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श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ Characteristics at Hearing Impairment Children in Hindi

श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ
श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ

श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ Characteristics at Hearing Impairment Children in Hindi

श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ (Characteristics at Hearing Impairment Children)- श्रवण बाधित बालकों में अनेक प्रकार की विशेषताएँ पायी जाती है-

भाषा सम्बन्धी विशेषताएँ (Lauguage Characteristics)- बालकों की भाषा से सम्बन्धित विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-

(1) श्रवण बाधित बालकों की भाषा भी अत्यन्त प्रभावित होती है।

(2) इनको प्रशिक्षण के द्वारा उचित शिक्षा प्रदान की जाती है। विकास नहीं कर पाते हैं।

(3) गम्भीर बाधितों में यह सबसे बड़ी कठिनाई होती है कि यह बालक का सामान्य

(4) यह भाषा का कम प्रयोग करते हैं।

(5) इनके गहन प्रशिक्षण के द्वारा भाषा का सामान्य विकास हो जाता है।

(6) इन बालकों की अभिवृत्ति ऐसी होती है कि वे अपने को बोलने में अयोग्य की शैक्षिक समझते हैं, परन्तु यह वैज्ञानिक आधार नहीं होता है।

शैक्षिक विशेषताएँ (Academic Characteristics)- श्रवण बाधित बालकों की विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-

(1) इन बालकों की शिक्षा सम्बन्धी अनेक विशेषताएँ होती हैं।

(2) इनका बौद्धिक स्तर तो ऊँचा होता है, परन्तु फिर भी इनकी शैक्षिक उपलब्धि ऊँची नहीं होती।

(3) इन बालकों की शैक्षिक निष्पत्ति के हालात ज्यादा उच्च नहीं होते, क्योंकि शैक्षिक निष्पत्ति में शाब्दिक योग्यता की भूमिका उच्च होती है।

(4) इन बालकों को पढ़ने में कठिनाई होती है, क्योंकि इनकी भाषा का सही विकास नहीं होता है।

बौद्धिक योग्यता सम्बन्धी विशेषताएँ (Intellectual Characteristics)- बौद्धिक योग्यता सम्बन्धी विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-

(1) श्रवण बाधित बालकों का मानसिक विकास सामान्य बालकों के समान ही होता है।

(2) इन बालकों के बौद्धिक कार्य सामान्य बालकों के जैसे ही होते हैं।

(3) इनकी चिन्तन शक्ति सामान्य बालकों जैसी होती है।

(4) यह बालक अशाब्दिक भाषा से बौद्धिक कार्य करने में समक्ष होते हैं।

(5) इन बालकों की बौद्धिक अशाब्दिक परीक्षा में इनकी बुद्धि-लब्धि उच्च होती है।

सामाजिक व व्यावसायिक विशेषताएँ (Social and Occkupational Char- acteristics)- सामाजिक तथा व्यावसायिक विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-

(1) श्रवण बाधित बालक अपने ही समूह में रहना पसन्द करते हैं तथा उनसे सम्बन्ध बनाते हैं, उनकी रुचियाँ भी समान होता हैं।

(2) सम्प्रेषण की समस्याओं के कारण समाज में इनकी अन्तःप्रक्रिया नहीं हो पाती है।

(3) इन बालकों की इच्छाएँ तो अधिक होती हैं कि इन्हें सामाजिक मान्यता मिले व सामाजिक अन्तःप्रक्रिया हो तथा इस इच्छा पूर्ति के न होने से उनमें हीनभावना अधिक हो जाती है।

(4) श्रवण बाधित बालकों के सामाजिक व व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताएँ सामान्य बालकों से अलग होती हैं।

(5) श्रवण बाधित बालकों में भावात्मक समायोजन में सामान्य बालकों के समान होते हैं। सामान्य बालकों की तरह वातावरण के घटक उनके भावात्मक पक्ष को प्रभावित करते हैं।

अन्य विशेषताएँ (Other Characteristics)- कुछ शोध अध्ययनों के फलस्वरूप यह पता चला है कि श्रवण बाधित बालकों की मानसिक योग्यता कम होती है तथा इनकी शैक्षिक योग्यता एवं समायोजन भी उत्तम नहीं होता है, उसे गौण नहीं समझा जा सकता है।

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