त्रिविमीय अथवा त्रि-आयामी अधिगम क्या है ?(3-D Learning in Hindi)
त्रि-विमीय अधिगम को ‘भविष्य की शिक्षा में अधिगम’ के नाम से जाना जाता है या इसे शोधकर्ता की टीम द्वारा ‘लाइफ प्रोजेक्ट’ (Life Project) के नाम से सम्बोधित किया जाता है। इण्टरनेशनल रिसर्च एजेन्सी ने अपने अनुसंधान में 3-D अधिगम के बालकों पर प्रभाव को विस्तृत रूप से समझाया है। लाइफ-1 (LIFF-1) प्रोजेक्ट कक्षा में त्रिविमीय अधिगम के अनुभवों को तथा इसके प्रभावी प्रकारों को एवं इनके मूल्यों को स्पष्ट रूप से समझाया है। पाइलट अनुसंधान ने सीखने की रणनीतियों, प्रक्रियाओं की जाँच किया एवं इसके शैक्षिक परिणामों पर सार्थक प्रभाव डाला।
शब्द ‘त्रि-आयामी शिक्षा’ तीन पहलुओं को संदर्भित करता है जो कि प्रत्येक मानक का समर्थन करता है जिसे प्रदर्शन अपेक्षाएँ कहते हैं। ये तीन आयाम निम्न हैं-
(1) विज्ञान एवं इंजीनियरिंग
(2) क्रॉस कटिंग अवधारणाएँ
(3) अनुशासनात्मक कोर विचारधारा
त्रि-आयामी अधिगम विज्ञान कक्षाओं पर ध्यान केन्द्रित करती है। ऐसा वातावरण जहाँ छात्र अपने अनुशासनात्मक मूल विचारों का उपयोग करते हैं। वैज्ञानिक प्रथाओं के साथ क्रॉस कटिंग अवधारणाओं को तलाशने, जाँचने और समझने के लिए प्रयोग इसलिए किया जाता है। कि कैसे और क्यों घटनाएँ होती हैं और उनका समाधान किस प्रकार किया जा सकता है।
कक्षा में त्रि-आयामी शिक्षण क्या है ? (What is 3 D learning in Classroom ?)
कम्प्यूटर आधारित एनीमेशन को 1960 के दशक में कुछ समय हेतु विकसित किया गया था। त्रि-आयामी एनीमेशन का प्रयोग मानव के प्रतिनिधित्व को दर्शाता था जिसे ‘बोइंग मैन’ (Boeing Man) की संज्ञा दी गयी।
कक्षा में 3-D का प्रयोग पिछले 12 महीनों में उभरकर आया है और शिक्षण एवं अधिगम में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपने को प्रतिष्ठित किया है। त्रि-आयामी चश्मे – त्रिआयामी प्रभाव को बनाने के लिए दो प्रतिबिम्बों से जुड़े हैं।
त्रि-विमीय अधिगम का महत्त्व (Importance of 3-D Learning)
बच्चों को यह समझने में कठिन लगता है कि क्या दृश्य नहीं है। दृश्य अधिगम विद्यार्थियों की कार्यक्षमता को समझने में सुधार करता है। किसी वस्तु का पूरा भाग देखकर उसके कुछ भागों को समझ जाते हैं। अनुसंधान के परिणाम यह सूचित करते हैं कि 85% छात्र देखकर एवं केवल 15% छात्र सुनकर सीखने सक्षम होते हैं। इस प्रकार त्रि-विमीय अधिगम का शिक्षण एवं अधिगम में दोनों में व्यापक महत्त्व है।
कक्षा-कक्ष अन्तर्क्रिया पर त्रि-आयामी अधिगम का प्रभाव (The Impact of 3D Learning on Classroom Interactions)
त्रिविमीय अधिगम का प्रयोग विद्यार्थियों के व्यवहार एवं संचार पद्धतियों के सकारात्मक परिवर्तन के कारण हुआ है। ‘कार्य पर’ शीर्षक के अन्तर्गत वार्त्ता के समय कक्षा में त्रिविमीय पाठ को प्रश्नों के माध्यम से परिचय प्राप्त किया गया था। त्रि-आयामी समूह के विद्यार्थी जटिल प्रश्नों को पूछने के लिए बहुत अधिक इच्छुक थे।
