अपकृत्य विधि (Law of Tort)

अन्तिम अवसर का सिद्धान्त | अन्तिम अवसर के नियम

अन्तिम अवसर का सिद्धान्त
अन्तिम अवसर का सिद्धान्त

अन्तिम अवसर का सिद्धान्त | अन्तिम अवसर के नियम The last opportunity rule Or rule of last opportunity

अन्तिम अवसर का सिद्धान्त के अनुसार जब दो व्यक्ति लापरवाह हों तब वह व्यक्ति क्षति के लिये उत्तरदायी होगा जिसे साधारण सी सावधानी बरत कर दुर्घटना को टालने के बाद में अवसर मिला था। यह नियम डेंवीज बनाम मान्न के मामले में लागू किया गया था। इस मामले में वादी ने अपने गधे के पैरों को बाँधकर एक संकरे राजमार्ग पर छोड़ दिया था। प्रतिवादी अपनी गाड़ी को अत्यन्त तेजी से चला रहा था। गधा उसके नीचे आ गया और उसकी मृत्यु हो गई। अपनी स्वयं की उपेक्षा टालने के बावजूद भी वादी प्रतिकर का दावा करने का हकदार माना गया क्योंकि दुर्घटना को टालने के लिए उसको अन्तिम अवसर प्राप्त हुआ था। ‘अन्तिम अवसर’ का नियम भी अत्यधिक असन्तोषप्रद था क्योंकि वह पक्षकार जिसका पूर्ववर्ती कार्य उपेक्षा से परिपूर्ण था अपने उत्तरदायित्व से बचा जाता था, और जिसका कार्य उसके पूर्ववर्ती पक्षकार के उपेक्षापूर्ण कार्य के बाद उपेक्षा से परिपूर्ण होता था, पूर्ण रूप से उत्तरदायी बनाया जाता था चाहे भले ही प्रतिफलित दोनों ही पक्षकारों की उपेक्षा से उत्पन्न हुई हो। इंग्लैण्ड में यह विधि परिवर्तित कर दी गई।

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