भूगोल / Geography

पश्चिमी यूरोप में लौह अयस्क कोयले के वितरण एवं उत्पादन | Distribution and production of iron ore coal in Western Europe

पश्चिमी यूरोप में लौह अयस्क कोयले के वितरण एवं उत्पादन | Distribution and production of iron ore coal in Western Europe
पश्चिमी यूरोप में लौह अयस्क कोयले के वितरण एवं उत्पादन | Distribution and production of iron ore coal in Western Europe

पश्चिमी यूरोप में लौह अयस्क कोयले के वितरण एवं उत्पादन की विवेचना कीजिए। 

लौह-इस्पात उद्योग

आधुनिक युग इस्पात युग है। मशीन निर्माण के लिए लोहा-इस्पात आवश्यक है। औद्योगिक विकास लोहे-इस्पात के उत्पादन पर निर्भर है। इस उद्योग के विकास के कारण यूरोप विश्व में मशीनरी उद्योग, परिवहन तथा संचार साधन, कृषि यन्त्र तथा सैनिक सामान बनाने में अग्रणी है।

जर्मनी में इस्पात उद्योग

1. राइन तथा रूहर घाटी प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश जर्मनी के रूहर कोयला क्षेत्र में स्थित है। यहाँ रूहर ऐमशेर तथा लिपे नदियाँ बहती है। यहाँ एसन, बोखम, डार्टमण्ड तथा ओबरहासन प्रमुख केन्द्र हैं।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • कोयला- इस क्षेत्र में रूहर घाटी में उत्तम कोटि का कोयला लोहे को पिघलाने के लिए उपलब्ध है।
  • लोहा-खनिज- लोहा फ्रांस के लोरेन प्रदेश तथा स्वीडन से आयात किया जाता है।
  • जल- नदियों तथा नहरों से जल प्राप्त होता हैं
  • परिवहन- रेल, सड़कों तथा नहरों द्वारा परिवहन सस्ता तथा सुगमता से उपलब्ध हो जाता है।
2. मध्य जर्मनी इस्पात प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश बेजल नदी घाटी पर स्थित है। जहाँ हैनवर, साल्जगिटर तथा बज्विक प्रमुख केन्द्र हैं।

(ब) भोगोलिक सुविधाएँ

  • कोयला- रूहर घाटी से कोयला उपलब्ध होता है।
  • लौह खनिज- लोहा स्वीडन से आयात किया जाता है। स्क्रैप लोहे का ही प्रयोग किया जाता है।
3. सार प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश फ्रांस तथा जर्मनी की सीमा पर स्थित है, जिसके दक्षिण सार नदी बहती है। यहाँ साबुकन तथा डुविटर प्रमुख केन्द्र है।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • कोयला- रुहर घाटी तथा सार बेसिन से कोकिन कोयला प्राप्त हो जाता है।
  • लौहखनिज- फ्रांस के लोहा क्षेत्र से लोहा उपलब्ध होता है
  • जल- सार नदी से पर्याप्त जल मिल जाता है
4. बर्लिन प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश बर्लिन नगर के इर्द-गिर्द स्थित हैं।

  • अधिक माँग- बर्लिन नगर में अधिक मोटर वाहन, सूती वस्त्र, इंजीनियरिंग उद्योग तथा यन्त्र बनाये जाते हैं, जिसके कारण माँग अधिक है।
  • परिवहन- रेल तथा सड़के विकसित हैं।
5. मैगडेबर्ग प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश एल्च नदी घाटी में स्थित हैं यहाँ मैगडेवर्ग प्रमुख केन्द्र है।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • लोहा तथा इस्पात- कोयला रूहर घाटी से मिलता है तथा लोहा स्वीडन आयात किया जाता है।
  • जल- एलब नदी से जल प्राप्त है।
  • माँग- मैगडेबर्ग नगर में रसायन तथा मशीनरी उद्योग उन्नत है। इसलिए लोहे और इस्पात की अधिक माँग है।
  • युनाइटेड किंगडम लोहा- इस्पात प्रदेश
  • लोहा- इस्पात मुख्यतः इंग्लैण्ड में उत्पादित किया जाता है। सभी आवश्यक कच्चा माल स्थानीय नगर में उपलब्ध है। इसीलिए इस देश में इस उद्योग का विकास हुआ है। यहाँ निम्नलिखित मुख्य औद्योगिक क्षेत्र हैं-
  1. ब्लैक प्रदेश
  2. शेफील्ड प्रदेश लोहा इस्पात प्रदेश
  3. उत्तर-पूर्वी तटीय लोहा-इस्पात प्रदेश
1. ब्लैक प्रदेश लोहा-इस्पात प्रदेश

