भूगोल / Geography

आस्ट्रेलिया के आर्थिक आधार | Australia’s economic base in Hindi

आस्ट्रेलिया के आर्थिक आधार | Australia’s economic base in Hindi

आस्ट्रेलिया के आर्थिक आधार 

आर्थिक क्रियाएँ

कृषि

आस्ट्रेलिया महाद्वीप ही एक ऐसा महाद्वीप है जहां श्वेत जाति के लोग आर्थिक दृष्टि से कृषि पर निर्भर हैं। आस्ट्रेलिया कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर है। यहां, चाय, कहवा तम्बाकू का आयात होता है। आस्ट्रेलिया के लोग 80 प्रतिशत तक कृषि उत्पादित वस्तुओं का निर्यात करते हैं।

कृषि प्रदेश

आस्ट्रेलिया में केवल 4 प्रतिशत भाग कृषि योग्य भूमि है। यहां मुख्य रूप से तटीय क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

  • (अ) दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र – यह क्षेत्र अर्द्ध-चन्द्राकार का है जो 150-300 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसकी उत्तरी-पूर्वी सीमा दक्षिण पूर्वी क्वीन्सलैंड के डार्लिंग तक है तथा पश्चिमी सीमा आयरे प्रायद्वीप पर है।
  • (ब) पश्चिमी क्षेत्र- यह क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी से दक्षिण-पश्चिम तक फैला हुआ है। यह पश्चिमी आस्ट्रेलिया का उप-आर्द्र क्षेत्र है।
  • (स) छोटे-छोटे क्षेत्र- यह क्षेत्र छोटी-छोटी धारियों में पाये जाते हैं।

(क) तस्मानिया : यह क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी कोने तथा उत्तरी तट तक है।

(ख) पूर्वी क्वीन्सलैंड : यह क्षेत्र ब्रिसबेन से कुकटाउन नदी-घाटियों तथा तटीय मैदानों तक फैला हुआ है।

(ग) पश्चिमी आस्ट्रेलिया का दक्षिणी तट : यह छोटा क्षेत्र है, परन्तु यह पर्थ के आसपास फैला हुआ है।

आस्ट्रेलिया के कम कृषि योग्य भूमि का मुख्य कारण जलवायु की प्रतिकूल अवस्थाएं, कठिन धरातल तथा अनुपजाऊ मिट्टी है। इन सभी कमियों के बावजूद आस्ट्रेलिया कृषि उत्पादन में अपना विशेष स्थान रखता है। विभिन्न फसलों के उत्पादन विश्व बाजार में मांग पर आधारित हैं।

आस्ट्रेलिया में लगभग 460 मिलियन वर्ग हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। यहां आस्ट्रेलियन कृषि की निम्न विशेषताएं हैं:

  1. बड़े आकार के फार्म है।
  2. कृषि सुव्यवस्था के कारण व्यापारिक अवस्था विस्तृत है।
  3. फार्मों का निजीकरण है।
  4. नई मशीनों तथा उनसे संबंधित क्रियाओं का प्रयोग |
  5. कृषि पदार्थों का निर्यात |
  6. किसान परिश्रमी, शिक्षित, अमीर नये तकनीकी विकास, नयी वैज्ञानिक खोजें आदि का होना है।

आस्ट्रेलिया में कई प्रकार की फसलें बोई जाती हैं। मुख्य फसलों का क्षेत्रानुसार वितरण निम्न प्रकार है :

(1) गेहूँ-

गेहूँ आस्ट्रेलिया की मुख्य फसल है। अनुमातः 70-80 प्रतिशत गेहूं निर्यात किया जाता है। गेहूँ सर्दियों में (मई से जुलाई) बीजी जाती है। गेहूँ की कटाई क्वीन्सलैंड के उत्तर में सितम्बर-अक्टूबर में की जाती है तथा विक्टोरिया के दक्षिण में जनवरी में की जाती हैं। गेहूँ मुख्य फसल होने के कारया आस्ट्रेलिया के 70 प्रतिशत भूमि में बोई जाती है। यह सभी प्रान्तों में बोई जाती है। वार्षिक उत्पादन 18mm टन है। यह देश विश्व का 3 प्रतिशत गेहूँ पैदा करता है।

Australia production

Australia production

गेहूँ क्षेत्र- पहला गेहूँ प्रवेश दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के स्पेंसर खाड़ी तथा विनसेट के तटा पर था। वह प्रदेश न्यू साऊथ वेल्स तथा विक्टोरिया तक फैला है। मरें डार्लिंग बेसिन गेहूँ के लिये महत्त्वपूर्ण है।

गेहूँ दक्षिणी आस्ट्रेलिया के पर्थ के आसपास भी बोई जाती है। गेहूँ उत्पादन योग्य भूमि दक्षिण-पूर्वी क्वीन्सलैंड के आसपास वारविक तथा तूवोम्बा में होता है। गेहूँ की कृषि के लिये महत्त्वपूर्ण तत्त्व आवश्यक हैं:

