व्यक्तित्व परिसूची (Personality Inventory Method)
“व्यक्तित्व परिसूची में व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित विभिन्न परीक्षण पद (Test-items) दिये होते हैं जिनके सम्मुख परीक्षार्थियों को ‘हाँ या ‘नहीं’ लिखकर या लिखे हुए ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में सही निशान लगाकर अपने सम्बन्ध में सूचना देनी पड़ती है। इसलिए इस विधि को स्वयं द्वारा प्रस्तुत आख्या विधि (Self-reporting Method) कहते हैं। इस विधि 1 प्रयोग सामूहिक रूप से किया जाता है फलस्वरूप थोड़े समय में बहुत से व्यक्तियों के व्यक्तित्व का की परीक्षा हो जाती है। इसमें साक्षात्कारकर्त्ता तथा निर्णायकों की कोई आवश्यकता नहीं होती, साथ-ही-साथ व्यय भी बहुत कम होता है। इनमें सबसे बड़ा दोष यह होता है कि परीक्षार्थी परीक्षण-पदों को ठीक से न समझ पाएँ या जान-बूझकर गलत उत्तर ही दे दें। इस तरह इस विधि में गलत सूचना मिलने की सम्भावना बनी रहती है।
कुछ प्रमुख व्यक्तित्व परिसूचियाँ (Some Important Personality Inventories)
इंग्लैण्ड तथा अमेरिका में शिक्षा निर्देशन तथा मानसिक स्वास्थ्य में निम्नलिखित व्यक्तित्व परिसूचियों का बहुत उपयोग होता है-
(1) वुडवर्थ का व्यक्तित्व तथ्य पत्रक (Woodworth’s Personal Data Sheet)
(2) कौनेल सूचक (Cornall Index)
(3) बेल की अभियोजन परिसूची (Bell’s Adjustment Inventory)
(4) आलपोर्ट का आरोह-अभिनव प्रतिक्रिया अध्ययन (Allport’s A S Reaction Study)
(5) फ्रायड हेडब्रेडर का अन्तर्मुखी – बहिर्मुखी परीक्षण (Freud Heidbreder’s Introversion-Extroversion Test)
(6) वर्नयूटर की व्यक्तित्व परिसूची (Bernreuter’s Personality Inventory)
(7) गिलफोर्ड मार्टिन की परिसूची (Guilford Martin’s Inventory of Factors GAMIN)
(8) मिनेसोटा बहुरूप व्यक्तित्व परिसूची (Minnesota Multiphasic Personality Inventory)।
मनोविज्ञानशाला, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद व्यक्तित्व परिसूची (Bureau of Psychology, Utter Pradesh, Allahabad Personality Inventory)
मनोविज्ञानशाला, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद द्वारा भी एक व्यक्तित्व परिसूची का निर्माण हुआ है। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के मधुसूदन सक्सेना तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ० अस्थाना ने भी इस प्रकार की व्यक्तित्व परिसूची निर्मित की है। मनोविज्ञानशाला, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद द्वारा प्रयोग होने वाली व्यक्तित्व परिसूची निम्नलिखित चार खण्डों में विभाजित है-
(i) तुम्हारा घर एक परिवार, (ii) तुम्हारा स्कूल, (iii) तुम और दूसरे लोग (IV) तुम्हारा स्वस्थ्य एवं अन्य समस्याए
उपर्युक्त चारों खण्डों में क्रमश: 30, 40, 35 तथा 40 समस्याएँ हैं। इस प्रकार कुल व्यक्तित्व परिसूची में 145 समस्याएँ हैं। व्यक्तित्व परिसूची में परीक्षण-पद (Test-items) समस्याओं (Problems) के रूप में रखे गये हैं। परीक्षार्थी अपने ऊपर लागू होने वाली समस्या पर सही (V) का निशान लगाता है। निम्नलिखित उदाहरण पढ़िए और अपने ऊपर लागू होने वाली समस्या पर सही (√ ) का निशान लगाइए-
I. प्रथम खण्ड- तुम्हारा घर एवं परिवार
(1) मुझे माता-पिता से पृथक् रहना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता।
(2) मेरे माता- पिता मुझ पर कठोर नियन्त्रण रखते हैं।
( 3 ) मेरे विचार बहुत-सी बातों में मेरे घर वालों से भिन्न हैं।
II. द्वितीय खण्ड-तुम्हारा स्कूल
(1) टीम का कप्तान बनाये जाने पर मुझे खेल का आनन्द नहीं आता।
(2) मैं चाहते हुए भी कक्षा में प्रश्न नहीं पूछ पाता।
(3) अन्य छात्रों को परेशान देखकर में स्वयं दुःखी हो जाता हूँ।
III. तृतीय खण्ड-तुम और दूसरे लोग
(1) मैं आसानी से मित्र नहीं बना पाता हूँ।
(2) मुझे बहुत शीघ्र क्रोध आ जाता है।
(3) मेरे धर्म एवं जाति को अन्य लोग बुरा समझते हैं।
IV. चतुर्थ खण्ड-तुम्हारा स्वास्थ्य एवं अन्य समस्याएँ
(1) मैं चाहता हूँ कि मेरा शरीर सुन्दर एवं सुडौल हो
(2) मुझे ठीक से भूख नहीं लगती।
(3) मैं बहुत शीघ्र थक जाता हूँ।
उपर्युक्त समस्याओं की व्याख्या मरे (Murray) द्वारा प्रस्तुत मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं (Psychological Needs) के रूप में जानी जाती है। इससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तित्व की मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं एवं समस्याओं का पता चलता है। इस व्यक्तित्व परिसूची का प्रयोग निर्देशन (Guidance) तथा परामर्श (Counselling) के क्षेत्र में मनोविज्ञानशाला, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद तथा उसकी विभिन्न शाखाओं द्वारा होता है।
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