3-D उपागम द्वारा सीखने हेतु विद्यार्थी अत्यधिक अभिप्रेरित थे। इसके दौरान शिक्षाविदों ने यह पाया कि 3-D तकनीक ने विद्यार्थियों के ज्ञान को गहराई से समझने योग्य बनाया, ध्यान केन्द्रीकृत करनें, अत्यधिक अभिप्रेरणा और अधिक व्यस्तता को बढ़ाने में अपना प्रभाव स्पष्ट किया।
एक उच्च स्तरीय सर्वेक्षण से पता चला कि 100% शिक्षकों का मानना है कि विद्यार्थियों ने अन्य प्रकार के अधिगम की अपेक्षा 3-D अधिगम में अत्यधिक ध्यान दिया है। 70% अध्यापकों ने यह नोट किया कि 3-D अधिगम के प्रयोग से विद्यार्थियों के व्यवहार में काफी सुधार हुआ है। ऐसा मानना है कि लगभग 46% विद्यार्थियों ने लगभग 5 मिनट के अन्तराल में 3-D अधिगम में रुचि दिखाते हैं। 3-D के 5 मिनट के कार्यक्रम में लगभग 96% विद्यार्थी सम्मिलित हुए एवं इसके प्रति रुचि दिखाई।
इस प्रकार त्रि-आयामी कक्षाकक्ष में अधिगम की अन्तःक्रिया पर व्यापक प्रभाव पड़ा है छात्र बहुत रुचि से त्रि-विमीय या त्रि-आयामी अधिगम की ओर अपना ध्यान आकर्षित कर अधिगम की प्रक्रिया में भाग लेते हैं।
कक्षा में त्रि-आयामी अधिगम के सुधार हेतु रणनीति (Strategies for Implementing 3-D Learning in the Classrroom)
यह सामान्य रूप से 3-D एनीमेशन किसी नियमित कक्षा के पर्यावरण में प्रसारित करना आसान है। एक शिक्षक को अध्यापन कार्य शुरू करने के लिए त्रि-आयामी शिक्षण अधिगम का ज्ञान अति आवश्यक है।
डी०एल०पी० त्रिआयामी प्रक्षेपक (A DLP 3 D-enabed Projector)
विद्यालयों के लिए अधिक संख्या में नये प्रोजेक्टर खरीदना आसान नहीं है यह अत्यधिक खर्चीला है। भविष्य में DLP प्रोजेक्टर सामान्यतः अधिक खर्चीले नहीं हैं।
अच्छे ग्राफिक्स क्षमतायुक्त लैपटाप या पर्सनल कम्प्यूटर (A Laptop or PC with gord Graphic Capability) बहुत कम कीमत अच्छी गुणवत्ता के PC व लैपटाप आवश्यक ग्राफिक्स कार्ड के साथ व्यवस्थित किये जा सकते हैं।
त्रि-विमीय विषय सूची (3–D Content)– वर्तमान समय में 3–D सॉफ्टवेयर लगभग 3,000 की संख्या में निःशुल्क विषय सूची ऑनलाइन उपलब्ध है। इससे लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
त्रि-विमीय क्रियात्मक चश्मे (3–D Active Glasses)– अनेक कम्पनियाँ अधिक संख्या में एक्टिव ग्लासेज (क्रियाशील चश्मों) का निर्माण कर रही हैं। वे बहुत कम कीमत एवं अच्छे गुणवत्ता से युक्त हैं। विद्यार्थियों को पहचान कर क्रियाशील चश्मों को प्राप्त करना चाहिए जो कि बालकों हेतु उपयुक्त हों। इस तरह के चश्मों के अनेक सैट प्रायः उपलब्ध रहते हैं।
त्रि-विमीय क्रियात्मक चश्मों की उपयोगिता त्रि-आयामी अधिगम हेतु बालकों को अत्यधिक है इससे उनकी आँखों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे आँखों की सुरक्षा बनी रहती है छात्र-हित में यह एक अच्छा प्रयास है। इस प्रकार त्रि-आयामी अधिगम की रणनीतियों में व्यापक सुधार करके शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाया गया है।
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