बहुलवादी शिक्षा (Pluralistic Education)
एक समाज जिसमें भिन्न मानवजातीय, धार्मिक एवं सामाजिक समूह अपनी परम्पराओं एवं विशेष हितों में अपनी भागीदारी एवं विकास का रखरखाव करते हैं तथा वे देश की एकता हेतु आवश्यक अन्तर्निभरता के प्रति साथ-साथ कार्य करते हैं। बहुलवाद का दर्शन एवं विचार नया नहीं है। शिक्षा प्रणाली बहुलवादी विचारों के पालन एवं अभ्यास हेतु विद्यार्थियों, अध्यापकों, परामर्शदाताओं एवं समुदाय को अनुभव कराती है। बहुलवाद का दर्शन ‘शुद्धतम’ (Purist) शैक्षिक वातावरण तक ही सीमित नहीं है वरन् इसमें शिक्षको को प्रशिक्षण के दौरान जानकारी देना भी शामिल है। अध्यापक एवं समुदाय बहुलवाद के बारे में जागरूक हो रहे हैं। उन्हें बातचीत एवं भागीदारी के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। विद्यालयों द्वारा बहुलवाद का क्रियान्वयन विभिन्न गतिविधियों, वर्कशॉप, पाठ्यक्रम लघु समूहों आदि के माध्यम से किया जाता है।
बहुलवादी शिक्षा एक शैक्षिक अवधारणा है जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों में ‘बहुलवादी प्रवृत्ति’ का विकास करना होता है। इसके ज्ञानमीमांसा आधारों हेतु अवधारणा डीवी पर निर्भर है। गतिविधि, बातचीत की अवधारणाएँ तथा विविधता का महत्व प्रमुख है। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण स्थिति यह है कि शिक्षा का छात्रों के विकास पर वास्तविक प्रभाव हो सकता है। जब बहुलवादी शिक्षा की अवधारणा के बारे में आमंत्रित किया जाता है, तो अध्यापकों का समूह एक निश्चित स्तर की (affinity) को प्रदर्शित करता है। अध्यापकों से यह आशा की जाती है कि वे अपने छात्रों को बहुलवादी समाज में सकारात्मक भागीदारी करना सिखाएँ।
20वीं शताब्दी में बहुलवाद का उदय सम्प्रभुता के एकलवादी सिद्धान्त के विरुद्ध प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ। बहुलवाद एक प्रतिक्रियास्वरूप सिद्धान्त है। बहुलवाद वह सिद्धान्त है जिसके अनुसार समाज में आज्ञापालन कराने की शक्ति एक ही जगह केन्द्रित नहीं होती, बल्कि वह अनेक समूहों में बिखर जाती है, ये समूह मानव की भिन्न-भिन्न आवश्यकताएं पूरी करने का दावा करते हैं ।
आधुनिक राजनीतिक बहुलवाद का जनक
बहुलवाद को विचारधारा के रूप में स्थापित करने का श्रेय जर्मन समाजशास्त्रीय गीयर्क तथा ब्रिटिश विद्वान मेटलैंड को है, जिन्हें आधुनिक राजनीतिक बहुलवाद का जनक कहा जाता है।
बहुलवाद का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में और विभिन्न रूपों में होता है। सामान्य रूप से यह विचारों की विविधता को निरूपित करता है।
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