B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

ई-पाठ्यवस्तु क्या है? इसके कार्य बताइये।

ई-पाठ्यवस्तु क्या है? इसके कार्य बताइये।
ई-पाठ्यवस्तु क्या है? इसके कार्य बताइये।

ई-पाठ्यवस्तु क्या है? | E-Content in Hindi

ई-पाठ्यवस्तु या अन्तर्वस्तु का अर्थ- शिक्षा में ई-पाठ्यवस्तु एक ऐसा लचीला आधार प्रदान करता है जिसकी सहायता से इण्टरनेट से इण्टरनेट साइट, उपभोक्ताओं से सम्बन्ध बनाये रखना तथा सहयोगियों और कर्मचारियों के मध्य सम्बन्ध विकसित करना आसान होता है। ई-पाठ्यवस्तु किसी ऑर्गेनाइजेशन को वेब सर्विस के माध्यम से अधिकार प्रदान करता है।

ई-अन्तर्वस्तु वह अन्तर्वस्तु होती है जो प्रबन्धन व्यवस्था द्वारा बनायी जाती है। इसमें ऑर्गेनाइजेशन को यह अनुमति दी जाती है कि वह प्रभावशाली वेबसाइट का निर्माण और प्रबन्ध करे। वेबसाइट को जावा की सहायता से तैयार किया जाता है। ई-अन्तर्वस्तु के लिए अन्तर्वस्तु तथा कोड साथ-साथ तैयार किये जाते हैं। इससे अन्तर्वस्तु को अपडेट करने तथा विकसित करने में कम समय व्यय होता है। इससे ऑनलाइन व्यापार किया जा सकता है। इसमें ऑनलाइन व्यापार को व्यापार (B2B) तथा व्यापार एवं उपभोक्ता (B2C) की सुविधा होती है। ई-अन्तर्वस्तु के द्वारा डिजाइन को अलग भी किया जा सकता है तथा अन्तर्वस्तु में कमी भी ढूँढ़ी जा सकती है। ई-अन्तर्वस्तु यूजर (Users) को काफी बड़े क्षेत्र में कार्य करने तथा व्यापार करने की अनुमति प्रदान करता है। इसमें व्यापार को अपडेट करना तथा उसके विभिन्न क्षेत्रों का प्रबन्धन करना, इण्टरनेट पर अन्तर्वस्तु का उपयोग करना केन्द्रीय नियंत्रण प्रक्रिया के माध्यम से काफी आसान हो जाता है। ई-अन्तर्वस्तु का उपयोग करना केन्द्रीय नियंत्रण प्रक्रिया क्षेत्रों का प्रबन्धन करना, नेट पर अन्तर्वस्तु का उपयोग करना केन्द्रीय नियंत्रण प्रक्रिया के माध्यम से काफी आसान हो जाता है। ई-अन्तर्वस्तु संसाधनों का प्रबन्धन, विषय-वस्तु का प्रबन्धन, कार्यप्रणाली, संगठन तथा व्यक्ति विशेष के विषय में डेटाबेस के आधार पर रिकॉर्ड रखता है। यह व्यूह रचना फाइल एवं व्यापार के सम्बन्ध में टीम पर आधारित सभी जानकारियाँ भी रखता है, इसके अन्तर्गत विषय-वस्तु की परिभाषाएँ, विशेषताएँ, संगठन के अंग, सहयोग, उसकी कमियाँ, वार्ता एवं प्रबन्धन कार्य, प्रक्रिया पर नियंत्रण, कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था जो प्रबन्धकीय पहुँच में है, कार्य का शिड्यूल, फार्मेट एवं संसाधनों के प्रकार तथा व्यूह रचना रिपोर्ट, सभी प्रकार के डॉक्यूमेण्ट, जावा कार्यक्रम, ऑनलाइन फार्म तथा कानून आदि की जानकारी दी होती है।

वेबसाइट अन्तर्वस्तु प्रबन्धन आन्तरिक उपकरण के रूप में किसी व्यापार के विकास को प्रदर्शित करता है। इसमें किसी एक वस्तु की जानकारी नहीं होती बल्कि बहुत-सी वस्तुएँ, साइट, डिजाइन, जाँच, नियंत्रण, दिनचर्या नोटीफिकेशन आदि के बारे में सामूहिक जानकारी दी जाती है। ई-पाठ्यवस्तु में निम्नलिखित उपकरण होते हैं

अन्तर्वस्तु प्रबन्ध (Content Management), वर्गीकरण (Classification), एकीकरण (Integration), प्रक्रिया नियंत्रण (Work Flow), सहयोग (Collaboration), सुरक्षा (Security), शोध (Search), व्यक्तिकरण (Personalization) आदि।

ई-पाठ्यवस्तु का कार्य (Function of E-Content)

1. यह साइट को प्रभावशाली बनाने में संगठन की मदद करती है।

2. यह प्रबन्धकीय अन्तर्वस्तु को डेटाबेस के आधार पर संग्रह रखता है।

3. यह प्रयोग करने पर एक्स. एम. एल. (XML), संग्रहालय (Repositories) तथा अविरल फाइल (Static files) एवं अन्तर्वस्तु प्रदर्शित करता है।

4. वर्तमान समय में ई-अन्तर्वस्तु किसी भी टीम आधारित व्यापार की कुंजी है।

5. यह उपभोक्ताओं, कर्मचारियों, व्यापार को कच्चा माल प्रदान करने वाले सप्लायर तथा वितरकों के साथ अधिकारों के अनुरूप संचार कार्य करता है।

6. ई-अन्तर्वस्तु कार्य करने में सरल तथा परम्परागत प्रबन्धन सेवा की तुलना में अधिक विश्वसनीय होते हैं।

7. ई-अन्तर्वस्तु का प्रकाशन काफी जटिल प्रक्रिया द्वारा होता है जिसमें विशेषज्ञ कर्मचारियों की आवश्यकता होती है जिन्हें इसका पूर्ण ज्ञान होता है।

8. ई-अन्तर्वस्तु में जिस कोमल उपागमों का प्रयोग किया जाता है वह काफी महँगा होता है। 

  1. अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक
  2. अधिगम की विशेषताएं
  3. अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा Meaning of Learning in Hindi

Important Links

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment