान्तिक अधिकार का अतिलंघन करता है या (ii) किसी व्यक्ति के सापेक्ष अधिकार का अतिलंघन करके उसको क्षति पहुँचाता है अथवा (iii) किसी सार्वजनिक अधिकार का इस प्रकार अतिलंघन करता है जिससे किसी व्यक्ति विशेष को सामान्य जनता की अपेक्षा अधिक क्षति पहुँचती है और जिसके परिणामस्वरूप वह क्षतिकर्ता के विरुद्ध नुकसानी प्राप्त करने के लिए मुकदमा चलाने का अधिकारी होता है।”

उपर्युक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि अपकृत्य एक प्रकार का सिविल अपकर है, जिसमें क्षत-पक्षकर अर्थात् वादी को प्रतिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति दिलवायी जाती है, जो संविदा-भंग और न्यास-भंग से भिन्न है।

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