(अ) स्थिति- यह क्षेत्र एवल बेसिन, सेवरन और ट्रैनट बेसिन में स्थित है। इसके मुख्य केन्द्र डउले, कोवैन्टरी तथा बर्मिघमह, जहाँ मशीनरी, इंजन, हथियार आदि बनाये जाते हैं उद्योगों में विविधता के कारण इस्पात काह प्रयोग अधिक है। सबसे बड़ा केन्द्र बर्मिंघम माना जाता है।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • कोयला- यह क्षेत्र कोयले का भण्डार माना जाता है। मुख्य कोयला क्षेत्र बा शोपशायर तथा लिसेस्टरशायर है।
  • चूने का पत्थर- दक्षिण में स्थित पहाड़ियों से चूने का पत्थर मिलता है।
  • लौह खनिज- लौह- खनिज का प्राचीन काल से लगातार खनन हो रहा था। यह क्षेत्र अधिक विकसित है तथा यहाँ सस्ती वस्तुएँ बनायी जाती है लौह इस्पात शोषशायर, उत्तर वेल्स तथा नार्थम्पटन शायर से आयात किया जाता है।
2. शैफील्ड लोहा-इस्पात प्रदेश

(अ) स्थिति- यह क्षेत्र यार्कशायर में डोन नदी के इर्द-गिर्द स्थित है। इसके मुख्य केन्द्र शैफील्ड, डोनकैस्टर, रोथरहम हैं।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • “लौह खनिज- कुछ लौह खनिज सक्नथोर्प से प्राप्त किये जाते हैं। आवश्यक लोहा स्वीडन से आयात किया जाता है।
  • कोयला- इस प्रदेश में कई कोयला क्षेत्र हैं
  • चूनेका पत्थर- चूने का पत्थर पिनाईन पहाड़ियों में उपलब्ध है।
  • जल- यह प्रदेश डोन नदी बेसिन में स्थित होने के कारण यहाँ जल पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है।
3. उत्तर पूर्वी तटीय लोहा-इस्पात प्रदेश

(अ) स्थिति- यह क्षेत्र डर्बन तथा उत्तर पूर्व नार्थम्बरलैण्ड के मध्य स्थित है। इसके मुख्य केन्द्र न्यू कॉसिल, दक्षिणी शील्ड, डार्लिटन तथा मिडलबारो हैं।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • कोयला- कोयला उत्तरी उर्बन से प्राप्त किया जाता है। यह उच्च कोटि का कोयला है।
  • लौह खनिज- लौह खनिज स्वीडन से आयात किया जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र तटीय हैं तथा परिवहन सस्ता है।
4. दक्षिण वेल्स लोहा-इस्पात प्रदेश

(अ) स्थिति- यह प्रदेश दक्षिणी वेल्स में स्थित है। लोहा-इस्पात उद्योग यहाँ का पुराना उद्योग है। यह क्षेत्र न्यू पोर्ट से लेकर लैबली तक फैला हुआ है।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • लौह-खनिज- लौह- खनिज स्पेन से आयात किया जाता है।
  • कोयला- उच्च कोटि का कोयला दक्षिणी वेल्स में उपलब्ध है।
  • चूने का पत्थर- यह मिश्रित रूप में मिलता है।

फ्रांस में लोहा – इस्पात

फ्रांस में औद्योगिक विकास इतना अधिक है कि देश में कच्चे माल की उपलब्धता कम हो गयी है। अधिकतर कच्चे माल का आयात दूसरे देशों से किया जाता है। निम्नलिखित लोहा इस्पात प्रदेश हैं-

  1. उत्तर-पश्चिमी लोहा-इस्पात प्रदेश
  2. उत्तरी सीमान्त लोहा-इस्पात प्रदेश
  3. लोरेन (दक्षिण-पूर्व) लोहा-इस्पात प्रदेश |

इसके अतिरिक्त कई अन्य छोटे-छोटे लोहा-इस्पात प्रदेश हैं।

पोलैंड में लौह-इस्पात उद्योग

(अ) स्थिति- यह क्षेत्र ऊपरी साइलीशिया में स्थित है। इसके मुख्य केन्द्र कराकोव, चैस्टाचोवा, नोवा, झूटा औस्ट्रोवाइस, स्टालोवा-तोला आदि हैं।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • लौह खनिज- स्थानीय लौह- खनिज का उत्पादन उद्योगों में माँग से कम है। चैस्टोचोवा तथा स्टारचोविक से कुछ लौह खनिज आयात किया जाता है।
  • कोयला- कोयला इसी देश में उपलब्ध हो जाता है।
  • जल- जल विश्चूला नदी से प्राप्त हो जाता है।

इटली में लौह-इस्पात उद्योग

(अ) स्थिति- पो घाटी तथा लम्बार्डी मैदान में इस्पात उद्योग स्थित है। प्रमुख नगर ट्यूरिन, मिलान, नेपल्स तथा ट्रीस्टे हैं।

(ब) भौगोलिक सुविधाएँ

  • लौह खनिज- देश में लोहा उपलब्ध नहीं है। खनिज लोहा अल्जीरिया तथा स्वीडन से आयात किया जाता है। स्क्रैप लोहे का पुनः प्रयोग किया जाता है।
  • शक्ति के साधन- कोयला जर्मनी से मँगवाया जाता है। जल विद्युत कोयले की कमी को पूरा करती है।
  • जल- पो नदी से जल प्राप्त होता है।
  • परिवहन- रेल तथा सड़कों तथा स्टीमरों द्वारा सस्ता परिवहन प्राप्त है। माँग कई प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योगों के कारण माँग अधिक हैं; जैसे-स्कूटर, मोटर वाहन, यन्त्र आदि।

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