  • (क) अच्छी जलवायु।
  • (ख) उपजाऊ मिट्टी |
  • (ग) बड़े आकार के फार्म।
  • (घ) कृषि उत्पादन के नये तरीके।
  • (ङ) नई तकनीक का प्रयोग |
  • (च) परिवहन के साधनों का विकास।
  • (छ) विदेशी बाजारों में गेहूं की मांग |
(2) गन्ना-

गन्ना घास जाति से संबंधित है। यह चीनी प्रदान करने वाला पौधा है। यह उष्ण कटिबन्धीय पौधा है। यह आस्ट्रेलिया के उष्ण कटिबन्धीय भागों की महत्त्वपूर्ण फसल है। यह लगभग 40mm टन गन्ना उत्पादन करता है। गन्ना कृषि न्यू साऊथ वेल्स से उत्तरी क्वीन्सलँड के पूर्वी तटों पूर्वी के क्षेत्रों में सम्भव है। क्वींन्सलैंड आस्ट्रेलिया के 70 प्रतिशत गन्ना उत्पादन करता है। गन्ना उत्पादन मुख्यतः उत्तर-पूर्व पर क्वीन्सलैंड, कुकटाऊन से मैके तक होता है। आस्ट्रेलिया में गन्ना उत्पादन के लिये भौगोलिक तथा आर्थिक तत्त्व अनुकूल हैं। यह निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  1. उष्ण कटिबन्धीय जलवायु, गर्म तथा आर्द्र (24-27° तापमान 150 से. मी. तक वर्षा)
  2. उपजाऊ मिट्टी
  3. उर्वरकों का प्रयोग
  4. स्थानीय श्वेत मजदूरों का आसानी से मिलना।
  5. कृषि के विकसित तरीकों का प्रयोग
(3) चावल (Rice)-

यह मानसून प्रदेशों की फसल है। आस्ट्रेलिया चावल का लगभग 1 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन करता है। चावल का आस्ट्रेलिया के दो मुख्य क्षेत्रों में उत्पादन किया जाता है:

  1. मर्रे डार्लिंग बेसिन ।
  2. क्वीन्सलैंड केतटीय प्रदेश |

अनुकूल जलवायु, उपजाऊ मिट्टियां, जल सिंचाई, उर्वरकों का प्रयोग, उत्तम बीजों का प्रयोग आदि चावल उत्पादन में सहायक है।

4. कपास (Cotton)-

आस्ट्रेलिया में कपास एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक फसल है। यह पश्चिमी आस्ट्रेलिया क्वीन्सलैंड के उष्ण कटिबन्धीय, उपोष्ण कटिबन्धीय तथा अर्द्ध मरुस्थलीय क्षेत्रों की फसल है तथा न्यू साऊथ वेल्स में पैदा किया जाता है। क्वीन्सलैंड में कपास को मुख्यतः उत्पादन होता है। कपास की फसल के लिए अनुकूल जलवायु, मिट्टी कृषि तकनीक का प्रयोग आवश्यक है। वार्षिक उत्पादन 15 लाख मीट्रिक टन तक छू जाता है।

5. तम्बाकू (Tobacco)-

तम्बाकू व्यापारिक फसल है। इसका क्वीन्सलैंड में उत्पादन होता है। मुख्य प्रदेश एथर्टन टेबललैंड और विचलीबारडेकिन घाटी है। इसका विक्टोरिया में भी उत्पादन होना है। इटलीवासी तथा अल्बेनियाई लोग तम्बाकू से जुड़े हुए हैं।

6. मक्का (Corn)-

मक्का भी ऑस्ट्रेलिया की एक व्यापारिक फसल है। यह मांस देने वाले पशुओं के लिये चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। मक्का आस्ट्रेलिया से निर्यात भी किया जाता है। उत्पादन लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन है। इसका उत्पादन मुख्यतः क्वीन्सलँड तथा न्यू साऊथ वेल्स के उष्ण आर्द्र भागों में होता है।

7. उष्ण कटिबन्धीय फल-

अनानास ब्रिसबेन के आसपास पैदा किये जाते हैं। केलें का उत्पादन क्वीन्लैंड के तटीय तथा न्यू साऊथ वेल्स के उत्तरी तटों पर किया जाता है।

8. अंगूरों की कृषि (Viticulture)-

अंगूरों का उत्पादन मुखतः शराब बनाने के लिये किया जाता है। अंगूर के रूप में इसका प्रयोग केवल 10 प्रतिशत होता है। अंगूर का प्रयोग शराब के लिये तथा सूखे मेवे के लिये किया जाता है। सूखे मेवे के लिए अंगूर का उत्पादन मरें तथा मुरमबिज में होता है। इनको सुलताना, किशमिश आदि के रूप में सुखाया जाता है। शराब बनाने के लिए साऊथ वेल्स में उत्पादित होता है।

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