अपकृत्य विधि (Law of Tort)

जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार है | जहाँ अधिकार वहाँ उपाय | Ubi jus ibi remedium in hindi

जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार है
जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार है

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Ubi jus ibi remedium in hindi

ऊबी जस इबी रिमेडियम (Ubijus ibi remedium) का तात्पर्य है-“जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार भी है।” इस प्रकार जहाँ किसी व्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन हुआ है वहाँ कानून में उसे विधिक उपचार अवश्य प्राप्त है अर्थात् वैध क्षति के लिए विधि में उपचार की व्यवस्था आवश्यक रूप से होती है। यदि इसी बात को निषेधात्मक शब्दों में कहा जाय तो “जहाँ कोई विधिक उपाय उपलब्ध नहीं है वहाँ कोई अधिकार भी नहीं हो सकता है।”

इस प्रकार अपकृत्य विधि में यदि किसी कृत्य से हुई क्षति के लिए कोई विधिक उपचार उपलब्ध नहीं है तो उस कृत्य को अपकृत्य नहीं माना जायेगा। ऐशबी बनाम ह्वाइट के वाद में यह निर्णय दिया गया था कि “यदि एक व्यक्ति को कोई अधिकार प्राप्त है तो उसे उस अधिकार की सुरक्षा के साधन भी प्राप्त होने चाहिये। यदि उस अधिकार के उपयोग में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न किया जाता है तो उस अवरोध के विरुद्ध उपचार भी प्राप्त होना चाहिये। उपचार के बिना अधिकार की कल्पना व्यर्थ ही होती है। अधिकार का अभाव एवं उपचार का अभाव एक-दूसरे पर आधारित है।”

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