विश्व को सांस्कृतिक प्रदेशों को विभाजित कीजिए तथा उनमें से किसी एक की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
सांस्कृतिक प्रदेश का अर्थ-
प्रधान संस्कृति केन्द्र के चारों ओर व्याप्त वह क्षेत्र जिकसे अन्तर्गत किसी एक या एक अधिक सांस्कृतिक तत्वों की स्थूल समांगता पायी जाती हैं, सांस्कृतिक परिमंडल कहलाता है। सांस्कृतिक परिमंडल की बाह्य सीमा के विस्तार से विस्तृत सांस्कृतिक प्रदेश का निर्माण होता है जिसे सांस्कृतिक मंडल के नाम से जाना जाता है। एक सांस्कृतिक परिमंडल किसी बृहत् सांस्कृतिक मण्डल का उपविभाग है जिसके मध्यस्तरी सांस्कृतिक प्रदेश कहा जा सकता है। एक सांस्कृतिक परिमंडल के अंतर्गत कई लघु स्तरीय प्रदेश सम्मिलित हो सकते हैं जिन्हें सांस्कृतिक प्रदेश या क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। सांस्कृतिक परिमंडल के भीतर लघु प्रदेशों का निर्धारण स्थानीय सूक्ष्म सांस्कृतिक भिन्नता के आधार पर किया जाता है। क्षेत्रीय आधार पर सांस्कृतिक प्रदेश को तीन पदानुक्रमीय वर्गों में विभक्त किया जाता है-
पदानुक्रम |
सांस्कृतिक प्रदेश की श्रेणी |
(क) बृहत् प्रदेश | सांस्कृतिक मंडल |
(ख) मध्यम प्रदेश | सांस्कृतिक परिमंडल |
(ग) लघु प्रदेश | सांस्कृतिक प्रदेश |
इस प्रकार स्पष्ट है कि एक सांस्कृतिक परिमंडल किसी बड़े सांस्कृतिक मंडल का उपविभाग होता है। जिसके अन्तर्गत कई लघु सांस्कृतिक प्रदेश सम्मिलित होते हैं।
विश्व के आधुनिक सांस्कृतिक परिमंडल
स्पेंसर और थामस द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक परिमंडल अधिक स्पष्ट और वास्तविक जगत् ने स्पेंसर एवं थामस के कई परिमंडलों को मंडलों के रूप में और कुछ क्षेत्रों को परिमंडल माना के निकट है यद्यपि इसमें ध्रुवीय क्षेत्र को पृथक स्थान नहीं प्रदान किया गया है। रसेल एवं निफेन है। इसमें परिमण्डलों तथा उनके उपविभागों (प्रदेशों) की संख्या बहुत अधिक हो गयी है जिसके कारण वास्तविक स्थिति प्रकट नहीं हो पाती हैं ब्रोयक द्वारा कई सुस्पष्ट सांस्कृतिक परिमंडलों को पाश्चात्य सांस्कृतिक परिमंडल का अंग ही बताया गया है। वास्तव में पाश्चात्य सांस्कृतिक परिमंडल एवं सांस्कृतिक मंडल को व्यक्त करता है। आवश्यकता है ऐसे वर्गीकरण की जो भौगोलिक विस्तार तथा सामान्य सांस्कृतिक विशेषता दोनों ही दृष्टिकोणों से पूर्ण, स्पष्ट और तार्किक हो। इसी दृष्टिकोण से किये गये वर्गीकरण के अनुसार विश्व के प्रमुख सांस्कृतिक परिमंडल निम्नांकित हैं
1. आंग्ल अमेरिकी परिमंडल, 2. लैटिन अमेरिकी परिमंडल, 3. उत्तरी-पश्चिमी यूरोपीय परिमंडल, 4. पूर्वी यूरोपीय-रूसी परिमंडल, 5. भूमध्य सागरीय परिमंडल, 6. शुष्क मुस्लिम परिमंडल, 7. नीग्रो-अफ्रीकी परिमंडल, 8. दक्षिण एशियाई परिमंडल, 9. पूर्वी एशियाई परिमंडल, 10. दक्षिण-पूर्व एशियाई परिमंडल, 11. आस्ट्रेलियाई परिमंडल, 12. प्रशांत परिमंडल
1. आंग्ल अमेरिकी परिमंडल
