B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

केन्द्रीय प्रशासन के लाभ | केन्द्रीय प्रशासन की हानि/दोष

केन्द्रीय प्रशासन के लाभ या हानि
केन्द्रीय प्रशासन के लाभ या हानि

केन्द्रीय प्रशासन के लाभ | केन्द्रीय प्रशासन की हानि/दोष

केन्द्रीय प्रशासन के लाभ-

इसके लाभ निम्नलिखित हैं-

1. इसमें देश के सभी संसाधनों का एक साथ उचित मात्रा में नियोजन किया जाता है।

2. केन्द्रीय प्रशासन से प्रान्तीयता व स्थानीयता के स्थान पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण से विचार किया जाता है जिससे राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बल मिलता है।

3. केन्द्रीय प्रशासन से राष्ट्रीय संस्कृति, सभ्यता एवं मूल्यों का संरक्षण होता है तथा उनके विकास में वृद्धि होती है।

4. केन्द्रीय प्रशासन से शिक्षा प्रणाली तथा पाठ्यक्रम में एकरूपता आती है। इसके कठिनाई नहीं होती। इसके एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त में स्थानान्तरित होने वाले कर्मचारियों के बालकों को भी अध्ययन में कठिनाई नही होती |

5. केन्द्रीय प्रशासन में व्यापक योजनाएँ बनाना सम्भव है जिससे राष्ट्रीय विकास में वृद्धि होती है।

6. केन्द्रीय प्रशासन में राज्यों तथा अन्य स्तर की शैक्षिक समस्याओं को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में सुलझाया जा सकता है।

केन्द्रीय प्रशासन की हानि/दोष

केन्द्रीय प्रशासन के हानि/दोष- भारत एक जनतांत्रिक देश होने के नाते इस देश का प्रबन्धन साम्यवादी व अधिनायकवादी राष्ट्रों के समान नहीं हो सकता है। लोकतंत्र में केन्द्र सलाहकार के रूप में कार्य करता है तथा राज्यों को उसकी आवश्यकता के अनुरूप विकास का अवसर देता है। अतः इस प्रकार के प्रबन्धन में निम्न दोष स्पष्ट देखे जा सकते हैं-

1. चूँकि इस प्रशासन में वैयक्तिक रुचि व क्षमता की उपेक्षा होती है अतः इस प्रकार के प्रबन्धन को जनतंत्र पर चोट की तरह ही माना जाता है।

2. इस प्रकार की व्यवस्था में व्यक्ति की भावना, रुचि, क्षमता आदि का कोई स्थान नहीं है, नियम सभी के लिये समान है। अतः व्यक्ति स्वतन्त्र होकर कार्य नहीं कर सकता अतः हमेशा तनावग्रस्त रहता है। इसके साथ ही इस प्रबंधन व्यवस्था में गुणवत्ता पर बल न देकर उत्पाद व परिणामों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

3. भौगोलिक दृष्टि से भी भारत जैसे विशाल देश में अनेक सामुदायिक, भाषिक व सांस्कृतिक भिन्नताएँ हैं परन्तु इस प्रबन्धन में स्थानीय आदर्शों, मान्यताओं व आकांक्षाओं की उपेक्षा किये जाने से यह व्यवस्था (उपागम) उचित नहीं समझी जाती है। है जिसमें स्थानीय स्तर के चिन्तन व सृजनशीलता को चोट पहुंचती है। अतः इसे अच्छी व्यवस्था

4. इस प्रशासन व्यवस्था में केवल केन्द्रीय नीतियों को ही लागू करने पर जोर रहता नहीं माना जाता है।

5. केन्द्रीय प्रशासन में एकरूपता पर ही अधिक बल देने से शैक्षिक पर्यावरण में नव-सृजनता व नवाचारों को प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है।

Important Links

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment