टोटम आठ प्रकार के होते हैं जो निम्नवत् हैं- 1. गोत्र-टोटम, 2. पितृवंशीय टोटम, 3. मातृवंशीय टोटम, 4. व्यक्तिगत टोटम, 5. लिंग टोटम, 6. विभक्त टोटम, 6. विभक्त टोटम, 7. गर्भधारण कराने वाला टोटम, 8. बहुसंख्यक टोटम
1. गोत्र-टोटम (Clan Totem) –
इस प्रकार के टोटम का सम्बन्ध सम्पूर्ण गोत्र के होता है। गोत्र के सभी सदस्यों का विश्वास यदि एक टोटम-विशेष पर है तो उसे गोत्र-टोटा कहते हैं। इस टोटम पर विश्वास वंश-परम्परागत रुप से चलता रहता है। संगठन की दृष्टि से कभी-कभी कई गोत्र मिलकर एक बड़े समूह को जन्म देते हैं जिसे गोत्र-समूह या भ्रातृदल (Phratry) कहते हैं। हो सकता है इस भ्रातृदल का समग्र रूप में एक सामान्य टोटम हो; इसी प्रकार द्विदल- संगठन (Dual Organization) और उसके अर्धांश (Moiety) का भी एक सामान्य टोटम हो।
2. पितृवंशीय टोटम (Patrilineal Totem)-
यह वह टोटम है जिसका सम्बन्ध पितृवंशीय परिवारों से है। इस प्रकार का टोटम वंश के आधार पर होता है और प्रत्येक वंश अपना एक अलग टोटम अपना लेता है। अगर वह वंश पितृवंशीय है तो उस वंश से सम्बन्धित टोटम को पितृवंशीय टोटम कहते हैं। इस प्रकार के टोटम ऑस्ट्रेलिया के जनजातीय समाजों में पाए जाते हैं।
3. मातृवंशीय टोटम (Matrilineal Totem)-
यह वह टोटम है जिसका सम्बन्ध मातृवंशीय परिवारों से है। अगर एक वंश मातृवंशीय है और उस वंश का अपना टोटम है, तो उसे मातृवंशीय टोटम कहते हैं। इस प्रकार के टोटम दक्षिणी वेल्स, विक्टोरिया तथा दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया की कुछ जनजातियों में पाए जाते हैं।
4. व्यक्तिगत टोटम (Individual Totem)-
इस प्रकार के टोटम से गोत्र के किसी व्यक्ति-विशेष का सम्बन्ध होता है और चूँकि यह टोटम सम्पूर्ण गोत्रक्ष का नहीं बल्कि व्यक्ति का होता है इसलिए इसका महत्त्व गोत्र के लिए न होकर केवल उसी व्यक्ति के लिए होता है। गोत्र के अन्य व्यक्ति उसमें विश्वास नहीं रखते और न ही इस प्रकार टोटम अधिक स्थायी होता है। व्यक्तिगत टोटम के उत्तम उदाहरण न्यू दक्षिणी वेल्स में मिलते हैं जहाँ प्रत्येक चिकित्सक (medicine man) कुछ असाधारण अलौकिक शक्ति का अधिकारी होता है। यह विश्वास किया जाता है कि ये शक्तियाँ उसे अपने व्यक्तिगत टोटम, कोई पशु से प्राप्त हुई हैं जिससे उस व्यक्ति के लिए जादू-टोना आदि करना सम्भव होता है।
5. लिंग टोटम (Sex Totem)-
लिंग टोटम से तात्पर्य है कि कुछ समाजों में स्त्री दोनों का ही टोटम अलग-अलग होता है। इस प्रकार स्त्री-पुरुष के आधार पर एक गोत्र दो टोटम-समूहों में बँट जाता है – एक समूह स्त्रियों का होता है और इनका अपना एक टोटम होता है जिसमें गोत्र की सभी स्त्रियाँ विश्वास करती हैं। दूसरा समूह पुरुषों का होता है और इनका भी अपना पृथक् टोटम होता है जिसमें गोत्र के सभी पुरुष विश्वास करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी भाग में रहने वाले आदिवासियों में इस प्रकार के लिंग टोटम पाए जाते हैं। इसी प्रकार हंटर नदी (न्यू दक्षिणी वेल्स) के किनारे रहने वाली जनजातियों में कठफोड़वा (Wood-pecker) तो स्त्रियों का टोटम है और चमगादड़ (bat) पुरुषों का।
6. विभक्त टोटम (Split Totem)-
कई समाजों में किसी पशु या पक्षी को पूरे तोर पर टोटम न मानकर उसके शरीर के किसी एक अंग को, जैसे उसके दिल को, लिवरं को या खाल को टोटम माना जाता है। इस प्रकार के विभक्त टोटम की उत्पत्ति तब हो पाती है जब मूल भी अनेक भागों में बँट जाता है। पहले जब यह गोत्र अविभाजित था तब एक पशु पूरे तौर पर ही उस गोत्र का टोटम था, परन्तु जैसे-जैसे गोत्र विभिन्न भागों में बँट जाने लगे वैसे-वैसे प्रत्येक भाग ने उस पशु के शरीर के एक-एक अंग को टोटम के रुप में ग्रहण कर लिया जिससे प्रत्येक भाग की अपनी कुछ विशिष्टता बनी रहे। इस प्रकार गोत्र के विभक्त होने के साथ-साथ टोटम-पशु भी विभक्त जाते हैं, इसीलिए इसे विभक्त टोटम कहा जाता है। छोटा नागपुर की जनजातियों में ऐसे टोटम उदाहरण मिलते हैं। वहाँ पर जैसे ही एक गोत्र का आकार बड़ा हो जाता है वैसे ही वह गोत्र कुन उपगोत्रों में बँट जाता है और प्रत्येक उपगोत्र अपने मूल टोटम-पशु, पक्षी या पेड़-पौधे के एक अलग विशेष को टोटम के रुप में अपनाकर सन्तोष कर लेता है।
7. गर्भधारण कराने वाला टोटम (Conceptional Totem)-
टोटम का वास्तविक जटिल रुप ऑस्ट्रेलिया की जनजातियों में देखने को मिलता है। उसी जटिल रुप का एक अनोखा स्वरूप यही गर्भधारण कराने वाले टोटम पर विश्वास है। उत्तरी-केन्द्रीय ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानी भाग में रहने वाली अरुण्टा (Arunta) जनजाति में एक टोटम-समूह की सदस्यता कुछ टोटम- केन्द्रों के आधार पर निश्चित होती है और वह इस प्रकार से कि एक बच्चा उसी टोटम-केन्द्र से सम्बन्धित समझा जाता है जहाँ उसकी माँ सर्वप्रथम गर्भवती हुई थी। और भी स्पष्ट रुप से, इस जनजाति में यह विश्वास किया जाता है कि स्त्रियाँ टोटम की कृपा से ही गर्भवती होती हैं या टोटम ही स्त्रियों को गर्भधारण करवाने वाला होता है। यह टोटम-आत्मा कुछ ‘केन्द्रों’ (साधारणतः कोई टीला, पेड़ आदि) में निवास करती है और जब कोई स्त्री उस केन्द्र के पास से गुजरती है तो वह आत्मा उस स्त्री के शरीर में प्रवेश कर जाती है। फलतः वह स्त्री गर्भवती हो जाती है। जिस टोटम-केन्द्र से वह स्त्री गर्भवती होती है या गर्भवती होने का ज्ञान होता है, उसकी सन्तान उसी टोटम-केन्द्र की सदस्य मानी जाती है। इस विश्वास के आधार पर ही उक्त जनजाति में कई ऐसे पवित्र टोटम केन्द्र होते हैं जहाँ पर, उनके विश्वास के अनुसार, उनके काल्पनिक पूर्वज की आत्मा मृत्यु के पश्चात् निवास करती है।
8. बहुसंख्यक टोटम (Linked or Multiple Totem)-
कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है कि एक ही गोत्र-समूह के दो या अधिक टोटम हैं। बगण्डा (Baganda) जनजाति में बिल्कुल है। वास्तव में देखा जाए तो केवल