यह अमेरिकी सांस्कृतिक मंडल का उत्तरी भाग है, जो भाषा, धर्म तथा रहन-सहन की दृष्टि से इसके दक्षिणी भाग (लैटिन अमेरिका) से भिन्न है। वर्तमान विश्व के सर्वाधिक विकसित इस परिमंडल के अंतर्गत सम्पूर्ण संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा सम्मिलित हैं जहाँ की प्रमुख भाषा अंग्रेजी है। यह परिमंडल शीतोष्ण और शीत कटिबंधों के अन्तर्गत आता है।
आंग्ल अमेरिका एक अत्यंत नवीन बसाव वाला क्षेत्र है। कोलम्बस तथा बाद में अन्य यूरोपीय अन्वेषकों द्वारा अमेरिका के विषय में जानकारी होने पर यूरोपीय देशों से यहाँ के लिए प्रवास आरंभ हुए। 17वीं से लेकर 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक यूरोप महाद्वीप के विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में जनसंख्या का प्रवास उत्तरी अमेरिका के लिए हुआ जहां कृषि के लिए विस्तृत भूमि, उद्योगों के लिए अनेक खनिज पदार्थ तथा शक्ति संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे। इसके पूर्व यहाँ की आदिम जनसंख्या अत्यंत अल्प और अज्ञान थी जिसे ‘रेड इंडियन’ कहते हैं उस समय अधिकांश संसाधन अविकसित पड़े थे। यूरोपीयों ने यहाँ के आदिवासियों तथा उनकी संस्कृति को नष्ट कर दिया और कुछ आदिवासी दुर्गम क्षेत्रों में जाकर शरण लिए। यूरोपीय जन प्रवास के साथ ही यूरोप में विकसित वैज्ञानिक ज्ञान, प्रौद्योगिकी और पूंजी का भी स्थानांतरण इन प्रदेशों में हुआ जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका में उपलब्ध विस्तृत भूमियों पर उन्नत ढंग से कृषि की जाने लगी और वहाँ से पर्याप्त खनिज भंडारों का तीव्र गति से विदोहन प्रारंभ हुआ जिसके परिणामस्वरूप नये-नये उद्योग धंधे स्थापित होते गये।
आंग्ल अमेरिकी परिमंडल के आदि निवासी ‘रेड इंडियन’ मंगोल प्रजाति से सम्बन्धित हैं। किन्तु इनकी संख्या बहुत कम रह गयी है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या पश्चिमी यूरोपीय प्रजतियाँ-नार्डिक, अल्पाइन और भूमध्य सागरीय से सम्बन्धित है। यहाँ प्रजातीय मिश्रण भी अधिक हुआ है। ऊँचा शारीरिक कद, सीधे या लहरदार बाल, लम्बी तथा कम चौड़ी नाक, गोरा या श्वेत रंग, भूरे काले बाल, शरीर पर रोमावलियों की अधिकता आदि अमेरिकी लोगों के सामान्य लक्षण हैं।
आंग्ल अमेरिका के दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा विकसित राष्ट्र हैं आज संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व की अधिकता आदि अमेरिकी लोगों के सामान्य लक्षण है।
आंग्ल अमेरिका के दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा विकसित राष्ट्र है। आज संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सर्वाधिक सम्पन्न माना जाता है। यहाँ शक्ति के साधनों (कोयला, पेट्रोलियम, जलविद्युत आदि) तथा औद्योगिक खनिजों (लोहा, मैंगनीज, बाक्साइट आदि) के प्रचुर भंडार हैं और अपलेशियन पर्वत के पूर्वी ढाल पर प्रपात रेखा के सहारे अनेक जल विद्युत केन्द्र स्थापित है तथा अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के तटों पर समुद्रपत्तनों के पर्याप्त विकास से संयुक्त राज्य और कनाडा दोनों को विश्व व्यापार की पूर्ण सुविधा है। औद्योगिक खनिजों की उपलब्धता, शशक्ति के साधनों के पर्याप्त विकास, तकनीकी उन्नति, कुशल श्रमिकों की उपस्थिति, पर्याप्त पूँजी आदि की उपलब्ध के परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य का पूर्वी तटीय क्षेत्र विश्व की प्रमुख औद्योगिक पेटी बन गया है। औद्योगिक पेटी में लोहा एवं इस्पात, सूती ऊनी वस्त्र, मोटर गाड़ी, वायुवान, मशीनरी, विविध रासायनिक उद्योग आदि विविध प्रकार के उद्योग स्थापित हैं जो विश्व में अग्रणी हैं।
आंग्ल अमेरिका में प्रौद्योगिकी का सर्वाधिक विकास हुआ है और नवीन शोधों से उनमें निरन्तर प्रगति हो रही हैं। अतः यहाँ प्रौद्योगिकीय दृष्टि से कुशल श्रमिक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं तथा राष्ट्रीय मांग के अनुसारपूर्णतया सक्षम हैं। यह प्रदेश अपनी विकसित प्रौद्योगिक को विश्व के विकासशील देशों के लिए निर्यात करने में भी पूर्णतः समर्थ है। विज्ञान, उद्योग, कृषि, यातायात, संचार आदि विविध क्षेत्रों में निरंतर नवीन तकनीकों के लिए शोध किये जा रहे हैं गृह निर्माण कला में नवीन तकनीकों तथा सामग्रियों के प्रयोग को जो उदाहरण संयुक्त राज्य में मिलता है, अन्यत्र नहीं । विश्व की सर्वोच्च ऊँची इमारते न्यूयार्क नगर में स्थित हैं। इस प्रकार कला और तकनीकी विकास की दृष्टि से भी संयुक्त राज्य विकसित और अग्रणी देश है।
इस परिमंडल के दोनों अत्यधिक नगरीकृत हैं जहाँ लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में निवास करती है। यहाँ वर्तमान में, नगरीकरण की प्रक्रिया मन्द या लगभग स्थिर है। बड़े-बड़े नगर देश के पूर्वी भागों में संकेन्द्रित हैं अपलेशियन पर्वत के पूर्व में अटलांटिक तट के लगभग समानंतर अनेक नगरों के परस्पर संयुक्त हो जाने से 1000 किमी0 से भी अधिक लम्बाई में सतत नगरीकृत क्षेत्र (सन्नगर) बन गया है। पश्चिमी में प्रशांत तट पर भी लांसएंजिल्स, सैनफ्रान्सिस्कों, विक्टोरिया, बैंकूवर आदि बड़े नगर स्थापित हैं। उच्च नगरीकरण के परिणामस्वरूप यहाँ की लगभग सम्पूर्ण जनसंख्या साक्षर है।
सांस्कृतिक प्रदेश
सांस्कृतिक विकास में प्रादेशिक अंतर की दृष्टि से आंग्ल-अमेरिका को दो वर्गों में दो रखा जा सकता है-
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका- यह आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक सभी दृष्टिकोण से विश्व का सबसे उन्नत राष्ट्र है। यहाँ की संस्कृति नवीन है किन्तु इसका प्रसार तेजी से विश्व के अन्य भागों में हो रहा है। यहाँ मानव जीवन स्तर अति उच्च और अर्थव्यवस्था समृद्धिशाली है।
(ख) कनाडा- सांस्कृतिक दशाएं संयुक्त राज्य के लगभग समान होने पर भी अपने लघु संसाधनों के कारण यह राजनीतिक तथा आर्थिक नियंत्रण करने में समर्थ नहीं है। इसका अधिकांश भाग शीत ऋतु में हिमाच्छादित रहने के कारण यहाँ विकास बाधित है। इस प्रकार कनाडा की आर्थिक सामाजिक तथा राजनीतिक-सांस्कृतिक दशाएं संयुक्त राज्य की तुलना में कमजोर हैं।
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