सामान्य अपवाद किसे कहते हैं? General Exception in law of tort in hindi?
सामान्य अपवाद किसे कहते हैं? – साधारणतया प्रतिवादी अपने द्वारा किये गये अपकृत्य के लिए उत्तरदायी होता है। इस नियम के कुछ अपवाद भी हैं, जबकि प्रतिवादी अपने अपकृत्यपूर्ण कार्य के लिए उत्तरदायी नहीं होता। अपवाद दो प्रकार के होते हैं। विशेष अपवाद तथा सामान्य अपवाद। विशेष अपवाद वह विशेषाधिकार (Privilege) का अपवादा इसके अतिरिक्त कई ऐसे अपवाद हैं जो सभी प्रकार के है जिनका सम्बन्ध विशेष प्रकार के अपकृत्यों से होता है, जैसे मानहानि की किसी कार्यवाही में अपकृत्यों में लागू होते हैं, इन्हें सामान्य अपवाद कहते हैं। उदाहरण के लिए, “सम्मति” (Consent) का सामान्य अपवाद अतिचार, मानहानि, मिथ्या कारावास तथा कई अन्य अपकृत्यों के मामलों लागू होता है। अपकृत्य के मुख्य सामान्य अपवाद निम्नलिखित हैं-
1. सम्मति (Volenti non fit injuria), 2. योगदायी उपेक्षा (Contributory)(Negligence), 3. वादी स्वयं अपकारी (Plaintiff the wrongdoer), 4. अनिवार्य दुर्घटना 7. भूल (Mistake), 8. आवश्यकता (Necessity), 9. सांविधिक प्राधिकार (Statutory Authority)
Important Links
- सांविधिक प्राधिकार किसे कहते है? statutory authority in tort in hindi
- कानून की आवश्यकता क्या है? – What is Necessity? necessity meaning in indian law
- प्राइवेट प्रतिरक्षा क्या है – What is Self Defence or Private Defence?
- ‘दैवीय कृत्य’ अपकृत्य विधि में कहाँ तक बचाव है? इसके आवश्यक तत्व का उल्लेख कीजिए।
- अपरिहार्य दुर्घटना क्या है? What is inevitable accident?
- नुकसान बिना विधिक क्षति क्या है? Damnum sine injuria in hindi
- विधिक क्षति बिना नुकसान क्या है? Injuria sine damno in hindi
- अपकृत्य एवं संविदा कल्प में अन्तर Difference between Tort and Quasi Contract
- जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार है | जहाँ अधिकार वहाँ उपाय | Ubi jus ibi remedium in hindi
- अपकृत्य एवं संविदा भंग में अन्तर Apkritya Evam Samvida Bhang Mein Antar
- अपकृत्य का अर्थ एवं परिभाषा Meaning and Definition of Tort Law
- अपकृत्य एवं अपराध में अन्तर – Difference between Tort and Crime in Hindi