Important Links
- टोटम एवं टोटमवाद की परिभाषा तथा इसकी विशेषताएँ | Definition & characteristics of Totem and Totemism
- आदिम/ जनजातिय धर्म क्या है? टाइलर के धर्म सम्बन्धी विचार | Meaning of tribal religion and ideas of Taylor’s religion in Hindi
- नातेदारी की परिभाषा एवं इसके प्रमुख भेद
- नातेदारी व्यवस्था में ‘परिहास’ सम्बन्धों को स्पष्ट कीजिए। ( Avoidance relations in kinship system)
- जनजातीय परिवार का अर्थ तथा इसकी विशेषताएं- Meaning of tribe family & it characteristics in Hindi
- जनजातियों में जीवन साथी चुनने के तरीके | Ways to choose a life partner in tribes
- जनजातियों में विवाह के स्वरूप- एक विवाह, बहुपत्नी विवाह, बहुपति विवाह in Hindi
- जनजातीय युवा गृह का अर्थ तथा भारतीय जनजातियों में युवा गृह -Sociology in Hindi
- जनजातीय सामाजिक संगठन | Social Organisation of tribe in Hindi
- भारतीय जनजातियों के भौगोलिक वर्गीकरण | Geographical classification of Indian tribes
- सामाजिक परिवर्तन के उद्विकासवादी सिद्धान्त का आलोचनात्मक | Evolutionary Theory of social Change in Hindi
- संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य की उपयोगिता तथा इसकी सीमाएं -sociology in Hindi
- संस्कृति और समाज में सम्बन्ध | Relationship between in culture & society in Hindi
- सामाजिक प्रतिमानों की अवधारणा तथा उसकी विशेषताएँ एवं महत्व | Concept of social models
- मैक्स वेबर की सत्ता की अवधारणा और इसके प्रकार | Concept of Power & its Variants
- मैक्स वेबर के आदर्श-प्रारूप की धारणा | Max Weber’s Ideal Format Assumption in Hindi
- स्पेन्सर के सामाजिक संगठन के ऐतिहासिक विकासवाद | Historical Evolutionism in Hindi
- स्पेन्सर के समाज एवं सावयव के बीच समानता | Similarities between Spencer’s society & matter
- मार्क्स के वर्ग-संघर्ष सिद्धांत | Marx’s class struggle Theory in Hindi
- आधुनिक पूँजीवादी व्यवस्था में मार्क्स के वर्ग-संघर्ष | Modern capitalist system in Hindi
- अगस्त कॉम्टे के ‘प्रत्यक्षवाद’ एवं कॉम्टे के चिन्तन की अवस्थाओं के नियम
- आगस्ट कॉम्टे ‘प्रत्यक्षवाद’ की मान्यताएँ अथवा विशेषताएँ | Auguste Comte of Positivism in Hindi
- कॉम्ट के विज्ञानों के संस्तरण | Extent of Science of Comte in Hindi
- कॉम्ट के सामाजिक स्थिति विज्ञान एवं सामाजिक गति विज्ञान – social dynamics in Hindi
- सामाजिक सर्वेक्षण की अवधारणा और इसकी प्रकृति Social Survey in Hindi
- हरबर्ट स्पेन्सर का सावयवि सिद्धान्त एवं सावयवि सिद्धान्त के विशेषताएँ
- मार्क्सवादी द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद (Dialectical materialism) की विशेषताएँ
- द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद (कार्ल मार्क्स)| Dialectical materialism in Hindi